High Court Decision On Nithari Kand: अगर मनिन्दर सिंह पंधेर और सुरेन्दर कोली दोषी नहीं तो अवाम और पीड़ित परिवारों को इस सवाल का जवाब भी मिलना चाहिये कि……
न्यूज़ डेस्क: High Court Decision On Nithari Kand- वर्ष 2006 का नोएडा का निठारी काण्ड जिसने पूरे भारत को झिंझोड़ कर दिया था। लेकिन अब इस काण्ड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिस तरह से मनिन्दर सिंह पंधेर और सुरेन्दर कोली को बरी कर दिया है….
हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद अब लोगों के मन में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि जब मनिन्दर सिंह पंधेर और सुरेन्दर कोली निर्दोष हैं तो उन 19 बच्चियों और महिलाओं को किसने मारा था जिनके कंकाल बरामद हुए थे? (High Court Decision On Nithari Kand)
क्या पीड़ित परिवारों को न्याय देने के उद्देश्य से अब इस काण्ड की दोबारा नये सिरे जाँच होगी? निश्चित रूप से होनी भी चाहिये। क्योंकि अभी तक सभी मृतकों के पीड़ित परिवार इस काण्ड के अभियुक्तों (पूर्व आरोपी) को सज़ा मिलने का इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन अब उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्दोष मानकर बरी कर दिया है। (High Court Decision On Nithari Kand)
लेकिन अगर मनिन्दर सिंह पंधेर और सुरेन्दर कोली दोषी नहीं तो अवाम और पीड़ित परिवारों को इस सवाल का जवाब भी मिलना चाहिये कि वें आख़िर वह 19 बच्चियों और महिलाओं की हत्याओं का दिल दहलाने वाला काण्ड को किसने अन्जाम दिया था? (High Court Decision On Nithari Kand)
अब आवश्यता इस बात की है कि जब इस मामले के अभियुक्त मनिन्दर सिंह पंधेर और सुरेन्दर कोली निर्दोष साबित हो चुके हैं तो इस काण्ड के वास्तविक आरोपियों तक पहुँचने और उन्हें दण्ड देकर पीड़ित परिवारों को न्याय देने के लिये नये सिरे से जाँच हो। (High Court Decision On Nithari Kand)
अगर इस जघन्य काण्ड के वास्तविक आरोपियों को सज़ा न मिल पायी तो इससे भारतीय जाँच एजेंसियों व न्यायिक तन्त्र पर से विश्वास उठ जायेगा। हालाँकि यह ठीक है कि CBI हाईकोर्ट के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने पर विचार कर रही है…
लेकिन यह कार्य जितना जल्द हो जाये तो अच्छा है। क्यूँकि पहले ही पीड़ित परिवार न्याय के लिये बहुत इंतज़ार कर चुका है। अगर इस मामले को CBI सर्वोच्च न्यायालय में जल्द चुनौती दे पाती है तो शीर्ष अदालत को भी जितना जल्द हो सके सही निर्णय दे देना चाहिये। (High Court Decision On Nithari Kand)
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