Death Case During Demonetisation: भारत में नोटबबन्दी के कारण कितने लोगों की मौत हुई? इसका केन्द्र सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं, जबकि तत्कालीन वित्तमंत्री जेटली ने संख्या 4 बतायी थी
Death Case During Demonetisation: भारत में नोटबबन्दी के कारण कितने लोगों की मौत हुई? इसका केन्द्र सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं, जबकि तत्कालीन वित्तमंत्री जेटली ने संख्या 4 बतायी थी
नई दिल्ली: Death Case During Demonetisation- केन्द्र सरकार ने आज (मंगलवार) उच्च सदन (राज्यसभा) में बताया कि (8 नवम्बर वर्ष 2016 को) भारत में हुई नोटबन्दी की वजह से कितनी मौतें हुई? इसका सरकार के पास सरकारी रिपोर्ट ही नहीं हुई है। बता दें कि सदन में TMC के अबीर रंजन बिश्वास ने सरकार से नोटबन्दी के कारण हुई यह जानकारी मांगी थी।
अबीर रंजन बिश्वास ने सरकार से यह भी पूछा था कि.. “क्या सरकार यह मानती है कि उसका (मोदी सरकार का) नोटबन्दी का वह अनियोजित निर्णय निर्दोष लोगों की मौत के लिये जिम्मेदार था? इसके जवाब में देश वित्त राज्यमन्त्री पंकज चौधरी ने इस प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि उनके अथवा सरकार के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। (Death Case During Demonetisation)
जबकि उस दौरान तत्कालीन वित्तमन्त्री अरुण जेटली (स्व.) ने 18 दिसम्बर-2018 को इसी उच्च सदन राज्यसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य ए.करीम द्वारा पूछे गये एक ऐसे ही प्रश्न के जवाब में ऑन रिकॉर्ड क़ुबूल किया था कि नोटबन्दी की अवधि के दौरान नोटबन्दी की वजह से 4 लोगों की मौत हुई थी। (Death Case During Demonetisation)
उस दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य ए. करीम ने सरकार से पूछा था कि विमुद्रीकरण (Demonitisation) के दौरान नोट बदलने के लिये बैंकों की लाइनों में खड़े होने, नोटबन्दी के मानसिक सदमे से, कार्य के दबाव आदि के चलते बैंक कर्मियों सहित कुल कितने लोगों की मौतें हुई? और क्या उन मृतकों के परिवार को सरकार द्वारा कोई मुआवज़ा भी दिया गया? (Death Case During Demonetisation)
इसके जवाब में तत्कालीन वित्तमन्त्री अरुण जेटली ने कहा था कि SBI (भारतीय स्टेट बैंक) को छोड़कर देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सूचना शून्य दी है। जबकि SBI ने सूचित किया था कि विमुद्रीकरण (Demonitisation) की अवधि के दौरान बैंक के 3 कर्मचारियों और 1 ग्राहक की मौत हुई। और मृतकों के परिवारों को कुल 44,06,869 रुपये की आर्थिक सहायता दी गयी। (Death Case During Demonetisation)
लेकिन अब देश के मौजूदा वित्त राज्यमन्त्री ने सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं होने की बात कही। विदित हो कि 8 नवम्बर- 2016 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने अचानक देश को सम्बोधित करते हुए 500 व 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर देने की घोषणा कर देश के लोगों को एक बहुत बड़ा झटका देने का काम किया था। (Death Case During Demonetisation)
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