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Indian Judiciary Code 2023 Law: अब देश में धोखेबाज़ी करने वाला नहीं कहलायेगा ‘420’, न ही हत्या करने पर चलेगा ‘302’ का मुक़दमा और न ही लगेगी देश में धारा-144…जानिये क्यों?

Last updated on 2023-08-13

Indian Judiciary Code 2023 Law:

 

नई दिल्ली: Indian Judiciary Code 2023 Law- अगर आप भी किसी के धोखेबाजी वाले व्यवहार को दिखाने के लिये पुरानी कहावत का प्रयोग करते आये हैं कि अमुक व्यक्ति तो बहुत बड़ा 420 है, या वह बहुत ‘चार सौ बीसी’ करता है, तो अब आपको अपनी यह आदत बदलनी ही होगी।Indian Judiciary Code 2023 Law

क्योंकि धोखेबाजी से संबंधित धारा तो बदल गयी है। क्योंकि अब आप जिसे भी ‘420’ या ‘चार सौ बीसी’ की संज्ञा देंगे सामने वाले व्यक्ति को बिल्कुल भी बुरा नहीं लगेगा। क्योंकि अब मोदी सरकार ने पिछली IPC की धारा-420 के धोखेबाज़ गुनाहगारों को एक प्रकार से सम्मान देने का नया क़ानून जो बना दिया है। (Indian Judiciary Code 2023 Law)

दरअसल अगर आपको आपके साथ धोखा करने वाले व्यक्ति को धोखेबाज़ चरित्र का अहसास कराना है या किसी और को क़ानूनी भाषा में समझाना है, तो आपको उसे कहना होगा ‘316’ या ‘तीन-सोलह’ करने वाला व्यक्ति। (Indian Judiciary Code 2023 Law)

दरअसल सरकार ने भारतीय दण्ड संहिता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता-2023 रख दिया है। केन्द्र सरकार की दलील है कि यें अंग्रेज़ों का 163 साल पुराने क़ानून थे जो कि भारत में ग़ुलामी के निशान थे।

अब नये भारतीय न्याय संहिता-2023 के तहत कई धाराओं में बदलाव कर दिया है। और यह बदलाव सिर्फ़ धोखेबाज़ी की धारा 420 तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब हत्या की धारा-302 नहीं रह गयी बल्कि नए प्रस्तावित कानून के तहत धारा-101 होगी। (Indian Judiciary Code 2023 Law)

इसी तरह अवैध लोगों के जमावड़े से सम्बंधित धारा-144 को भी अब धारा-187 के नाम से जाना जायेगा। केन्द्र सरकार का तर्क है कि ऐसा इसलिये किया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में नई धाराओं और उप-धाराओं के शामिल होने से भारतीय दण्ड संहिता बहुत भारी हो गयी हो गयी थी।

अब भारतीय दण्ड सहिंता को ख़त्म करके जो भारतीय न्याय संहिता-2023 बनायी गयी है, वह वज़न में बहुत बहुत हल्की है। क्योंकि IPC (भारतीय दण्ड संहिता) में 511 धारायें थी लेकिन अब भारतीय न्याय संहिता में कुल 356 धाराएं होंगी। (Indian Judiciary Code 2023 Law)

और इनमें से 175 धाराओं में संशोधन किया जायेगा। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने कहा कि इसमें 8 नये खण्ड जोड़े गये हैं, और पुराने 22 को निरस्त कर दिया गया है। (Indian Judiciary Code 2023 Law)
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