Deoband News: ज़ुल्म सहेंगे पर वतन पर आँच नहीं आने देंगे, सहारनपुर के देवबन्द में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के सम्मेलन में बोले मौलाना महमूद मदनी
सहारनपुर : Deoband News
उत्तर प्रदेश के देवबन्द में जमीयत उमेला-ए-हिन्द का दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश भर से अलग-अलग संगठनों के प्रतिनिधि पहुँचे हुए हैं। इस अवसर पर जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने भावुक अन्दाज़ में कहा “मस्जिदों के बारे चर्चा कर कल जमात फ़ैसला लेगी, फ़ैसले के बाद कोई क़दम पीछे नहीं हटेगा..हम ज़ुल्म को बर्दाश्त कर लेंगे,दु:ख सह लेंगे लेकिन अपने मुल्क़ पर कोई आँच नहीं आने देंगे।”
महमूद मदनी ने कहा कि ‘बेइज़्ज़त होकर ख़ामोश हो जाना तो कोई मुसलमानों से सीखे। हम तक़लीफ़ बर्दाश्त कर लेंगे लेकिन देश का नाम ख़राब नहीं होने देंगे। “महमूद मदनी ने कहा कि “अगर जमीयत उलेमा-ए-हिन्द शान्ति को बढ़ावा देने व दर्द, नफ़रत सहन करने का फ़ैसला करते हैं तो यह हमारी कमज़ोरी नहीं बल्कि ताक़त होगी।”
महमूद मदनी ने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि “ख़ामोशी सब्र का इम्तेहान। वे चाहते क्या हैं..? समझ लीजिये। मैं बार-बार कह रहा हूँ जो नफ़रत के पुजारी हैं, आज वे ज़्यादा नज़र आ रहे हैं। अगर हम ने उन्हीं के लहज़े में जवाब देना शुरु किया तो वे अपने मक़सद में कामियाब हो जायेंगे। यह फ़ैसला कमज़ोरी नहीं बल्कि जमीयत की ताक़त की वजह से है।”
महमूद मदनी ने कहा कि “हम हर चीज़ पर समझौता कर सकते हैं लेकिन ईमान से समझौता कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। वे देश को अखण्ड भारत बनाने की बात करते हैं। लेकिन देश के मुसलमान को पैदल चलना तक भी दुश्वार हो गया है। वे मुल्क़ के साथ दुश्मनी कर रहे हैं, ज़रूरत पड़ेगी तो दारूल-रसम को आबाद करेंगे।”
बता दें कि इससे पूर्व सम्मेलन में ‘इस्लामोफोबिया’ को लेकर भी एक प्रस्ताव पेश किया गया। जिस में ‘इस्लामोफोबिया’ और मुस्लिमों के विरुद्ध नफ़रत की बढ़ती घटनाओं का ज़िक्र किया गया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘इस्लामोफोबिया’ मात्र धर्म के ही नाम पर शत्रुता नहीं बल्की इस्लाम के विरुद्ध डर और नफ़रत को दिल और दिमाग में भरने का काम कर रहा है।”
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