Jamiat 34th Adhiveshan: अल्लाह और ओम एक ही है…मौलाना अरशद मदनी के इस बयान पर जैन धर्मगुरु ने लोकेश मुनि के मंच छोड़ा
Jamiat 34th Adhiveshan: अल्लाह और ओम एक ही है…मौलाना अरशद मदनी के इस बयान पर जैन धर्मगुरु ने लोकेश मुनि के मंच छोड़ा
नई दिल्ली: (12 फरवरी 2023) Jamiat 34th Adhiveshan- देश की राजधानी के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अधिवेशन में उस समय मतभेद पैदा हो गया जब जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मोहन भागवत के उस बयान की आलोचना कर दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में में पैदा हुए सभी लोग हिन्दू हैं।
दरअसल इस अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि “मैंने एक धर्मगुरु से पूछा कि जब कोई नहीं था, न श्रीराम और न ब्रह्मा तो तब मनु किसे पूजते थे..? कुछ लोग कहते हैं कि हैं वे उस समय ओम को पूजते थे। तब मैंने (अरशद मदनी) कहा कि इन्हें ही (बृह्मा) को तो हम अल्लाह , आप ईश्वर, फ़ारसी बोलने वाले ख़ुदा और अंग्रेज़ी बोलने वाले गॉड कहते हैं। (Jamiat 34th Adhiveshan)
मौलाना अरशद मदनी के इस वक्तव्य कि ‘अल्लाह और ओम ही हैं’ के बाद तुरन्त बाद मंच पर आसीन जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि सहित कई अलग विचारधारा के लोगों ने ऐतराज़ जताते हुए जमीयत का मंच छोड़ दिया। लेकिन अरशद मदनी ने अपना सम्बोधन जारी रखते हुए कहा कि “हम इसी देश में पैदा हुए हैं और मुसलमान हैं, इसलिये घर वापसी और मोहन भागवत ने जैसा कहा कि सारे मुसलमान भी हिन्दू हैं। मोहन भागवत का यह बयान ग़लत है।
इससे पहले मौलाना महमूद मदनी ने अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि “हमारी भाजपा और आरएसएस से कोई दुश्मनी नहीं है..लेकिन धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिये। मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमारे कुछ वैचारिक मतभेद हैं, जैसे आरएसएस के संस्थापक की किताब ‘बंच ऑफ थॉट्स’ को लेकर कई समस्यायें हैं। (Jamiat 34th Adhiveshan)
महमूद मदनी ने कहा कि “वर्तमान आरएसएस प्रमुख के हालिया के बयानों को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि..हम इन्ही मतभेदों को समाप्त करने के लिये आरएसएस प्रमुख व उनके लोगों का स्वागत करते हैं।” उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि “मुसलमानों को अपने पैग़म्बरों का अपमान क़तई भी मंज़ूर नहीं। (Jamiat 34th Adhiveshan)
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि “आज शिक्षा का भगवाकरण हो रहा है, किसी भी दूसरे धर्म की क़िताबों को दूसरे धर्मों पर थोपी जा रही हैं, जो कि सरासर ग़लत है। ऐसा नहीं होना चाहिये। मुसलमानों को यह बिल्कुल भी मंज़ूर नहीं है। यह तो भारतीय संविधान के लोकाचार के भी विरुद्ध है। (Jamiat 34th Adhiveshan)
अधिवेशन को स्वामी चिन्मयानन्द ने भी किया। इस अवसर पर स्वामी चिन्मयानंद ने अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि “नफ़रत से कभी किसी का भला नहीं हुआ है।, लेकिन प्यार, मोहब्बत से पूरी ज़िन्दगी अच्छे से गुज़ारी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मज़हब के नाम पर बँटवारा हुआ तो इस एक देश के दो टुकड़े हो गये। (Jamiat 34th Adhiveshan)
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