Bulk Cows On Roads in Gujarat: गुजरात में हज़ारों गायों को गौशाला संचालकों ने छोड़ा नेशनल हाइवे पर,गौशालाओं को ताला लगा चाबियां सौंपी प्रशासन को
Bulk Cows On Roads in Gujarat: गुजरात में हज़ारों गायों को गौशाला संचालकों ने छोड़ा नेशनल हाइवे पर,गौशालाओं को ताला लगा चाबियां सौंपी प्रशासन को
अहमदाबाद,गुजरात: Bulk Cows On Roads in Gujarat- पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के थराद और वाव क़स्बे में गौ सेवा स्वामियों अथवा गौशाला संचालकों ने हज़ारों गायों को गौशालाओं से बाहर निकलकर नेशनल हाइवे पर छोड़ दिया है।गुजरात के इन गौशालाओं संचालकों ने सरकार से 500 करोड़ रुपये की गौ सेवा सहायता राशि की माँग करते हुए इन गौशालाओं को ताला लगा चाबियां प्रशासन को सौप दी हैं। पांजरापोल ट्रस्टियों अथवा गौशाला संचालकों का कहना है कि अब उनके पास गायों को चारा खिलाने और रखरखाव के लिये धन नहीं है। (Bulk Cows On Roads in Gujarat)
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार गुजरात सरकार की तरफ़ से राज्य की गौशाला एवं पांजरापोल में रहने वाली गायों के चारा और पानी के लिये 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने में विफ़ल रहने के विरोध में 200 से अधिक गौशाला संचालकों एवं पांजरापोल (गौ आश्रय गृह) ट्रस्टियों ने हज़ारों की संख्या में गायों को सड़कों पर छोड़ दिया है। इस वजह से आज (शुक्रवार) से उत्तरी गुजरात का राष्ट्रीय राजमार्गों बाधित हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार मोदी के गृह राज्य गुजरात में लगभग डेढ हज़ार पांजरापोल (गौ आश्रय गृह) हैं, जिनमें लगभग 5 लाख गायों को चारा-पानी और आश्रय दिया जाता है। अकेले बनास’कांठा जनपद में ही कुल 170 पांजरापोलों (गौ आश्रय गृहों) में 80 हज़ार से अधिक गायों को आश्रय दिया जाता है। (Bulk Cows On Roads in Gujarat)
इन गौशालाओं के ट्रस्टियों के पास इन गायों को चारा खिलाने के लिये प्रतिदिन प्रति मवेशी 60 से 70 रुपये का दैनिक ख़र्चा वहन करना पड़ता है, लेकिन कोविड काल के के बाद पांजरापोल अर्थात गौ सरकार की ओर से आश्रय गृहों को पर्याप्त दान नहीं मिल रहा है, जिस कारण धन के अभाव में गौ आश्रय गृहों को चलाना मुश्किल हो रहा है। [समाचार स्रोत-नई दुनिया]
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