Government Decision On Online Medicine: अब भारत में ऑनलाइन दवाईयां बेचने वाली सोशल मीडिया ऐप्स होने जा रही हैं बैन, नहीं मँगा सकेंगे लोग ऑनलाइन दवाईयाँ, सरकार का बड़ा ऐलान
Government Decision On Online Medicine: अब भारत में ऑनलाइन दवाईयां बेचने वाली सोशल मीडिया ऐप्स होने जा रही हैं बैन, नहीं मँगा सकेंगे लोग ऑनलाइन दवाईयाँ, सरकार का बड़ा ऐलान
न्यूज़ डेस्क: एक ओर देश जहाँ डिजिटल इण्डिया अभियान के अन्तर्गत बड़ी तेज़ी से डिजिटलाइज़ेशन की ओर बढ़ रहा है, वहीं इस डिजिटल व्यवस्था के फ़ायदे के साथ-साथ कुछ नकारात्मक पहलू भी होते हैं। जिस तरह डिजिटल पेमेंट व्यवस्था से लोगों के साथ फ्रॉड होने के मामले सामने आ रहे हैं, उसी तरह ऑनलाइन मेडिसिन व्यवस्था से मरीज़ों की निजता और सुरक्षा पर ख़तरा मँडराने लगा है।
इसी को दृष्टिगत रखते हुए अब सरकार ऑनलाइन दवाइयों की बिक्री पर भी बैन लगाने जा रही है। हालांकि जिन लोगों को सरकार के इस ऐलान की भनक लगी है उन लोगों में थोड़ा कंफ्यूज़ है कि सरकार ऐसा क्यों करने जा रही है? लेकिन मीडिया अनुसार.. सरकार की ओर से जो वजह सामने आ रही है वह है मरीजों का डेटा प्राइवेसी, बिना चिकित्सीय परामर्श दवाइयों का ग़लत चलन और दवाओं की बेबुनियाद बिक्री। (Government Decision On Online Medicine)
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार अब जल्द ही Tat 1mg, Truemeds और Netmeds जैसी कई सोशल मीडिया ऐप्स बैन हो सकती हैं। क्योंकि सरकार ऑनलाइन फार्मेसी के विरुद्ध नियमों के और अधिक सख़्त करने की कार्यवाही पर विचार कर रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार मेडिकल गैजेट्स, नई दवाओं, कॉस्मेटिक बिल्स पर इस समय मन्त्रालय में परामर्श चल रहा है। (Government Decision On Online Medicine)
इसलिये अब ऐसे क़यास लगाये जा रहे हैं कि सरकार जल्द ही ऑनलाइन दवाओं की ख़रीद और फ़रोख़्त पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा सकती है। सरकार का यह नया निर्णय वर्तमान में ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक्स एक्ट-1940 का स्थान ले सकता है। सरकार अब ऑनलाइन फार्मेसी के कामकाज पर फ़ोकस करना चाहती है। (Government Decision On Online Medicine)
सरकार चाहती है कि देश में डॉक्टर के पर्चे का क़तई भी दुरुपयोग न हो सके। क्योंकि जब कोई मरीज डॉक्टरों द्वारा दिया गया मर्ज और दवाइयों का पर्चा ऑनलाइन मेडिसिन ऐप पर साझा करता है तो इससे मरीज का पर्सनल डेटा और प्राइवेट जानकारियां ग़लत हाथों में न पहुँच पाये। क्यूँकि ई-फार्मेसी ऐप्स दवाओं की ख़पत से जुड़ा डेटा एकत्र करती हैं, जो मरीज की सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है। (Government Decision On Online Medicine)
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