Anurag Thakur Hate Speech Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘गोली मारो..’कहने का मतलब दवा तो होता नहीं..? अनुराग ठाकुर की इस हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से माँगा जवाब

Anurag Thakur Hate Speech Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘गोली मारो..’कहने का मतलब दवा तो होता नहीं..? अनुराग ठाकुर की इस हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से माँगा जवाब

 

 

 

नई दिल्ली: Anurag Thakur Hate Speech Case- सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए कि ‘गोली मारो..’कहने का मतलब दवा तो नहीं होता..? बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर (केन्द्रीय मन्त्री) व प्रवेश वर्मा के हेट स्पीच मामले में दिल्ली सरकार व दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से जवाब तलब किया है।

Anurag Thakur Hate Speech Case

आपको बता दें कि प्रवेश वर्मा व अनुराग ठाकुर के विरुद्ध FIR दर्ज करने की माँग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गये है, उसी याचिका पर सुनवायी के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है। (Anurag Thakur Hate Speech Case)

अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ हेट स्पीच मामले में निचली अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने से निचली अदालत ने आदेश से इनकार कर दिया था। इस आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट दिल्ली ने इसके विरुद्ध याचिका को ख़ारिज कर दिया था। (Anurag Thakur Hate Speech Case)

सीपीएम नेता वृंदा करात ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब देने को कहा है।जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और 3 हफ़्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है।

इस सुनवायी के दौरान पीठ ने मजिस्ट्रेट के इस रुख पर गौर किया कि भाजपा नेताओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिये स्वीकृति लेने की आवश्यकता सही नहीं थी।पीठ ने मौखिक टिप्पणी में यह भी कहा कि “गोली मारने… का मतलब कोई दवा वाली गोली से तो हो नहीं हो सकता? (Anurag Thakur Hate Speech Case)

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जोसेफ ने कहा, मैं समझता हूँ कि गद्दार से मतलब देशद्रोही है, इसलिये यहाँ गोली मारने का मतलब दवा (चिकित्सा) वाली गोली तो नहीं होगा? बता दें कि गत वर्ष 13 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने भाजपा के 2 सांसदों पर हेट स्पीच देने के विरुद्ध CPM के नेताओं बृंदा करात व के,.एम तिवारी की याचिका को ख़ारिज कर दिया था।

CPM नेताओं की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली कोर्ट के आदेश में यह हस्तक्षेप करने में इनकार करते हुए कहा था कि क़ानून के अन्तर्गत हालिया सन्दर्भमें प्राथिमिकी दर्ज करने के लिये सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृति लेना अति आवश्यक है।” (Anurag Thakur Hate Speech Case)

Anurag Thakur Hate Speech Case

याचिका कर्ताओं ने ट्रायल कोर्ट के सामने अपनी शिकायत में दावा किया था कि अनुराग ठाकुर व वर्मा ने दिल्ली के अलग अलग संवेदनशील स्थानों पर लोगों को उकसाने का काम किया था, और इन दोनों के उकसाने के बाद ही परिणामस्वरूप दिल्ली में कई स्थानों पर हिंसा और गोलीबारी की घटनायें हुई थी।”

याचिका कर्ताओं ने आरोप लगाया कि 27 जनवरी वर्ष-2020 को देश की राजधानी दिल्ली के रिठाला में एक रैली के दौरान भाजपा नेता (केन्द्रीय सूचना मन्त्री) अनुराग ठाकुर ने शाहीन बाग़ में CAA के विरोध में बैठे प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध भीड़ को उकसाया था। (Anurag Thakur Hate Speech Case)

इस रैली में भीड़ को उकसाते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा था कि “देश के गद्दारों को, गोली मारो….को। वहीं दावा किया गया था कि प्रवेश वर्मा ने भी 28 जनवरी माह- 2020 को शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध इस तरह का भड़काऊ भाषण दिया था। (Anurag Thakur Hate Speech Case)
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