Anand Mohan Out Of Jail: DM की हत्या में उम्रक़ैद की सज़ा के आरोपी बाहुबली आनन्द मोहन को 16 साल बाद जेल से किया गया रिहा, IAS एसोसिएशन ने किया विरोध

Anand Mohan Out Of Jail: DM की हत्या में उम्रक़ैद की सज़ा के आरोपी बाहुबली आनन्द मोहन को 16 साल बाद जेल से किया गया रिहा, IAS एसोसिएशन ने किया विरोध

 

 

 

पटना: Anand Mohan Out Of Jail: बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह 16 साल बाद जेल से रिहा हो गया है। सारी औपचारिकतायें पूरी करने के बाद वह आज सुबह 4.30 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। आनन्द मोहन गोपालगंज के तत्कालीन ज़िलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहा था।Anand Mohan Out Of Jail

बाहुबली हत्यारोपी आनन्द मोहन की रिहायी को लेकर अब बिहार सरकार को काफ़ी तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस सम्बंध में नीतीश सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाख़िल की गयी है, जिसमें बिहार सरकार की अधिसूचना को निरस्त करने की माँग की गयी है। (Anand Mohan Out Of Jail)

जबकि HAM (हिंदुस्तान आवाम मोर्चा) के मुखिया जीतनराम मांझी ने आनन्द मोहन की रिहायी का समर्थन किया है। जीतनराम मांझी ने कहा कि “यह रिहायी क़ानूनी कार्यवाही के अंतर्गत हो रही है। हम आनन्द मोहन को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं…वह कोई अपराधी नहीं थे,और जिनकी हत्या हुई वह दलित थे, हत्या उचित नहीं थी लेकिन जो सज़ा तय की गयी थी उसे आनन्द मोहन ने पूरा कर लिया है। (Anand Mohan Out Of Jail)

बता दें कि वर्ष 1994 को गोपालगंज के ज़िलाधिकारी जी कृष्णैय्या की हत्या में आनन्द मोहन का नाम आया था। इस मामले में वर्ष 2007 में अदालत ने आनन्द मोहन को मौत की सज़ा सुनायी थी, लेकिन बाद में इस मौत की सज़ा को उम्रक़ैद में बदल दिया गया था। अब 16 वर्षो की सज़ा काटने के बाद नीतीश कुमार की सरकार ने आनन्द मोहन को रिहा कर दिया है। (Anand Mohan Out Of Jail)

उधर ज़िलाधिकारी की हत्या के आरोपी आनन्द मोहन की इस राजनीतिक रिहायी पर देश की IAS एसोसिएशन
ने कड़ा विरोध जताया है। IAS एसोसिएशन ने अपने ट्वीट में कहा कि “आनन्द मोहन ने IAS जी. कृष्णैया की नृशंस हत्या की थी। ऐसे में यह अति दु:खद है। बिहार सरकार को अति शीघ्र अपने इस निर्णय को वापस लेना चाहिये।” (Anand Mohan Out Of Jail)

IAS असोसिएशन ने लिखा कि “ये (बिहार सरकार का निर्णय) न्याय से वंचित करने के समान है। इस तरह के निर्णयों से लोग सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है।..हम राज्य सरकार से अपील करते हैं कि, बिहार सरकार जल्द से जल्द अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करे।” (Anand Mohan Out Of Jail)

आनन्द मोहन की रिहायी पर अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ हो गयी हैं। इस मामले को राजनीतिक दृष्टि देखा जाये तो सत्ताधारी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार है। उसे लगता है कि बिहार के राजपूत समाज का समर्थन उसे लोकसभा चुनाव में मिल सकता है। (Anand Mohan Out Of Jail)

अब आनन्द मोहन की इस रिहायी से RJD राजपूत समाज को वोटों के रूप में अपने पाले में लाना चाह रही है, जबकि बीजेपी भी राजपूत समाज के वोट बैंक को अपने साथ जोड़े रखना चाहती है।
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