
अयोध्या के सन्त उतरे सन्त परमहंस दास के विरोध में, सन्तों ने प्रशासन से की उन्हें रामनगरी से बाहर करने की अपील-Ayodhya Paramhans Das Matter
उत्तर प्रदेश:
अयोध्या के रामघाट तपस्वी जी की छावनी के चर्चित सन्त परमहंस दास के विरोध में अयोध्या के सन्त पूरी तरह से लामबन्द हो गये हैं। ‘राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास के उत्तराधिकारी कमल नयनदास के नेतृत्व में अयोध्या धाम के ‘मणिराम दास छावनी’ में कल (शुक्रवार) को सन्तों की एक अहम बैठक बुलाई गई जिसमें अयोध्या धाम के मठ,मन्दिरों के सन्त, महंतों ने भाग लेते हुए सर्वसम्मति एक सुर में सन्त परमहंस दास के विरुद्ध मोर्चाबन्दी की।
सन्तों की इस बैठक में सन्त परमहंस दास के ऊपर गम्भीर आरोप लगाते हुए अयोध्या के कोतवाल व रेजिडेंस मजिस्ट्रेट को भी बुलाकर एक ज्ञापन दिया। सन्तों, महन्तों ने सन्त परमहंस दास के ऊपर अनैतिक रूप से स्वयं को जगतगुरु आदि पदों से घोषित किये जाने जैसे आरोप लगाये गये। ज्ञापन पत्र में लिखा गया कि उदय रामदास ने ‘तपस्वी जी की छावनी’ में अवैध क़ब्ज़ा कर रखा है जिसे तत्काल क़ब्ज़ा मुक्त कराया जाये। (Ayodhya Paramhans Das Matter)
वहीं प्रशासन को प्रेषित ज्ञापन में सन्तों, महन्तों ने पूर्व में उदय रामदास के असलहे के साथ वायरल फ़ोटो का भी उल्लेख करते हुए प्रशासन से वायरल फ़ोटो की भी क़ानूनी जाँच कराने का आग्रह किया है। सन्तों और महन्तों ने साधु के वेश में अनैतिक कृत्य करने व अयोध्या धाम की छवि ख़राब करने सहित पूरे सन्त समाज की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया गया है। (Ayodhya Paramhans Das Matter)
इस बैठक में सन्तों,महन्तों ने कहा कि “उदय रामदास नाम का व्यक्ति ने ‘तपस्वी जी की छावनी’ में अवैध रूप से क़ब्ज़ा कर रखा है और उदयराम ने अवैध तरीक़े से मीडिया में स्वयं के नाम के आगे ‘जगत गुरु परमहंस’ जैसे नामों का उल्लेख किया गया है जबकि किसी भी अखाड़े ने इन्हें ‘जगतगुरु’ जैसी कोई उपाधि नहीं दी है।” संतों, महन्तों का कहना है कि “यदि ज़िला प्रशासन परमहंस के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही करके उन्हें अयोध्या से बाहर नहीं किया तो सन्त, महन्त स्वयं परमहंस को ‘तपस्वी जी की छावनी’ से उठाकर अयोध्या से बाहर खदेड़ देगा।”
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