Auraiya Fake Bank Revealed: यूपी के औरैया में फ़र्जी बैंक खोलकर लोगों के साथ करोड़ों की ठगी, कर्मचारियों की सैलरी न आने पर हुआ मामले का खुलासा
औरैया: Auraiya Fake Bank Revealed- एक बड़ी हैरान कर देने वाली ख़बर उत्तर प्रदेश के औरैया जनपद से जहाँ एक फ़र्ज़ी बैंक खोलकर लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी करने का एक बड़ा मामला सामने आया है। और यह काम किया गया भी इतनी सफ़ाई से कि इसमें काम करने वाले कर्मचारियों को भी इस फ़र्जी बैंक के फ़र्ज़ी होने का कोई शक तक न हुआ।
बताया जा रहा है कि इस बैंक को अन्य बैंकों की ब्रांच की तरह ही बहुत अच्छे से सेटअप तैयार किया गया, ताकि किसी को इस पर कोई शक न हो सके। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कर्मचारियों को 3 महीने बाद सैलेरी आना बन्द हुई। पहले तो सभी कर्मचारियों को 3 महीने तक बाक़ायदा सैलरी दी गयी, लेकिन जब इसके बाद सैलेरी नहीं आयी तो कर्मचारी ने पुलिस में शिकायत कर दी। (Auraiya Fake Bank Revealed)
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार फ़र्ज़ी बैंक के मास्टरमांइड व उसके सहयोगी द्वारा खोले गये फ़र्ज़ी बैंक में लोगों को नौकरी देने के नाम पर लाखों रुपये की सिक्योरिटी ली गयी। सैलेरी न आने से परेशान एक कर्मचारी की शिकायत पर जब पुलिस ने मामले की छानबीन की तो पुलिस भी भौचक्की रह गयी, कि जो आर्यावर्त निधि बैंक के नाम से बैंक खोला गया था वह फ़र्ज़ी बैंक निकला। (Auraiya Fake Bank Revealed)
जब पुलिस ने मास्टरमाइंड और साथियों को गिरफ़्तार कर पूछताछ की गयी तो आरोपियों ने बताया कि उन्होंने 5 ब्रांच खोली थी, जिनमें 50 से अधिक कर्मचारी रखे गये थे।जिनके माध्यम से उन्होंने 300 से अधिक ग्राहक बना लिये थे। इन आरोपियों ने जहाँ ग्राहकों के सेविंग एकाउंट्स खुलवाये तो वहीं काफ़ी ग्राहकों 5 साल में दुगुनी रक़म होने के FD (फिक्स डिपाजिट) एकाउंट्स भी खोले। (Auraiya Fake Bank Revealed)
ये ही नहीं ग्राहकों को कोई शक न हो इसके लिये बैंक में छोटा मोटा ट्रांजेक्शन भी करते थे। बताया जा रहा है कि कोरोना काल से पहले इसका मास्टरमांइड असलम नाम का व्यक्ति किसी बैंक में नौकरी करता था, लेकिन नौकरी छूट जाने के बाद अपने साथी अदैत्य के साथ औरैया में एक डिजिटल आर्यावर्त निधि बैंक के नाम से एक बैंक बैंक खोला। जिसकी अलग-अलग स्थानों में कई शाखायें खोली। (Auraiya Fake Bank Revealed)
बताया जा रहा है कि इन दोनों मुख्य आरोपियों असलम और अदैत्य ने अपनी पत्नियों नरगिस व प्रगति को बैंक का डायरेक्टर बनाया था, जो समय-समय पर दोनों बैंक में विजिट करने भी आती थी। कर्मचारियों को 15000 से लेकर 25000 रुपए तक सैलरी पर रखा गया। बताया जा रहा है कि इन आरोपियों के साथ कोई लल्ली यादव नाम का व्यक्ति भी है जिसके साथ मिलकर ही इन्होंने यें 5 फ़र्ज़ी बैंक शाखायें खोली थी। (Auraiya Fake Bank Revealed)
पुलिस के अनुसार इस मामले में आरोपियों के पास से 6 लैपटॉप, कैश काउंटिंग मशीन, बैंक में प्रयोग की जाने मोहरें, पासबुक प्रिंटिंग मशीन, इन्वर्टर और बैट्री, क्यूआर कोड, मॉनिटर्स और कई इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बरामद किये हैं। अभी पुलिस आरोपियों से और पूछताछ कर रही है।
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