Last updated on 2023-08-30
Mainpuri Suspended Bus Conductor Suicide: नमाज़ के लिये मात्र कुछ मिनट के लिये बस रोकने वाले अपराधी परिचालक ने परेशान होकर ट्रेन से कटकर की आत्महत्या
मैनपुरी: Mainpuri Suspended Bus Conductor Suicide- धर्म की आस्था के सम्मान में किसी को नमाज़ पढ़वाने के लिये एक बस परिचालक को 2 मिनट तक बस को रोकना इतना भारी पड़ेगा? यह बस के परिचालक ने शायद सोचा भी नहीं होगा।
लेकिन यह नया भारत है इसमें सिर्फ़ एक धर्म को छोड़कर बाक़ी धर्मों का कोई महत्व नहीं रह गया है? ऐसा प्रतीत होता है। क्योंकि एक बस यात्री की शिकायत पर कथित तौर पर मुस्लिम यात्रियों को कुछ मिनट के लिये नमाज़ पढ़वाने के लिये बस रोकने के अपराध में उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने बस परिचालक को नौकरी से सस्पेंड कर दिया। (Mainpuri Suspended Bus Conductor Suicide)
इस अपराध पर नौकरी से हटाया गया बेचारा रोडवेज बस परिचालक अवसाद में रहने लगा था। और आज इस घटना के लगभग 2 महीने बाद यूपी रोडवेज बस के सस्पेंडेड बस परिचालक के ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने की ख़बर आ गयी है। (Mainpuri Suspended Bus Conductor Suicide)
बता दें कि घिरोर के गाँव नगला खुशाली निवासी मोहित यादव जो कि बरेली डिपो में एक बस परिचालक था। लगभग 2 महीने पहले जब ये बस लेकर बरेली से दिल्ली जा रहे थे, तो बरेली से निकलने के बाद इन्होंने बस रोकी और बस से उतरे एक-दो यात्रियों ने बस से उतरकर नमाज़ पढ़ ली। (Mainpuri Suspended Bus Conductor Suicide)
बस में बैठे किसी मुस्लिम नापसंद मानसिकता वाले यात्री ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया कि बस चालक-परिचालक द्वारा बस रोककर मुस्लिम यात्रियों को नमाज़ पढ़वाया गया जो कि सही नहीं है। बस फ़िर क्या था? लग गयी बस स्टाफ की क्लास और बस परिचालक मोहित यादव को ससपेंड कर दिया गया।(Mainpuri Suspended Bus Conductor Suicide)
नौकरी से निलम्बित होने के बाद मोहित यादव गाँव आकर रहने लगा और वह अवसादग्रस्त हो गया। और अन्ततः उसने सोमवार को ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। उसका शव घिरोर क्षेत्र में कोसमा के पास रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला। (Mainpuri Suspended Bus Conductor Suicide)
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार मृतक मोहित यादव के पिता राजेन्द्र यादव ने बताया की मोहित ने किसी को नमाज़ पढ़वाने के लिये बस नहीं रोकी थी, बल्कि कुछ यात्रियों ने उनसे लघु शंका जाने के लिये बस रुकवाई थी, कुछ लोग लघुशंका के लिये गये तो कुछ यात्रियों ने नमाज़ पढ़ ली। इसमें मोहित का दोष नहीं था।
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