
Atala Masjid Controversy: अब जौनपुर की ऐतिहासिक अटाला मस्जिद पर खड़ा हुआ विवाद, पूर्व में अटाला मन्दिर होने के दावे के बाद पुरातत्व की टीम ने भी किया सर्वे
जौनपुर: Atala Masjid Controversy-
देश में मस्जिदों पर विवाद खड़ा करने के अभियान के क्रम में अब जौनपुर की राष्ट्रीय धरोहर घोषित ऐतिहासिक ‘अटाला मस्जिद’ पर अटाला मन्दिर के दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया है। हिंदुत्ववादियों का दावा है कि कि इस ‘अटाला मस्जिद’ से पहले यहाँ सैकड़ों वर्ष पूर्व अटाला मन्दिर हुआ करता था। इस दावे के बाद पुरातत्व विभाग की टीम ने यहाँ सर्वे भी कर चुकी है।
मीडिया में आ रही ख़बरों के अनुसार मस्जिद के स्थान पर पूर्व में मन्दिर होने का दावा करने वाले हिंदुत्ववादियों का कहना है कि “मुग़लकाल से पूर्व यहाँ इस अटाला मस्जिद के स्थान पर अटाला देवी मन्दिर था।” और इसी वजह से कुछ दिन पूर्व ही मस्जिद के भीतर किये जा रहे मरम्मत के कार्य को हिंदुत्ववादियों ने आपत्ति जताते हुए रुकवा दिया था।
अटाला मस्जिद के मरम्मत कार्य पर आपत्ति जताते हुए हिंदुत्ववादियों ने दावा था कि “इस मरम्मत के कार्य के बहाने मन्दिर के साक्ष्यों को मिटाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार इसके बाद आनन-फ़ानन में पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा मौक़े पर जाकर ज़िले के आला अधिकारियों की उपस्थिति में मस्जिद में चल रहे मरम्मत की जाँच पड़ताल भी करने की बात कही गयी।
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अब यहाँ मस्जिद से पहले मन्दिर था या नहीं, यह तो वही इतिहासविद बता सकते हैं जो वास्तविक इतिहास की जानकारी रखते हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि इस मस्जिद का इतिहास जौनपुर की एक इतिहास की किताब ‘जौनपुर का इतिहास’ में मिलता है। जिसमें लिखा है कि ‘अब भी जौनपुर के मोहल्ला सिपाह में गोमती नदी के किनारे अटाला देवी का अचला देवी घाट है। जिसका निर्माण कन्नौज के राजा विजय चन्द्र द्वारा किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार जौनपुर की इस अटाला मस्जिद का निर्माण कार्य वर्ष-1364 ई० में ख़्वाजा कमाल खाँ ने शुरु किया था, जिसे बाद में इब्राहिम शाह ने पूरा कराया। इस मस्जिद को ख़ूबसूरत बनाने के लिये बहुत ही बेहतरीन नक्काशी की गयी, जिसमें कही कही पर कमल के फूलों की भी आकृतियां भी बनाई गयी थी।