Court Orders Trial On Mirzapur Police: यूपी की मिर्ज़ापुर पुलिस पर कोर्ट ने दिया मुक़दमा दर्ज करने का आदेश, पुलिस पर एक ऑटो ड्राइवर को ड्रग्स के झूठे केस में फंसाने का है आरोप
मिर्ज़ापुर: Court Orders Trial On Mirzapur Police- यूपी के मिर्ज़ापुर में पुलिस द्वारा एक ऑटो चालक को फ़र्ज़ी तरीक़े से मादक पदार्थ के साथ गिरफ़्तार करने के एक मामले में कोर्ट ने मिर्ज़ापुर पुलिस के एक दारोग़ा व 2 सिपाहियों के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
NDPS Act. के मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष की कहानी को सरासर फ़र्ज़ी बताते हुए कथित आरोपी ऑटो चालक को बरी कर दिया है। कोर्ट ने मिर्ज़ापुर पुलिस की कार्यशैली से नाराज़ होकर राज्य के प्रमुख सचिव को एक पत्र लिखते हुए कहा है कि “मिर्ज़ापुर ज़िले की पुलिस नागरिकों के मूल अधिकारों का हनन कर रही है। (Court Orders Trial On Mirzapur Police)
जानिये क्या है यह पूरा मामला?
दरअसल उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जनपद के इमामबाड़ा के रहने वाले एक 20 वर्षीय सुलेमान नाम के युवक पर 29 जून-2021 की रात को मिर्ज़ापुर पुलिस ने 79 ग्राम मादक पदार्थ (अल्प्राजोलम पाउडर) के साथ अरेस्ट करते हुए कटरा कोतवाली थाने में मुक़दमा दर्ज किया गया था। जबकि युवक का ऐसे अपराध से कोई वास्ता नहीं था। (Court Orders Trial On Mirzapur Police)
पुलिस में झूठे पुलिंदे से लदा युवक सुलेमान लगभग 6 महीनों तक जेल में रहा। वहीं उधर सुलेमान की माँ अफ़साना अपने बेटे के जेल जाने के बाद उसे छुड़ाने के लिये भागदौड़ में लग गयी। और अंततः 21 दिसम्बर को ऑटो ड्राइवर सुलेमान जेल से छूटकर बाहर आ गया। (Court Orders Trial On Mirzapur Police)
इस संबंध में युवक सुलेमान के वकील आकाश प्रताप सिंह ने बताया कि “पुलिस अदालत में कोई भी ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पायी, और न ही पुलिस ने NDPS एक्ट के ही प्रावधानों का पालन किया। हालांकि अदालत में ऐसे बहुत ही कम मामले देखने को मिलते हैं, लेकिन FTC प्रथम न्यायधीश वायुनन्दन मिश्र ने एक बहुत अच्छा फ़ैसला सुनाते हुए एक ग़रीब परिवार को न्याय देने का काम किया है। (Court Orders Trial On Mirzapur Police)
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार आरोपी बनाये युवक सुलेमान का परिवार बहुत ग़रीब है, जो दिहाड़ी मजदूरी का का करता है। युवक सुलेमान आटो रिक्शा चलाता है और इसकी माँ अफ़साना लोगों के घरों में बर्तन साफ़ सफ़ाई का करती है। जब माँ को अपने बेटे के जेल जाने की ख़बर मिली तो वह बहुत परेशान हो गयी। लेकिन जैसे कैसे उसने बेटे की रिहाई के लिये ख़ूब भागदौड़ की। (Court Orders Trial On Mirzapur Police)
युवक सुलेमान की माँ अफ़साना ने क्विंट हिन्दी मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उसने किसी से 25 हज़ार रुपये का क़र्ज़ लिया था, तब जाकर कहीं अपने निर्दोष बेटे को जेल रिहा कराने की लड़ाई लड़ी। वह इतनी ग़रीब है कि एक ही कमरे में पूरा परिवार ज़मीन पर बिछौना बिछाकर सोता है, और घर में पैसे की क़िल्लत से बिजली तक का इंतज़ाम नहीं।
न्यूज़ सोर्स- क्विंट हिंदी
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