अजब-ग़ज़ब: हिंसा के बाद प्रशासन की इंटरनेट बन्दी में भी जोधपुर के जुगाड़ियों ने चला लिया इंटरनेट, अधिकारी भी पीटने लगे माथा
जोधपुर : Even in internet shutdown people used internet in Jodhpur
राजस्थान में बीते दिनों हुई हिंसा के बाद प्रशासन द्वारा की गई इंटरनेट बन्दी को भी जोधपुर के जुगाड़ियों ने धता बताते हुए इंटरनेट चलाने का तरीक़ा खोज निकाला है। अब प्रशासन और टेक्निकल एक्सपर्ट लोगों के यह समझने लगे हैं कि यह बहुत रिस्की काम है और ऐसे सर्वर के प्रयोग से मोबाईल फ़ोन यूज़र्स की व्यक्तिगत जानकारी लीक हो सकती है। यहाँ तक कि यूज़र्स का बैंक एकाउंट भी ख़ाली हो सकता है।
बता दें कि राजस्थान के जोधपुर में 10 थानाक्षेत्रों में बीते कुछ दिनों पहले हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने इंटरनेट बन्द कर दिया गया है। लेकिन बावजूद प्रशासनिक की नेट बन्दी के भी इन हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में लोगों द्वारा जुगाड़बाजी से इंटरनेट सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट्स डालने के मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस ने ऐसे मामलों में अब तक 3 केस भी दर्ज भी किये हैं और अन्य ऐसे आरोपियों की तलाश जारी है। (Even in internet shutdown people used internet)
जोधपुर में हिंसा, कर्फ़्यू और इंटरनेट बन्दी में लोगों द्वारा जुगाड़बाज़ी से मोबाइल में इंटरनेट चलाने का मामला सामने आने के बाद अब ज़िलाधिकारी सहित ज़िले के आला पुलिस अधिकारी काफ़ी चिन्तित हैं। इस सम्बन्द मे जोधपुर ज़िलाधिकारी हिमांशु गुप्ता ने बताया कि ” ‘सायफन प्रो (Psiphon Pro)’ नाम का एक मोबाईल एप्लीकेशन है जिसके माध्यम से (असुरक्षित तरीक़े से) इंटरनेट जारी है। जिस पर प्रशासनिक नेट बन्दी का भी कोई असर नहीं हो रहा है।”
ज़िलाधिकारी ने बताया कि “इस मोबाईल ऐप के माध्यम से अवैध और असुरक्षित तरीक़े से इंटरनेट चलाने वाले लोगों पर साइबर टीम नज़र रख रही है।” उन्होंने बताया कि “यह सर्वर कनाडा से ऑपरेट हो रहा है और भारत में इसका सर्वर नहीं होने के कारण ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है..लेकिन अब वें लोग प्रशासन के निशाने पर हैं जो इस ऐप के माध्यम से प्रशासन की इंटरनेट बन्दी के बावजूद भी इंटरनेट प्रयोग कर रहे हैं।
(Even in internet shutdown people used internet)
वहीं इस संबंध में साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि “किसी ऐसी अनजान और संदिग्ध ऐप की सहायता से इंटरनेट चलाने के कारण यूज़र्स का निजी डाटा लॉस होने का ख़तरा कई गुणा बढ़ गया है। इसके अलावा ऐसी संदिग्ध ऐप इंस्टाल करने से मोबाईल फ़ोन्स में वायरस आने की भी पूरी संभावना रहती है।”
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि “ऐसी परिस्थिति में सबसे बड़ी बात यह है भी है कि यूज़र्स के मोबाईल में मौजूद डेबिट क्रेडिट व इंटरनेट बैंकिंग जैसी सुविधाओं के यूज़र्स/पासवर्ड भी लीक हो सकते हैं, जिससे यूज़र्स का बैंक अकाउंट भी ख़ाली हो सकता है।”
वहीं इस मामले के सामने आने के बाद जोधपुर पुलिस कमिश्नर नवज्योति गोगोई का कहना है कि “इस मामले की जानकारी सरकार को भी को दे दी गई है, साथ ही सभी मोबाईल सर्विस प्रदाता कम्पनियों को भी इस बारे में बता दिया गया है।” उन्होंने कहा कि “ऐसा पहली बार हो रहा है कि इंटरनेट बन्द होने के बाद भी अब लोगों द्वारा इंटरनेट का प्रयोग किया जा रहा है।” (Even in internet shutdown people used internet)

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