सूर्य के कोरोना को छूकर लौटा NASA का स्पेसक्राफ्ट,NASA की दुनिया में अविश्वसनीय उपलब्धि– NASA spacecraft touches the sun and returns to Earth
वॉशिंगटन:
NASA (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) ने असंभव लगने वाले एक बहुत बड़े मिशन को सम्भव करने में सफ़लता हासिल करने का दावा किया है है जिस के बारे में एक समय सोचना भी नामुमकिन लगता था। अब NASA के स्पेसक्राफ्ट ने दुनिया में पहली बार सूरज के कोरोना को छूने में सफ़लता प्राप्त कर ली है।(NASA spacecraft touches the sun and returns to Earth)
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA द्वारा लॉन्च किए गए एक विशेष अन्तरिक्ष यान ने इस असंभव माने जाने वाली उपलब्धि हासिल की है। क्योंकि सूरज के कोरोना का तापमान 20 लाख डिग्री फॉरेनहाइट है, नासा का ये मिशन साइंस की दुनिया के लिए महानतम उपबल्धियों में से एक है।
NASA के वैज्ञानिकों ने निश्चित तौर पर इस असंभव लगने वाले मिशन को अन्जाम देकर सौर विज्ञान के क्षेत्र में एक अविश्वसनीय छलांग लगाई है। एक रिपोर्ट के अनुसार ‘पार्कर सोलर प्रोब’ नामक रॉकेटशिप ने 28 अप्रैल को सूर्य के ऊपरी वायुमण्डल जिसे कोरोना कहा जाता है उस में सफ़लतापूर्वक प्रवेश किया और उड़ान भी भरी है। इसके साथ ही NASA के इस रॉकेट ने लाल गर्म तारे की सतह पर स्थित कणों और चुंबकीय क्षेत्रों का नमूमा भी ले लिया है जिसे पूरा करना अब तक असंभव माना जा रहा था। (NASA spacecraft touches the sun and returns to Earth)
NASA का यह मिशन कैसे संभव हुआ?
‘हार्वर्ड एंड स्मिथसोनियन’ में सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के सदस्यों सहित वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के एक दल ने आपसी सहयोग से इस ऐतिहासिक क्षण पर विजय प्राप्त की है। जिन्होंने जाँच में एक महत्वपूर्ण उपकरण सोलर प्रोब कप का निर्माण और निगरानी की, यह कप ही वह उपकरण है जिस ने सूर्य के वायुमण्डल से कण एकत्रित किए हैं जिस से वैज्ञानिकों को यह सत्यापित करने में सहायता मिली कि अन्तरिक्ष यान वास्तव में कोरोना को छूने में कामयाब रहा है। (NASA spacecraft touches the sun and returns to Earth)
सूर्य के कोरोना में रहा 5 घण्टे रहा यान:
NASA ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि “स्पेसक्राफ्ट द्वारा एकत्रित किए गये आंकड़ों से पता चलता है कि नासा का यह स्पेसक्राफ्ट सूरज के कोरोना में 28 अप्रैल 2021 को एक प्वाइंट पर लगभग 5 घण्टों तक रहा था, इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि स्पेसक्राफ्ट ने 3 बार सूर्य के कोरोना में प्रवेश किया था।
(NASA spacecraft touches the sun and returns to Earth)- लगभग 20 लाख डिग्री फॉरेनहाइट तापमान में जाने वाले इस स्पेसक्राफ्ट को विशेष तौर से डिजाइन किया गया था। वैज्ञानिक एंथनी केस ने बताया कि “‘स्पेसक्राफ्ट पार्कर सोलर प्रोब’ से जितनी मात्रा में सूरज से निकलने वाली तेज़ गर्मी टकराने वाली थी उस से बचने व उस तेज़ गर्मी से उपकरण को बचाने के लिए पहले ही से यान को शील्ड कर पूरी तैयारी की गई थी उसी के अनुसार स्पेसक्राफ्ट तैयार किया गया था।”