इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा निर्देश-ग़ैर ज़रूरी गिरफ़्तारी मानवाधिकार का हनन,गिरफ़्तारी होना चाहिए अन्तिम विकल्प-Allahabad High Court’s decision
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा “कि गिरफ़्तारी अन्तिम विकल्प होना चाहिए, ग़ैर ज़रूरी गिरफ़्तारी मानव अधिकारों का हनन है। हाईकोर्ट ने यह बात जोगिंदर सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय पुलिस आयोग की रिपोर्ट के हवाले से कही कि “रूटीन गिरफ़्तारी पुलिस में भ्रष्टाचार का स्रोत है। यह रिपोर्ट कहती है कि “60 प्रतिशत गिरफ़्तारियां ग़ैर ज़रूरी और अनुचित होती हैं।” (Allahabad High Court’s decision)
Allahabad High Court’s decision- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रूटीन की गिरफ़्तारियों को लेकर यह अहम निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि “विवेचना के लिए पुलिस कस्टडी में पूछताछ के लिए सिर्फ़ ज़रूरत होने पर ही गिरफ़्तारी की जाए। गिरफ़्तारी सिर्फ़ अन्तिम विकल्प होना चाहिए। ग़ैर ज़रूरी गिरफ़्तारी मानवाधिकार का हनन है।” हाईकोर्ट ने कहा कि “वैयक्तिक स्वतन्त्रता बहुत महत्वपूर्ण मूल अधिकार है जिस में बहुत बड़ी ज़रूरत होने पर ही कटौती की जा सकती है। क्योंकि गिरफ़्तारी से व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुँचती है। इसलिए ग़ैर ज़रूरी गिरफ़्तारी से बचना चाहिए।”(Allahabad High Court’s decision)