Maulana Mahmood Statement: मौलाना महमूद मदनी ने कहा ‘भारत में मुसलमानों के हालात से पूरी दुनिया परेशान, हमें कहा जा रहा क़ायर, खाड़ी देश कर रहे सवाल’

Maulana Mahmood Statement: मौलाना महमूद मदनी ने कहा ‘भारत में मुसलमानों के हालात से पूरी दुनिया परेशान, हमें कहा जा रहा क़ायर, खाड़ी देश कर रहे सवाल’

नई दिल्ली: Maulana Mahmood Statement-
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के मौलाना महमूद मदनी ने “देश में मुस्लिमों की स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि “भारत में आज जो मुस्लिमों की स्तिथि है इससे पूरी दुनिया के मुसलमान परेशान हैं, और हमें क़ायर तक कहा जा रहा है। खाड़ी देश हमारी भूमिका पर प्रश्न उठा रहा हैं।”Maulana Mahmood Statement

उन्होंने कहा कि “खाड़ी देश हमसे पूछ रहे हैं कि इतना बड़ा संगठन (जमीयत उलेमा-ए-हिन्द) होने का क्या फ़ायदा क्या है जब कुछ कर नहीं पा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि “मुसलमानों के विरुद्ध वैमनस्यता फ़ैलाकर देश के साम्प्रदायिक सौहार्द को ख़राब कर दिया गया है।” (Maulana Mahmood Statement)

मौलाना महमूद मदनी ने हाल ही में मुम्बई में देश में वर्तमान स्थिति, चुनौतियों व समाधान को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देश में मुस्लिमों की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि “राजनीतिक दल अपनी ज़िम्मेदारियां नहीं निभा पा रहें हैं, जबकि यह मुद्दा एक समुदाय का मुद्दा नहीं बल्कि पूरे देश का मुद्दा है।” (Maulana Mahmood Statement)

हिंदुस्तान टाइम्स की एकब रिपोर्ट के अनुसार जब मौलाना महमूद मदनी से सवाल किया गया कि “आज देश में मुसलमानों के साथ जो हो रहा है, इस पर उनकी क्या राय है? तो इसके जवाब में उन्होंने ने कहा कि “वह इससे काफ़ी निराश हैं, क्योंकि राजनीतिक दल अपनी ज़िम्मेदारियां निभाने में असफ़ल रहे हैं…..(Maulana Mahmood Statement)

जबकि यह सिर्फ अल्पसंख्यकों का मुद्दा नहीं है बल्कि यह पूरे देश का मुद्दा है।” मौलाना मदनी ने आगे कहा कि “आजकल ऐसा कहा जा रहा है कि हमें हर प्रकार की आज़ादी चाहिये. हमें राजनीतिक आज़ादी, धार्मिक आज़ादी चाहिये, लेकिन लगता है कि हमें भी मूर्ख बनने की आज़ादी मिल गयी है।” (Maulana Mahmood Statement)

मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि “जो लोग मुसलमानों के विरुद्ध नफ़रत फ़ैलाने का काम रहे हैं, वह देश के बहुसंख्यक समुदाय को ही मूर्ख बना रहे हैं।” निराशा के कारण देश के मुसलमानों में ग़ुस्सा है, और जब एक ही समुदाय में ये दोनों भावनायें हों तो इस बात का ख़तरा बढ़ जाता है, कि समुदाय के लोग तीसरी दिशा में जाना चाहेंगे।” (Maulana Mahmood Statement)

उन्होंने कहा कि “पूरे भारत के मुसलमानों में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के मुस्लिम समाज में इस बात की चिन्ता है कि भारत में मुसलमानों के साथ क्या हो रहा है?” मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि “खाड़ी देशों के मुसलमान लगातार जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की भूमिका पर प्रश्न उठा रहे हैं, कह रहे हैं कि जब कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो इतना बड़ा संगठन होने का फ़ायदा क्या है? (Maulana Mahmood Statement)

मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि “सोशल मीडिया पर हमें क़ायर कहा जाता है, हमसे लगातार सवाल किये जा रहे हैं, कि हम कुछ कर क्यों नहीं रहे हैं? लेकिन हम हम पढ़े-लिखे हों या कम पढ़े लिखे मुसलमान कैसे भी हों, हम उन सभी से बात कर रहे हैं और लोगों में एक उम्मीद पैदा कर रहे हैं।” (Maulana Mahmood Statement)
…..स्रोत: एबीपी
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Author: Farhad Pundir(Farmat)