Karnataka Hijab Case: क्या देश में शिक्षा से ज़रूरी हो गया है धर्म का मुद्दा? मुस्लिम लड़कियां हिजाब नहीं उतार सकती, सरकार और कोर्ट को हिजाब बर्दाश्त नहीं चाहे लड़कियों का एक वर्ष बर्बाद क्यों न हो जाये?

Karnataka Hijab Case: क्या देश में शिक्षा से ज़रूरी हो गया है धर्म का मुद्दा? मुस्लिम लड़कियां हिजाब नहीं उतार सकती, सरकार और कोर्ट को हिजाब बर्दाश्त नहीं चाहे लड़कियों का एक वर्ष बर्बाद क्यों न हो जाये?

 

 

कर्नाटक: Karnataka Hijab Case- कर्नाटक के सरकारी स्कूलों व कॉलेजों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब का विरोध और प्रतिबन्ध जारी है। हिजाब पर पाबन्दी के चलते कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों के परीक्षा देने से वंचित होने के चलते भले ही लड़कियों का एक वर्ष ख़राब हो चुका है, लेकिन अभी तक यह मामला जस का तस है।Karnataka Hijab Case

ऐसे में न मुस्लिम लड़कियां ही अपनी स्मिता और हया के साथ समझौता कर रही हैं और न ही सरकार और कोर्ट को इन लड़कियों के भविष्य की चिन्ता हो रही। इसी हिजाब विरोध और गतिरोध के चलते अब बाक़ी प्री-यूनिवर्सिटी की मुस्लिम छात्राएं भी इस चालू शैक्षणिक सत्र में भी न अपना संस्थागत कोर्स ही पूरा नहीं कर पायेंगी। (Karnataka Hijab Case)

क्योंकि यहाँ कर्नाटक में हिजाब के साथ स्कूलों व कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं को पीयूसी परीक्षा देने की अनुमति देने वाली याचिका को तत्काल लिस्टिंग से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। ऐसे में इन प्री-यूनिवर्सिटी की छात्रायें परीक्षा को लेकर फ़िर चिंतित हैं। (Karnataka Hijab Case)

Karnataka Hijab Caseराज्य में प्री-यूनिवर्सिटी की परीक्षा 9 मार्च से आरम्भ होने जा रही हैं। लेकिन इस बीच सुप्रीम का 1 सप्ताह का अवकाश होता है। होली के अवकाश के बाद 13 मार्च को कोर्ट में फ़िर से लम्बित मामलों की सुनवायी के लिये खुलेगी, लेकिन तब तक राज्य में परीक्षायें शुरु हो चुकी होंगी। (Karnataka Hijab Case)

ऐसे हालात में बिना हिजाब के परीक्षा देने का विरोध कर रही मुस्लिम छात्राओं ने हिजाब धारण कर परीक्षा देने की अनुमति देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवायी की माँग की हुई थी, जिसे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया। (Karnataka Hijab Case)

अब इस याचिका के ख़ारिज होने के चलते हिजाब में परीक्षा देने की माँग रखने वाली मुस्लिम छात्राओं का एक और वर्ष ख़राब होने की आशंका प्रबल हो गयी है।
बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में ‘महिलाओं के लिये शरिया समिति’ ने राज्य के सरकारी शिक्षण..

संस्थानों और कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पर बैन वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के निर्णय का विरोध किया। अगर इस पूरे प्रकरण को देखा जाये तो ये ही लगता है कि न तो धर्म के आगे इन छात्राओं को ही अपने भविष्य की चिन्ता है और न ही सरकार और कोर्ट को। (Karnataka Hijab Case)
यह भी पढ़ें- बेटे ने पुलिस बुलाकर कहा ‘पापा ने मम्मी को मार डाला, पापा को गिरफ़्तार करो, रिटायर्ड फ़ौजी ने देर रात पत्नी की लाठी से पीट-पीटकर हत्याJhunjhunu Crime News

You may also like...