Gratuity and Pension Rules Change: मोदी सरकार ने दिया केन्द्रीय कर्मचारियों को बड़ा झटका, केन्द्रीय कर्मचारियों की ख़त्म होगी अब पेंशन और ग्रेच्युटी?
नई दिल्ली: Gratuity and Pension Rules Change- अगर आप या आपके परिवार में कोई केन्द्रीय कर्मचारी है तो यह ख़बर आपके लिये बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि केन्द्र की मोदी सरकार ने केन्द्रीय सिविल सेवा के नियमों में एक बड़ा बदलाव करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों को एक बड़ा झटका दिया है।
केन्द्रीय सिविल सेवा नियम-2021 के अन्तर्गत अब नौकरी के दौरान किसी किसी भी केन्द्रीय कर्मचारी को यदि किसी भी प्रकार के ग़लत कार्य अथवा लापरवाही का दोषी पाया जाता है तो केन्द्र सरकार ऐसे रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी को रोका जा सकता है। बता दें कि केन्द्र सरकार की ओर से सीसीएस (पेंशन) के नियम-8 में संशोधन करते हुए नोटिफाई किया है। (Gratuity and Pension Rules Change)
केन्द्र सरकार की ओर से मँहगाई भत्ते व बोनस के बाद ग्रेच्युटी व पेंशन से जुड़े नियम में बदलाव कर दिया गया है। इसके साथ ही केन्द्रीय कर्मचारियों के लिये एक चेतावनी भी जारी कर दी गयी है कि अगर कोई भी केन्द्रीय कर्मचारी इसे अनदेखा करेगा तो उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली पेंशन व ग्रेच्युटी से हाथ थोड़ा पड़ेगा। ये ही नहीं अगर कोई भी केन्द्रीय कर्मचारी सेवा में लापरवाही अथवा ग़लत काम करने का दोषी पाया जाता है, तो सेवानिवृत्त होने के बाद उसकी पेंशन व ग्रेच्युटी रोकने का आदेश दिया गया है। (Gratuity and Pension Rules Change)
बता दें कि केन्द्र सरकार की तरफ़ से यह आदेश केन्द्रीय कर्मचारियों के लिये लागू किया गया है। लेकिन भविष्य में इसे राज्य सरकारें भी अपने यहाँ राज्य कर्मचारियों के लिये लागू कर सकती हैं। केन्द्र सरकार ने पिछले दिनों CCS (पेंशन) नियम-2021 के नियम-8 में बदलाव किया था, जिसमें कईं नये प्रावधान जोड़े गये हैं। केन्द्र सरकार की ओर से बदले गये नियम की जानकारी सम्बंधित प्राधिकरणों को भेज दी गयी है। (Gratuity and Pension Rules Change)
जानिये कौन लोग करेंगे कार्यवाही?
1- प्रेसिडेंट जो पेंशनभोगी कर्मचारी के अप्वाइंटमेंट में शामिल रहे हैं उन्हें ग्रेच्युटी अथवा पेंशन को रोकने का अधिकार दिया गया है।
2- ऐसे सचिव जो कि सम्बंधित मंत्रालय अथवा विभागों से जुड़े हुए हों, जिसके अंतर्गत सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी की नियुक्ति की गयी हो उनको भी पेंशन अथवा ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार होगा।
3- अगर कोई कर्मचारी ऑडिट अथवा अकाउंट विभाग से रिटायर हुआ होगा तो CAG को दोषी पाये गये कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन अथवा ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार दिया गया है।
जानिये क्या रहेंगे कार्यवाही के नियम?
1- नियमानुसार सेवा देने के दौरान अगर इन कर्मचारियों के विरुद्ध कोई विभागीय अथवा न्यायिक कार्यवाही हुई होगी तो इस आशय से जुड़ी जानकारी सम्बंधित अधिकारियों को देना अति आवश्यक होगा।
2- अगर किसी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद उसे पुनः नियुक्त किया गया है, तो उस कर्मचारी पर भी यह बदले हुए नियम लागू होंगे।
3- अगर कोई केन्दीय कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन अथवा ग्रेच्युटी का भुगतान ले चुका है और इसके बाद दोषी पाया जाता है, तो उस कर्मचारी से पेंशन अथवा ग्रेच्युटी की पूरी या आंशिक रूप से राशि वसूली जा सकती है।
3- इसका आंकलन विभाग को हुई हानि के आधार पर किया जायेगा।
4- अगर अथॉरिटी चाहेगी तो उक्त कर्मचारी की पेंशन अथवा ग्रेच्युटी को स्थायी या कुछ टाइम के लिये भी रोक सकता है।
बता दें कि इन नियमों के अंतर्गत ऐसी स्थिति में किसी भी निकाय को अन्तिम आदेश देने से पूर्व UPSC (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) से सुझाव लेना होगा। इस में यह भी प्रावधान है, कि किसी भी मामले में जहाँ पेंशन को रोका अथवा निकाला जाता है तो उसमें न्यूनतम राशि 9000 रुपये प्रति महीने से कम नहीं होनी चाहिये। (Gratuity and Pension Rules Change) [न्यूज़ स्रोत- ZeeNews]