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Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case: देश में फ़िर हुई श्रद्धा मर्डर जैसी एक और खौफ़नाक घटना,चन्द्रमोहन के फ्रिज़ से बरामद हुए अनुराधा की लाश के टुकड़े-टुकड़े

Last updated on 2023-07-20

Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case: देश में फ़िर हुई श्रद्धा मर्डर जैसी एक और खौफ़नाक घटना,चन्द्रमोहन के फ्रिज़ से बरामद हुए अनुराधा की लाश के टुकड़े, सिर पॉलीथिन में पैक करके फेंका, हाथ-पैर फ्रिज़ में रखे और धड़ संदूक में

 

 

हैदराबाद: Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case- पिछले साल 16 मई-2022 को देश में एक ऐसी ख़ौफ़नाक घटना हुई थी, जिसने पूरे देश को सन्न कर दिया था। इस दिन आफ़ताब के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही एक युवती श्रद्धा वॉल्कर की बड़ी ही बेरहमी से टुकड़े-टुकड़े कर देनी की घटना सामने आयी थी। अब एक साल बाद इस जघन्य हत्याकांड के बाद उसी तरह से हैदराबाद में भी ऐसे ही खौफ़नाक मर्डर की पुनरावृत्ति हुई है।Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case

मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार हैदराबाद में बुधवार 17 मई 2023 को कूड़े के एक ढेर से एक महिला का कटा हुआ सिर बरामद हुआ था। शहर के तिगालागुडा रोड पर नगर निगम के कुछ कर्मचारी रोज़ाना की तरह सड़क किनारे मौजूद डम्पिंग ग्राउंड में सफ़ाई का काम कर रहे थे, इसी दौरान सुधाकर नाम के एक सफ़ाई कर्मचारी की नज़र एक बड़ी सी काली पॉलीथिन पर पड़ी। पॉलिथीन काफ़ी टाइट तरीके से पैक की गई थी। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

सफ़ाई कर्मचारी सुधाकर ने जैसे ही उस काली पॉलीथिन को खोला तो वह मन्ज़र इतना भयानक था कि सुधाकर ही क्या कोई भी इंसान ऐसे मन्ज़र को मरते दम तक नहीं भूल सकता। क्योंकि पॉलीथिन खोलते ही सुधाकर के मुँह से इतनी बड़ी चीख निकली आसपास के लोग अवाक रह गये।सुधाकर सफ़ाई कर्मचारी ने चीखते हुए पॉलीथिन को दूर फेंक दिया और दूर भाग गया। क्योंकि उस पॉलीथिन में एक महिला का कटा हुआ सिर था। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

देखते ही देखते कुछ ही पलों में यह ख़बर आग की तरह फ़ैल गयी। थोड़ी ही देर बाद शहर की मलकापेट थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुँच गयी। पुलिस ने कटा हुआ सिर अपने क़ब्ज़े में लेकर फॉरेंसिक जाँच के लिये भिजवाया और इस महिला के कटे सिर और इस जघन्य हत्याकांड की पहेली को सुलझाने के लिये युद्धस्तर पर जाँच शुरु कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार यह इतना बड़ा काण्ड है कि पुलिस ने इसकी जाँच में तेलंगाना राज्य के सभी 735 थानों को शामिल किया।Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case

मामले की जाँच में जुटी हैदराबाद पुलिस के लिये मारी गयी महिला की पहचान का पता लगाना सबसे पहली चुनौती थी और इसके लिये पुलिस द्वारा पहले ही दिन से युद्धस्तर जाँच अभियान चलाया जा रहा था। पुलिस ने अपने ही विभाग के उस व्हाट्सएप ग्रुप में भी महिला के कटे सिर की तस्वीरें सेंड की जिस ग्रुप में 700 से अधिक थानों के पुलिस इंचार्ज जुड़े हुए थे। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

पुलिस ने लगभग 450 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली और लगभग 250 से अधिक गुमशुदा महिलाओं के बारे में जानकारी जुटाने की क़वायद शुरू कर दी। इसके बाद लगभग एक सप्ताह की कड़ी जाँच के बाद इस कटे हुए सिर से जुड़ी जो कहानी सामने आयी उसने लोगों की रूह को दहला दिया। लगभग 5 दिनों के महा प्रयास के बाद अन्ततः पुलिस इस महिला की पहचान करने में कामयाबी मिल ही गयी। महिला की पहचान शहर के दिलसुख नगर निवासी 55 वर्षीय अनुराधा रेड्डी के रूप में हुई। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार यूँ तो अनुराधा रेड्डी एक शादीशुदा महिला थी, लेकिन अपने पति की मृत्यु के बाद वह लगभग 15 वर्षों से अकेली ही रह रही थी। इस दौरान उसकी किसी चन्द्रमोहन नाम के एक व्यक्ति के साथ जान पहचान हुई, जो कि उससे 7 वर्ष छोटा था। पति की मौत के बाद उसकी चन्द्रमोहन से काफ़ी नज़दीकियां बढ़ गयी और फीर वह चन्द्रमोहन के ही साथ उसके दिलसुख नगर वाले घर में रहने लगी। बताया जा रहा है कि अनुराधा पेशे से एक नर्स भी थी। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

क्योंकि महिला पहले से ही अलग रहती थी, कुछ लिमिटेड फ्रेंड्स और रिलेटिवज़ के अलावा और किसी से उसकी बातचीत हीं होती थी। लेकिन इसी बीच अचानक एक दिन अनुराधा रेड्डी रहस्यमयी तरीके से अपने घर से ग़ायब हो जाती है। नर्स का काम करने वाली अनुराधा को लोगों ने आखिरी बार 12 मई को ज़िन्दा देखा था। अनुराधा के लापता होने के बाद उसके कुछ रिलेटिवज़ और जान पहचान वालों ने कई बार अनुराधा से फ़ोन पर बात करने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं हो पायी। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

इधर किसी महिला के कटे सिर की पहचान पता करने में जुटी पुलिस ने जब घटनास्थल और आस-पास के सभी CCTV कैमरों की फुटेज़ की बड़ी गहनता से छानबीन की तो पुलिस का शक एक ऑटो रिक्शा में सवार एक व्यक्ति पर गया। क्योंकि इस व्यक्ति ने अपने मुँह को एक कपड़े से ढका हुआ था। इसलिये उसे पहचानना तो मुमकिन नहीं था, लेकिन जब वह पॉलीथिन में पैक महिला के कटे हुए सिर को फेंकने जा रहा था, तो इसी दौरान उसने एक होटल से पानी की बोतल ज़रूर ख़रीदी थी।

उक्त संदिग्ध युवक ने बाई चांस पानी की बोतल के पैसे का भुगतान करने के लिये UPI ट्रांजेक्शन का प्रयोग किया था। और पुलिस ने उसी UPI ट्रांजेक्शन के सहारे व्यक्ति की पहचान पता कर ली। UPI आईडी के अनुसार वह व्यक्ति दिलसुख नगर निवासी चन्द्रमोहन निकला जो कि अनुराधा के ही साथ एक प्रकार से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा था। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

जब पुलिस UPI आईडी के अनुसार दिलसुख नगर चन्द्रमोहन के घर पहुँची तो वहाँ चन्द्रमोहन तो नहीं मिला लेकिन अनुराधा की ख़ौफ़नाक हत्या की कहानी की पहेली ज़रूर सुलझने का रास्ता साफ़ हो गया था। हालाँकि पहले तो चन्द्रमोहन ऐसी किसी भी वारदात या घटना होने की बात की जानकारी होने से इनकार करता रहा, लेकिन जब पुलिस ने अपने चिर परिचित अंदाज़ में उसको घेरा और घर की तलाशी ली तो घर के फ्रिज़ में से अनुराधा रेड्डी के कटे हुए हाथ और पैर बरामद हो गये। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

घर की और तलाशी ली गयी तो एक बड़े से लोहे के संदूक में से अनुराधा का धड़ भी बरामद हो गया। इसके बाद चन्द्रमोहन के पास अपना गुनाह स्वीकार करने की बजाये और कोई विकल्प नहीं बचा। उसने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसने दिन शुक्रवार 12 मई को ही अनुराधा की चाकू से गोद-गोदकर कर हत्या कर दी थी, और इसके बाद उसने अनुराधा के शव के टुकड़े-टुकड़े कर उन्हें अलग-अलग जगहों पर ठिकाने लगाने का प्रयास करने लगा।

आरोपी चन्द्रमोहन ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि “उसका अनुराधा से पुराना रिश्ता था। अनुराधा उसके मकान में ग्राउंड फ़्लोर पर रहती थी जबकि वह स्वयं फर्स्ट फ़्लोर पर अपनी वृद्ध माँ के साथ रहता था। अनुराधा नर्स का काम करने के साथ-साथ लोगों को ब्याज़ पर पैसा भी उधार दिया करती थी। इस वजह वजह से उसके पास आमतौर पर कैश रहता था। वर्ष 2018 में उसने अनुराधा से 7 लाख रुपये उधार लिये थे। लेकिन वह अभी तक अनुराधा को उसके पैसे नहीं वापस कर पाया था। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

जब अनुराधा रोज़-रोज़ उससे अपना पैसा वापस माँगने लगी थी तो वह अनुराधा के इस रोज़ रोज़ के उधारी के पैसे माँगने के लफ़ड़े से छुटकारा पाने का प्लान बनाने लगा। एक दिन जब पैसों को लेकर अनुराधा और उसके बीच झगड़ा हुआ तो उसने अनुराधा की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

अब अनुराधा के शव का निपटारा कैसे करे? चन्द्रमोहन के लिये यह बड़ी चुनौती बन गयी। अब इतनी बड़ी लाश को बाहर तो ले जाने से रहा। ऐसे में उसने शव को ठिकाने लगाने का जो तरीक़ा चुना वह ठीक दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस जैसा था। जिस तरह से आफ़ताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़े करके अलग-अलग टुकड़ों को शहर के अलग-अलग स्थानों पर फेंका था, ठीक उसी तरह से चन्द्रमोहन ने भी अनुराधा की हत्या करने के बाद पहले बाज़ार से 2 स्टोन कटिंग मशीन ख़रीदी और इन मशीनों से शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिये। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

पहले अनुराधा रेड्डी की लाश का सिर काटकर अलग कर लिया और उसे पॉलीथिन में पैक किया। फिर शव के हाथ और पैर काटकर अलग किये, और फ्रिज़ में भर दिये। फ़िर धड़ को एक संदूक में रखा। क्यूँकि एक ही दिन में सभी टुकड़ों को फ़ेंकना तो संभव नहीं इसलिये 15 मई को उसने पहले सिर को ठिकाने लगाना सही समझा। इससे पहले वह लाश के बाक़ी टुकड़े फेंकता उससे पहले ही उसका अपराध सामने आ गया। (Hyderabad Anuradha Reddy Murder Case)

इस केस में भी विशेष बात यह रही कि अनुराधा रेड्डी की हत्या की सच्चाई को छुपाये रखने के लिये चन्द्रमोहन ने भी ठीक वही फंडे अपनाये जो आफ़ताब ने श्रद्धा की लाश को ठिकाने लगाने के लिये अपनाये थे। चन्द्रमोहन भी अनुराधा के मोबाइल फ़ोन से उसके रिश्तेदारों, दोस्तों और जान पहचान वालों को कॉल रिसीव करने की बजाये मैसेज भेज-भेजकर गुमराह करता रहा। वास्तव में इस हत्याकाण्ड ने श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस की एक साल पहली यादें ताज़ा कर दी हैं।
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