जानिये केन्द्र में किस की सरकार थी जब 1990 में आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों पर घिनौना अत्याचार किया था? Know whose government was at the center in 1990

जानिये केन्द्र में किस की सरकार थी जब 1990 में आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों पर घिनौना अत्याचार किया था? Know whose government was at the center in 1990

न्यूज़ डेस्क ‘Desh Duniya Today:
वर्ष था सन 1989 जब देश में 9वीं लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुए थे। उस समय के लोकसभा चुनाव में किसी भी एक पार्टी को सरकार बनाने के लिये बहुमत नहीं था लेकिन काँग्रेस सब से बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। उस समय केन्द्र में सरकार बनाने की बजाये काँग्रेस पार्टी ने विपक्ष में बैठने का फ़ैसला किया। जनता दल व दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों की सहायता से एक ‘नेशनल फ्रंट’ अलाइंस की सरकार बनी और वी.पी सिंह प्रधानमन्त्री चुने गये। वी.पी सिंह भारत के दसवें प्रधानमन्त्री थे। भारत में ‘नेशनल फ्रंट’ से गठबंधन सरकारों के दौर की शुरुआत थी। (Know whose government was at the center in 1990)Know whose government was at the center in 1990

वर्ष-1984 में इन्दिरा गाँधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गाँधी प्रचण्ड बहुमत के साथ सत्ता में बैठे लेकिन बोफ़ोर्स तोप घोटाले से लेकर LTTE और श्रीलंका गवर्नमेंट के मध्य गृहयुद्ध जैसे कई मोर्चों पर देश में राजीव गाँधी की सरकार बुरी तरह से घिर चुकी थी। उस समय केन्द्र सरकार में वित्त मंत्रालय व रक्षा मंत्रालय का कार्यभार सम्भालने वाले वी.पी सिंह ही राजीव गाँधी के कट्टर आलोचक के रूप में उभरकर आ गये। फ़िर वर्ष-1989 में देश में 2 चरणों में लोकसभा चुनाव सम्पन्न कराना तय हुआ।लोकसभा की कुल 525 सीटों के लिये 22 नवम्बर और 26 नवम्बर 1989 को मतदान हुआ। (Know whose government was at the center in 1990)

उस समय देश में काँग्रेस को रोकने के लिये पहली बार लेफ़्ट के साथ आयी थी भारतीय जनता पार्टी:
वर्ष-1989 के लोकसभा चुनाव में देश में किसी भी एक पार्टी को अकेले सरकार का बनाने के लिये बहुमत मिला। ऐसा पहली बार हुआ जब देश में काँग्रेस पार्टी का एकछत्र राज करने का सिलसिला टूटा। देश के तत्कालीन राष्ट्रपति आर. वेंकटरमण ने 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी काँग्रेस को सरकार बनाने के न्योता दिया, लेकिन काँग्रेस ने बहुमत न मिलने के चलते विपक्ष में ही बैठने का निर्णय लिया। (Know whose government was at the center in 1990)

तब जनता दल व अन्य क्षेत्रीय पार्टियों की सहायता से बने ‘नेशनल फ्रंट’ की सरकार बनी और प्रधानमन्त्री बने वी.पी सिंह। यह ऐसा पहला अवसर था जब काँग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिये विचारों की विविधता के बावजूद भी दक्षिणपन्थी पार्टी बीजेपी और वामपन्थी पार्टियां सब एक साथ आ गयी थी। लेफ़्ट और बीजेपी ने ‘नेशनल फ्रंट’ को केन्द्र में सरकार बनाने के लिये बाहर से समर्थन दिया था। यह देश में पहली गठबंधन सरकार थी। इसके बाद तो एक तरह से गठबंधन सरकारों का लम्बा दौर शुरु हो गया। (Know whose government was at the center in 1990)Know whose government was at the center in 1990

वर्ष-1989 के आम चुनाव में राष्ट्रीय मोर्चे के सब से बड़े घटक दल ‘जनता दल’ ने 143 सीटें जीती थी जबकि काँग्रेस ने 197 सीटें जबकि बीजेपी ने 85 सीटें जीती थी। वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 33 और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 12 सीटें जीती और निर्दलीय व अन्य छोटे दलों ने कुल 59 सीटें जीती थी। उस समय के दसवें प्रधानमन्त्री वी.पी सिंह ‘मंडल कमीशन’ की सिफ़ारिशों को लागू करके पिछड़े वर्गों के लिये तो मसीहा बन गये थे लेकिन उनके इस निर्णय से देश में एक तरह से तूफ़ान भी खड़ा हो गया था। हालांकि वी.पी सिंह की यह सरकार कुछ ज़्यादा दिनों तक नहीं चल पायी थी। मात्र 11 महीनों में ही वी.पी सिंह के नेतृत्व वाली ‘नेशनल फ्रंट’ वाली सरकार ने सदन में विश्वास मत हासिल करने में नाकाम रही और वी.पी सिंह को अपने प्रधानमन्त्री इस्तीफ़ा देना पड़ गया था। (Know whose government was at the center in 1990)

अगर देखा जाये तो अब से 30 वर्ष पूर्व सम्पन्न हुआ 9-वीं लोकसभा का चुनाव भारत की राजनीती में बीजेपी के बढ़ते जनाधार का समय था। क्योंकि वर्ष-1984 के लोकसभा चुनाव में जहाँ बीजेपी मात्र 2 ही सीटों पर सिमट गई थी तो वहीं 1989 के आम चुनाव में बीजेपी के खाते में 83 सीटों की बढ़त के साथ 85 सीटें आयी थी। यह वह चुनाव था जब लालकृष्ण आडवाणी ने प्रथम बार नई दिल्ली से चुनाव लड़कर जीत जीत हासिल की थी। (Know whose government was at the center in 1990)

Report-Farhad Pundir(Farmat)
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Author: Farhad Pundir(Farmat)