Asad Encounter Suspicious: बिना चाबी की बाइक , बाइक पर कोई खरोच नहीं और बिना हेलमेट के कैसे चोरी छुपे फिर रहा था असद और उसका साथी?
Asad Encounter Suspicious– UP STF द्वारा किये गये असद और ग़ुलाम के एनकाउंटर पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आजतक की एक रिपोर्टस के अनुसार एसटीएफ ने असद और ग़ुलाम का एनकाउंटर पारीछा डैम के समीप उस स्थान पर किया जहाँ पर आगे का रास्ता बन्द था।
इसके अलावा जब असद को गोली लगी वह बाईक चला रहा था संभवतः चलती बाईक गिरी लेकिन बाइक पर कोई ख़रोंच तक भी नहीं मिली। मीडिया घटनास्थल पर पहुँची लेकिन बाइक में चाबी भी नहीं थी। ‘आजतक’ चैनल की एक रिपोर्ट STF के इस एनकाउंटर की कहानी पर कई सवाल खड़े रही है। (Asad Encounter Suspicious)
1- बाइक में नहीं थी कोई खरोंच-
यूपी एसटीएफ के मुताबिक असद व ग़ुलाम के पास पलटी हुई एक बाइक पड़ी थी, पास ही वहाँ पर असद का शव, और कारतूस असलहा पड़े हुए थे। वहाँ पर लगभग 10 से 12 पुलिसकर्मी भी खड़े हुए थे। बाइक का न कोई पार्टस टूटा हुआ था और न उस पर कोई ख़रोंच थी। (Asad Encounter Suspicious)
2- बाइक की चाबी नहीं मिली-
मौक़े पर जो बाइक मिली उसमें चाबी भी नहीं थी, तो क्या असद बिना चाबी के ही बाइक चला रहा था? लेकिन हो सकता है बाइक पुरानी थी, इसलिये चाभी ढीली होने के चलते बाइक के गिरने के साथ निकल गयी हो? लेकिन वहाँ पर कोई चाभी नहीं मिली। (Asad Encounter Suspicious)
3- मौक़े पर जो बाइक पड़ी मिली उस पर कोई नम्बर प्लेट नहीं थी और बाइक का चेसिस नम्बर भी ग़ायब मिला। इसलिये उम्मीद जताई जा सकती है कि बाइक चोरी की हो सकती है। इसलिये बाइक के मालिक का पता लगाना मुश्किल है। हालांकि सबूत के तौर पर बड़ागाँव पुलिस बाइक को अपने क़ब्ज़े में थाने लेकर चली गयी। (Asad Encounter Suspicious)
4- बाइक पलटी, लेकिन हेलमेट नहीं मिले
इस एनकाउंटर पर एक और सवाल जो खड़ा हो रहा है, वह यह कि जब असद और उसका साथी ग़ुलाम चोरी छुपे फ़िर रहे थे तो संभवतः पहचान छुपाने के लिये हेलमेट लगाये फ़िर रहे हों? लेकिन असद और गुलाम के पास से कोई हेलमेट भी नहीं मिला। जब वे पिछले 45 दिन से छुपे फ़िर रहे थे तो बिना हेलमेट के ऐसे अपराधी कैसे घूम सकते हैं जिन पर 5-5 लाख का इनाम घोषित किया हुआ हो? (Asad Encounter Suspicious)
5- पथरीले रास्ते पर बाइक का पीछा इतनी देर में कैसे किया?
UP STF ने झाँसी के बड़ागाँव थानाक्षेत्र में असद व ग़ुलाम का एनकाउंटर किया, STF द्वारा बताया गया कि यें दोनों पारीछा डैम के पास छिपे हुए थे, वह स्थान नेशनल हाई-वे से 2 किलोमीटर दूर थी। वह रास्ता कोई पक्की सड़क का नहीं बल्कि एक पगडंडी जो कि पथरीली, कच्ची और ऊबड़-खाबड़ है।
यहां कोई भी गाड़ी 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक गति में चलना संभव नहीं हो सकता। इसलिये एक सवाल यह भी उठ रहा है कि जब STF इन दोनों का पीछा कर रही थी तो वो इस रास्ते पर वे लोग इतनी दूर तक कैसे पहुँच गये? जबकि कच्चे और रेतीले रास्ते तेज़ी पर बाइक बिना फिसले 2 किलोमीटर जा नहीं सकती। (Asad Encounter Suspicious)
6- एनकाउंटर वाली जगह को लेकर सवाल-
असद का जिस जिस स्थान पर एनकाउंटर हुआ, वह स्थान नेशनल हाई-वे 2 किलोमीटर भीतर है। हाइ-वे से उतरते ही पगडंडी है, उसके बारे में बाहर के लोगों को कोई जानकारी नहीं होगी। यूपी पुलिस के अनुसार ही असद व ग़ुलाम राजस्थान और दूसरे स्थानों पर छिपे हुए थे और भागकर झांसी आये थे। उन्हें इस रास्ते के बारे में जानकारी शायद ही होगी। इसके अलावा जब वो राजस्थान की तरफ़ से आ रहे थे तो रास्ता रॉन्ग साइड पड़ता है। तो बाइक वाले को दिखाई ही नहीं देगा। (Asad Encounter Suspicious)
7- एक सबसे बड़ा सवाल जो STF की एफआईआर के अनुसार खड़ा हो रहा है , वह ये की STF ने एफआईआर में कहा कि जब STF की एक टीम की गाड़ी असद और ग़ुलाम का पीछा कर रही तो सामने से पुलिस की एक और गाड़ी आ जाती है, और असद व ग़ुलाम पुलिस की आगे और पीछे से आती हुई पुलिस गाड़ियों के बीच मे फंस गये और उन्होंने ख़ुद को घिरता देख पुलिस पर गोली चलाई।
STF के इस कथन में झोल उस समय लगता है जब मीडिया कर्मियों ने देखा कि एनकाउंटर के स्थान से आगे तो कोई रास्ता ही नहीं है तो सामने से पुलिस की गाड़ी कैसे आ सकती है? सामने तो पक्की दीवार से रास्ता ही बन्द है। सामने से आयी पुलिस की गाड़ी ऊँची दीवार फाँदकर तो आ नहीं सकती।
कुछ भी हो अब इस एनकाउंटर को लेकर राजनीति पूरी तरह से गरमा चुकी है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को फ़र्ज़ी क़रार भाईचारे के विरुद्ध बताया है, तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इसकी उच्च स्तरीय जाँच की माँग की है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस एनकाउंटर पर राज्य की बीजेपी सरकार जमकर बरसे।
[Courtesy-आजतक]
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