Jaipur 2008 blasts Final Decision: तो क्या जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट्स के दोषी 15 सालों से आज़ाद घूम रहे हैं? इस मामले में फाँसी की सज़ा पाये गये सलमान, सैफ, सैफुर्रह्मान और सरवर को हाईकोर्ट ने किया बरी

Jaipur 2008 blasts Final Decision: तो क्या जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट्स के दोषी 15 सालों से आज़ाद घूम रहे हैं? इस मामले में फाँसी की सज़ा पाये गये सलमान, सैफ, सैफुर्रह्मान और सरवर को हाईकोर्ट ने किया बरी

 

 

जयपुर: Jaipur 2008 blasts Final Decision- वर्ष-2008 के चर्चित जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट के कथित आरोपियों सलमान, सैफ, सैफुर्रह्मान और सरवर आज़मी को लोअर कोर्ट द्वारा फाँसी की सज़ा देने के बाद अब 15 वर्ष बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने बा’इज़्ज़त बरी कर दिया है।Jaipur 2008 blasts Final Decision

इन कथित आरोपियों ने लोअर कोर्ट से सज़ा होने के बाद लोअर कोर्ट के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में अब आज बुधवार को जस्टिस पंकज भंडारी व समीर जैन की खण्डपीठ ने अपना अन्तिम निर्णय सुनाते हुए बिना सबूतों के आधार पर सभी को निर्दोष क़रार दे दिया है। (Jaipur 2008 blasts Final Decision)

लेकिन हाईकोर्ट के इस निर्णय से देश मे एक बार फ़िर से पुलिस, सरकारी मशीनरी और जाँच एजेंसियों पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। क्योंकि अगर बा’इज़्ज़त बरी हुए लोग मुजरिम नहीं हैं तो इतने लम्बे अन्तराल में पुलिस और जाँच एजेंसियों की पहुँच असली मुजरिमों तक क्यों नहीं? (Jaipur 2008 blasts Final Decision)

और जब ये बरी हुए लोग मुजरिम नहीं हैं तो इन्हें इतने सालों तक जेल में सड़ाना कौन सा न्याय है? इनकी उम्र का सबसे अहम और क़ीमती वक़्त जो जेल में बर्बाद हुआ है, क्या उसकी भरपाई सम्भव है? और एक बड़ी बात मीडिया की……

जिस मीडिया का इन आज निर्दोष बरी हुए इन लोगों को उस समय खूँखार आतंकी बताते हुए गले सूख जाते थे, आज बिल्कुल ख़ामोश क्यों हैं? हमारे देश की मीडिया की भी एक ख़ास वैल्यू है जो पूरी दुनिया में और कहीं की मीडिया को नहीं है। (Jaipur 2008 blasts Final Decision)

हमारे देश के मीडिया की सबसे बड़ी और ख़ास बात ये है कि हमारी मीडिया अदालत से पहले ही सज़ा सुना देती है। कौन मुजरिम है कौन नहीं..अदालत से पहले इसका फ़ैसला हमारे देश की मीडिया कर देती है। (Jaipur 2008 blasts Final Decision)

जानिये क्या था मामला?
बता दें कि 13 मई 2008 को जयपुर में माणक चौक खंडा, चाँदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाज़ार व सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक कई सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। (Jaipur 2008 blasts Final Decision)

इन बम ब्लास्ट्स में 71 बेगुनाह लोग मारे गये और लगभग 185 लोग घायल हुए थे। जबकि रामचन्द्र के समीप एक ज़िन्दा बम भी बरामद हुआ था, जिसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था। मामले की जाँच हुई तो सलमान, सैफ, सैफुर्रह्मान और सरवर आज़मी को दोषी ठहराया गया। (Jaipur 2008 blasts Final Decision)

लोअर कोर्ट ने सलमान, सैफ, सैफुर्रह्मान और सरवर आज़मी को दोषी ठहराते हुए फाँसी की सज़ा निर्धारित कर दी थी। लेकिन लोअर कोर्ट के इस निर्णय के ख़िलाफ़ कथित आरोपियों ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और 15 साल बाद इन लोगों को हाईकोर्ट ने बा’इज़्ज़त बरी कर दिया है।

यह भी पढ़ें- अरविन्द केजरीवाल का CBI-ED और PM पर ज़ोरदार हमले जारी, कहा ‘मोदी के पीएम बने रहने तक नहीं होगा ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’Arvind Kejriwal Attack On CBI-ED

You may also like...