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Litigant Of Azam Khan Changed Statement: तो DM के दबाव में हुआ था आज़म पर वह मुक़दमा दर्ज, जिस केस में आज़म की विधायिकी गयी थी..? मुक़दमा कराने वाले अधिकारी ने कोर्ट में दिया यह बयान

Last updated on 2023-07-20

Litigant Of Azam Khan Changed Statement: तो DM के दबाव में हुआ था आज़म पर वह मुक़दमा दर्ज, जिस केस में आज़म की विधायिकी गयी थी..? मुक़दमा कराने वाले अधिकारी ने कोर्ट में दिया यह बयान

 

 

 

रामपुर: Litigant Of Azam Khan Changed Statement- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आज़म ख़ान के विरुद्ध जिस अधिकारी ने मामला दर्ज कराया था, सब उसी अधिकारी ने कोर्ट में जज के सामने कहा कि “उन्होंने ज़िलाधिकारी के दबाव में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।Litigant Of Azam Khan Changed Statement

आज़म ख़ान ने जब वर्ष- 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, तो उस दौरान उनके विरुद्ध चुनाव आचार संहिता उल्लंघन व भड़काऊ भाषण देने के कई मामले दर्ज किये गये थे। उसी मामले में आज़म ख़ान को विगत 27 अक्टूबर 2022 को 3 वर्ष की सज़ा हो हुई थी। इस मामले पर सज़ा होने के बाद ही उनकी विधायिकी चली गयी थी, और कुछ दिन पूर्व हुए विधानसभा उप-चुनाव में भाजपा नेता आकाश सक्सेना विधायक बन गये। (Litigant Of Azam Khan Changed Statement)

आज़म ख़ान ने इस सज़ा के विरोध में अपील दायर की थी, जिसे स्पेशल जज MP-MLA कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और हाल ही में आज़म ख़ान को बरी कर दिया। इस मामले में कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज कराने वाले सहायक कृषि रक्षा अधिकारी अनिल कुमार चौहान के बयान भी दर्ज किये। अनिल कुमार चौहान लोकसभा चुनाव के दौरान वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी थे। (Litigant Of Azam Khan Changed Statement)

उन्होंने आज़म ख़ान के भाषण की वीडियो देखने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अब कोर्ट में कृषि रक्षा अधिकारी अनिल कुमार चौहान ने बयान दिया है कि यह रिपोर्ट उन्होंने ज़िलाधिकारी के दबाव में दर्ज कराई थी। उस समय ज़िलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह हुआ करते थे, जो कि अब मुरादाबाद के मण्डलायुक्त हैं। जबकि आज़म ख़ान ने जहाँ भाषण दिया था, वह वहाँ पर मौजूद भी नहीं थे। इस मामले में सहायक विकास अधिकारी चन्द्रपाल सिंह ने भी बयान दिया था। (Litigant Of Azam Khan Changed Statement)

उन्होंने यह बात मानी कि आज़म ख़ान, उनकी पत्नी व बेटे ने लोकसभा चुनाव के दौरान ही ज़िलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह की कई शिकायतें की थी, इस वजह से ज़िलाधिकारी व आज़म ख़ान के बीच विवाद था। कोर्ट ने माना कि आज़म ख़ान ने जो भाषण दिया उसमें सत्तापक्ष की आलोचना थी, और जिलाअधिकारी के कार्य करने के तरीक़े की आलोचना की गयी थी। उससे कोई नफ़रत नहीं फ़ैली। (Litigant Of Azam Khan Changed Statement)

मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, मण्डलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि, लोकसभा चुनाव के दौरान वे रामपुर के ज़िलाधिकारी थे, और ज़िला निर्वाचन अधिकारी भी थे। उनका दायित्व था कि यदि चुनाव के दौरान कोई ग़लत भाषणबाज़ी करता है, तो उसके विरुद्ध कार्यवाही करायी जाये, इसलिये उनके ही आदेश पर यह रिपोर्ट करायी गयी थी।
(समाचार स्रोत- जागरण)
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