लखनऊ में शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने बरसाई लाठियां,यूपी की सियासत हुई गर्म– Lucknow Police lashed sticks on teacher recruitment candidates
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामला पिछले काफ़ी लम्बे से गरमाया हुआ है। शिक्षक अभ्यर्थी 22 हज़ार रिक्त को जोड़कर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की माँग करते हुए पिछले 5 महीनों से धरना भी दे रहे हैं। अब इस शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी शनिवार को मुख्यमंत्री आवास तक कैंडल मार्च निकाल रहे थे। लोहिया पथ पर लखनऊ पुलिस ने इन अभ्यर्थियों को रोका और समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन इस दौरान अभ्यर्थियों की पुलिस से झड़प हो गई जिस के बाद पुलिस ने शिक्षक अभ्यर्थियों को दौड़ा- दौड़ाकर पीटना शुरु कर दिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान कई अभ्यर्थियों को चोटे भी आयी हैं। (Lucknow Police lashed sticks on teacher recruitment candidates)
इस संबंध में शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि ” वे अपनी मागों को लेकर मुख्यमंत्री आवास तक कैंडल मार्च निकाल रहे थे, जब पुलिस ने सभी अभ्यर्थियों को रास्ते में रोकने का प्रयास तो उनकी पुलिस से झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया।” अभ्यर्थियों का कहना है कि इस से पहले शनिवार की सुबह उन्होंने भाजपा कार्यालय के बाहर सांकेतिक रूप से भीख़ मांगकर विरोध प्रदर्शन किया था।” (Lucknow Police lashed sticks on teacher recruitment candidates)
वहीं शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों पर हुई लाठीचार्ज की घटना के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई है। इस घटना पर विपक्ष के नेताओं द्वारा वीडियो को ट्वीट कर प्रदेश की योगी सरकार को घेरने की कोशिश की जा रही है।
इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा “बीजेपी के राज में भावी शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर के विश्व गुरु बनने का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है, हम 69,000 शिक्षक भर्ती की मांगों के साथ हैं।”(Lucknow Police lashed sticks on teacher recruitment candidates)
वही शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज की घटना पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने घटना को दु:खद और निन्दनीय क़रार देते हुए सरकार से इन अभ्यर्थियों की मांगों पर तुरन्त विचार करने की मांग की है, मायावती ने आज एक ट्वीट में कहा कि ”यू.पी में 69,000 शिक्षक भर्ती के पुराने और लम्बित मामले को लेकर राजधानी लखनऊ में कल रात शान्तिपूर्ण कैंडल मार्च निकालने वाले सैकड़ों युवाओं को पुलिस लाठीचार्ज करके घायल करना अति दुःखद और निन्दनीय हैं।
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