Aligharh News-Son Is For Sale: मुझे बेटा बेचना है..बेटे को ख़रीद लो, कितना मजबूर होगा ये पिता जो अपने जिगर के टुकड़े को बेचने की बात कह रहा है?

Aligharh News-Son Is For Sale: यह दुर्लभ मामला है उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद का, जहाँ कथित तौर पर एक व्यक्ति ने कुछ साहूकारों से ज़मीन ख़रीदने के लिये कुछ रक़म उधार ली थी। लेकिन….

 

अलीगढ़: -Aligharh News-Son Is For Sale बच्चे तो सभी के प्यारे होते हैं, और एक माँ-बाप के लिये अपने बच्चे कितने प्यारे होते हैं? इसे बताने की ज़रूरत नहीं, लेकिन अगर आप ये सुने कि किसी माँ-बाप ने अपने जिगर के टुकड़े को बेचने के लिये सेल में लगा दिया है तो विश्वास करना मुश्किल सा होता है, लेकिन यह सच है कि इस दुनिया में बहुत कुछ संभव है। (Aligharh News-Son Is For Sale)Aligharh News-Son Is For Sale

ऐसा ही एक दुर्लभ और हैरान करने वाला मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद से, जहाँ एक मजबूर माँ-बाप ने सच में अपने बेटे को बेचने निकाल दिया है। लेकिन एक बाप के सामने ज़रूर कोई बड़ी मजबूरी होगी जो अपने बेटे को बेचने की बात कर रहा है। ऐसे जानते हैं..। (Aligharh News-Son Is For Sale)

मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार यह दुर्लभ मामला है उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद का, जहाँ कथित तौर पर एक व्यक्ति ने कुछ साहूकारों से ज़मीन ख़रीदने के लिये कुछ रक़म उधार ली थी। लेकिन कुछ समय बाद क़र्ज़दारों ने उससे अपनी रक़म वापसी का दबाव बनाया, और यहाँ तक कि क़र्ज़दारों ने उससे उसकी ज़मीन के क़ागज़ भी ले लिये। (Aligharh News-Son Is For Sale)

इन परेशानियों के चलते व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो गया। व्यक्ति 2 बेटियां और 1 बेटा है। व्यक्ति ने अब इसी इकलौते बेटे को बेचने को बोली लगाई है। व्यक्ति ने बाक़ायदा अपने गले में तख़्ती लगाकर बेटे की बोली लगायी है, जिसमें उसने लिखा कि “मेरा बिकाऊ है, मुझे बेटा बेचना है।” (Aligharh News-Son Is For Sale)

क्योंकि अब व्यक्ति को अपनी ज़मीन के कागज़ वापस लेने के लिये न इतने पैसे हैं और न कोई ज़मीन। लेकिन साहूकार लगातार पीड़ित पर रक़म वापस करने का दबाव बना रहे हैं इसलिये उक्त व्यक्ति ने अपने बेटे की बोली लगायी है। पीड़ित अब बीच चौराहे पर गले में “मेरा बेटा बिकाऊ है..मुझे बेटा बेचना है।” (Aligharh News-Son Is For Sale)

बता दें कि कभी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इन्दिरा गाँधी ने इसी तरह से जनता को साहूकारों के चंगुल से आज़ाद कराने के लिये ही साहूकारों के बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। लेकिन दुर्भाग्यवश देश में फ़िर से साहूकारी प्रथा लौटकर वापस आ रही है। (Aligharh News-Son Is For Sale)
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Author: Farhad Pundir (Editor & Owner)