A Historic Mass Suicide: जब अन्धविश्वास के चलते 900 से अधिक लोगों ने की थी अनजाने में सामुहिक आत्महत्या
न्यूज़ डेस्क: देश दुनिया टुडे– A Historic Mass Suicide,
अन्धविश्वास एक ऐसी मान्यता है जिसे धारण करने वाले को यह मिथ्या भ्रम ही सत्य लगने लगता है। इसीलिये अन्धविश्वासी व्यक्ति हर वो कार्य करने के लिये तैयार हो जाता है, जो उसे उसका प्रयोगकर्ता व्यक्ति कहता है। फिर चाहे वह प्रयोगकर्ता उसका किसी प्रकार का भी शोषण करे या अंधविश्वासियों को मौत को गले लगाने का आदेश क्यों न दे दे। और ऐसी घटनायें आये दिन कहीं न कहीं से देखने और सुनने को मिलती ही रहती हैं।
आज ऐसी ही एक अन्धविश्वास की सच्ची घटना आपके संज्ञान में लाने जा रहे हैं, जिसे पढ़कर आपकी अन्तरात्मा कुछ समय के लिये परेशान हो जायेगी। क्योंकि इस घटना में एक, दो या दस नहीं बल्कि 900 से अधिक लोगों ने अन्धविश्वास के चलते खुद मौत को गले लगा लिया था। आप सोचते होंगे कि दुनिया में सबसे ज़्यादा अन्धविश्वास भारत में है? नहीं, यह अन्धविश्वास की मान्यता दुनिया के उन देशों में भी है, जहाँ आज भौतिकवाद चरम पर है। (A Historic Mass Suicide)
दरअसल हम बात कर रहे हैं दुनिया के एक शक्तिशाली देश अमेरिका की, जहाँ के गुयाना क्षेत्र में सन 80 के दशक में एक साथ एक ही समय में 900 से अधिक अंधविश्वासी लोगों ने लोगों ने अज्ञानतावश अंधविश्वास के चलते विषपान करके आत्महत्या कर ली थी। बता दें कि इस वीभत्स और दिल को झकझोर देने वाली घटना को दुनिया की सब से बड़ी आत्महत्या की घटना माना जाता है।
दरअसल यह घटना अमेरिका के जोंसटाउन की है। जहाँ पर एक जिम जोंस नाम के धर्मगुरु खुद को भगवान का अवतार कहता था। उसने अपने आप को लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिये ज़रूरतमंद लोगों की सहायता करने के नाम पर वर्ष-1956 ई० में एक ‘पीपल्स टेंपल’ (चर्च) बनाया। (A Historic Mass Suicide)
जिम जोंस ने अपने धार्मिक क्रियाकलापों और अन्धविश्वासिता के दम पर हज़ारों लोगों को अपना अनुयायी बना लिया था। क्यूँकि जिम जोंस के विचार उस समय की अमेरिकी सरकार से बिल्कुल भिन्न थे। इसलिये वह अपने उन अनुयायियों के साथ जो उसके अन्धविश्वास में पूरी तरह से डूब चुके थे, उन्हें लेकर शहर से दूर गुयाना के जंगलों में चला गया। (A Historic Mass Suicide)
उसने गुयाना में एक छोटा सा गाँव बसाया था। जिम जोंस कुछ समय बाद लोगों की अन्धविश्वासिता की आड़ में अपने अनुयायियों पर अत्याचार करने लगा था। वह दिनभर उनसे काम करवाता था। यहाँ तक कि जब वे (अनुयायी) रात में थक हारकर सोने की कोशिश थे तो वह उन्हें सोने भी नहीं देता था। और रात को अपना व्याख्यान शुरु कर देता था। और उसके सिपाही सभी घरों में जाते और अगर कोई अनुयायी सोता हुआ मिलता था तो उसको कड़ा दण्ड देता था। (A Historic Mass Suicide)
यहाँ तक कि कोई गाँव से भाग न जाये इसके लिये उसके सिपाही गाँव के चारों तरफ़ पहरा देते थे। लेकिन जब अमेरिकी सरकार को जिम जोंस के लोगों पर किये जा रहे अत्याचारों के बारे में पता चला तो सरकार ने उस पर कार्यवाही करने की तैयारी कर ली। सरकार की कार्यवाही करने की कार्ययोजना की भनक लगते ही जिम जोंस ने अपने सभी अनुयायियों को एक जगह एकत्रित होने को कहा। (A Historic Mass Suicide)
अपने अनुयायियों को एक जगह एकत्रित कर जिम जोंस ने अनुयायियों से कहा कि “अमेरिकी सरकार हम सभी को मारने के लिये आने वाली है। इस से पहले कि सरकार हम सभी को गोलियों से भून दें, हम सब को यह पवित्र जल पीना लेना चाहिये। जब हम यह पवित्र पी लेंगे तो गोलियों की पीड़ा से बच जायेंगे।” क्योंकि जिम जोंस ने पहले ही एक बड़े से टब में पानी में ज़हर मिलाकर रख लिया था। (A Historic Mass Suicide)
इसके बाद जिम जोंस ने अपने सभी अनुयायियों को वह ज़हरीला जल पीने के लिये दे दिया। अगर किसी ने वह ज़हरीला जल पीने से इनकार किया तो उन्हें ज़बरन पिलाया गया। और ज़हरीला जल पीने के बाद उसके सभी अनुयायी जो 900 से भी अधिक संख्या में थे, उन सबकी मौत हो गयी थी। इन में लगभग 300 बच्चे भी शामिल थे। बताया जाता है कि इसके बाद जिम जोंस ने भी खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। [News Source- Jonestown Wikipedia]
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