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Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand: क्या अब हरियाणा में सरकार तय करेगी कि लड़के या लड़की को किस गाँव और किस खानदान में शादी करनी है या नहीं?

Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand:

 

न्यूज़ डेस्क: Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand- हरियाणा सरकार ने बालिग युवाओं और युवतियों द्वारा किये जाने वाले ‘अन्तर-जातिये विवाह’, ‘अन्तर-ग्राम विवाह’ और ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ के पंजीकरण पर प्रतिबन्ध लगाने के लिये ‘हिन्दू विवाह अधिनियम-1955’ में संशोधन की प्रक्रिया शुरु कर दी है।Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand

खाप पंचायत के अनुसार एक ही गाँव, एक ही गोत्र और लिव इन रिलेशनशिप पर प्रतिबन्ध लगाने वाली पंचायतों की माँग पर कार्यवाही करने के लिये प्रमुख सचिव, CRID (नागरिक संसाधन सूचना विभाग) को भेजा गया था। (Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand)

इस सम्बन्ध में हरियाणा की सर्व जातीय खाप पंचायत के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी टेकराम कंडेला का कहना है कि ‘एक ही गोत्र और एक ही गांव में विवाह समाज में सामाजिक मानदण्डों के विपरीत है। क्योंकि अन्तर-गोत्र और अन्तर-ग्राम विवाह एक प्रकार से सामाजिक कलंक हैं, जिसके परिणाम स्वरूप उन माता-पिता को लगातार…

अपमान व मानसिक यातना मिलती है, जिनके युवा/युवतियां ऐसे वैवाहिक सम्बन्ध बनाते हैं, जो कि सामाजिक मानदण्डों का उल्लंघन हैं। कंडेला के अनुसार सामाजिक ताने-बाने व ख़ुशहाल पारिवारिक जीवन को बनाये रखने हेतु सामाजिक मानदण्डों के अनुसार स्थितियों को समायोजित करने हेतु संशोधन लाना ज़रूरी है। (Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand)Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand

बीते माह खाप पंचायत ने राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें यह माँग की गयी थी कि अन्तर-गोत्र, ग्राम-ग्राम विवाह, लिव इन रिलेशनशिप और सीमावर्ती ग्रामों वयस्क लड़के/लड़कियों के बीच होने वाले विवाह को भी अमान्य घोषित किया जाना चाहिये। (Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand)

खाप पंचायत पदाधिकारियों के अनुसार अब उन्हें शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने आश्वासन दिया है, कि यह मामला एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंपा गया है, जो कि जल्द ही प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर को अन्तिम रिपोर्ट सौंप सकते हैं। जिस पर सीएम खट्टर अन्तिम निर्णय लेंगे। (Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand)

विदित हो कि फ़िलहाल तक भारत का संविधान देश के वयस्क युवाओं और युवतियों को अपनी मर्ज़ी से अपनी पसन्द के अनुसार किसी भी जाति, गौत्र और किसी भी धर्म में विवाह करने की आज़ादी देता है। लेकिन संविधान प्रदत्त अधिकारों के अलावा हर एक समाज की अपनी-अपनी मान्यतायें और विचारधारायें होती हैं… (Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand)Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand

जिसके चलते वयस्क युवाओं और युवतियों को अपनी मर्ज़ी से शादी करने करने में बड़ी कठिनाइयां पेश आती हैं, कई बार इन सामाजिक बंदिशों का परिणाम इतना घातक सिद्ध होता है कि युवक/युवतियां अन्तर-जातीय,अन्तर-गोत्र और अन्तर-ग्राम प्रेम प्रसंग के चलते विवाह होने की असम्भावनाओं के चलते सामूहिक रूप रूप से आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेते हैं। (Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand)

और अगर देखा जाये तो ऐसे कठोर होते जा रहे सामाजिक प्रतिबन्धों के चलते ऐसी घटनायें रुकने के बजाये दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। इन्ही सामाजिक प्रतिबन्धों के चलते कुछ आन्दोलनकारी प्रवृत्ति के वयस्क युवा/युवतियां संवैधानिक क़ानून का सहारा लेकर अपने समाज की रूढ़िवादी बंदिशों को तोड़कर अपना हित पूरे करने में सफ़ल भी हो जाते हैं। (Haryana Hindu Marriage Act Amendment Demand)

डिस्क्लेमर: यह ख़बर सिर्फ़ मोजूदा संवैधानिक अधिकारों के परिपेक्ष्य में है, इसमें हमारी अर्थात ‘देश दुनिया टुडे’ की पंचायतों अथवा सरकार के अन्तिम निर्णय पर सहमति अथवा असहमति का कोई पक्ष नहीं है।
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