
AMU Controversy: जब मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सनातन धर्म की शिक्षा दी जा सकती है तो बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में भी इस्लामिक शिक्षा दी जानी चाहिये- ज़ियाउर्रहमान बर्क़
सम्भल: AMU Controversy
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सिलेबस दो इस्लामिक विद्वानों के विचारों को हटाने के बाद सनातन धर्म की पढ़ाई शुरु किये जाने की माँग पर अब राजनीतिक सरगर्मियां शुरु हो गयी हैं। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर द्वारा यूनिवर्सिटी का नाम बदलन की माँग और AMU में सनातन धर्म की शिक्षा शुरु करने के मुद्दे पर अब यूपी के सम्भल से सपा सांसद शफ़ीक़उर्रहमान बर्क़ के पौत्र और कुंदरकी से समाजवादी पार्टी के विधायक ज़ियाउर्रहमान बर्क़ ने भी बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में इस्लामिक शिक्षा देने की व्यवस्था की माँग कर डाली है।
सपा विधायक ज़ियाउर्रहमान बर्क़ का कहना है कि “अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से केवल अलीगढ़ का नहीं बल्कि पूरे ही देश का नाम रोशन होता है।” उन्होंने कहा “अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इस्लामिक पढ़ाई होना कोई ग़लत नहीं है, लेकिन जिस प्रकार से वहाँ पर सनातन धर्म की पढ़ाई लागू की गयी है, ठीक उसी प्रकार से बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में भी इस्लामिक पढ़ाई का कोर्स होना चाहिये।..लेकिन इसमें भेदभाव क्यूँ किया जा रहा है? (AMU Controversy)
उन्होंने कहा कि “ऐसा दबाव (यूनिवर्सिटी पर) दवाब डालकर कराया गया है, इसलिये हमारी माँग है कि, जब AMU में सनातन धर्म की पढ़ाई हो सकती है, तो BHU में भी इस्लामिक पढ़ाई होनी चाहिये।” ज़ियाउर्रहमान बर्क़ का उनका कहना है कि अगर BHU में इस्लामिक शिक्षा देने की व्यवस्था की जाये तो वहाँ के लोगों को भी इस्लाम के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
सपा विधायक बर्क़ ने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर द्वारा AMU का नाम बदलने वाली माँग पर कहा कि “यें लोग इस प्रकार की माँगों के सिवाय और कर भी क्या सकते हैं?” उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी (AMU) किसी के रहम-ओ-करम पर नहीं बनी है, बल्कि AMU के संस्थापक ने दिन और रात एक करके इस यूनिवर्सिटी को खड़ा किया था। तो आपको इसका नाम बदलने का कोई अधिकार नहीं है?” बर्क़ ने कहा कि “अगर हिम्मत है तो क़ौम के लिये दूसरी यूनिवर्सिटी बनाकर दो।” (AMU Controversy)
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