Now Closed Maulana Azad Fellowship: केन्द्र सरकार ने अल्पसंख्यकों की प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप बन्द के बाद अब ‘मौलाना आज़ाद नेशनल फैलोशिप’ भी की बन्द, हायर एजुकेशन पा रहे छात्रों में घोर मायूसी
Now Closed Maulana Azad Fellowship: केन्द्र सरकार ने अल्पसंख्यकों की प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप बन्द के बाद अब ‘मौलाना आज़ाद नेशनल फैलोशिप’ भी की बन्द, हायर एजुकेशन पा रहे छात्रों में घोर मायूसी
नई दिल्ली: Now Closed Maulana Azad Fellowship- केन्द्र की मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिये प्री-मेट्रिक स्कॉलरशिप बन्द करने के बाद अब ‘मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप’ को भी इस आगामी शैक्षिक वर्ष से बन्द करने का बड़ा निर्णय ले लिया है। वहीं केन्द्र के इस निर्णय से अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं में घोर मायूसी छा गयी है, और अब छात्रों द्वारा इसका विरोध शुरु हो गया है।
उधर विपक्ष ने भी केन्द्र की मोदी सरकार के इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई है। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने गुरुवार को सदन में काँग्रेस सांसद टी०एन प्रतापन को एक लिखित जवाब देते हुए तर्क दिया कि “यह निर्णय इसलिये लिया गया है क्योंकि यह ‘मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप’ अन्य योजनाओं के साथ ओवरलैप होती है।” (Now Closed Maulana Azad Fellowship)
अब अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र केन्द्रीय मिनिस्टर स्मृति ईरानी अथवा केन्द्र सरकार के इस निर्णय को अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों का मनोबल तोड़ने का प्रयास बताते हुए घोर विरोध शुरु हो गया है। छात्रों ने विरोध स्वरूप स्मृति ईरानी का पुतला भी फूंका। वहीं केन्द्र सरकार के इस निर्णय की AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी कड़ी आलोचना की है। (Now Closed Maulana Azad Fellowship)
Maulana Azad Fellowship for minorities has been discontinued. This is @narendramodi’s sabka saath, vikas. Govt’s data shows that Muslims want to educate their children but extreme poverty prevents them. This is punishing Muslims for their poverty pic.twitter.com/p4TcUGqwoo
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 10, 2022
असदुद्दीन ओवैसी ने हुए कहा कि अल्पसंख्यकों के लिये ‘मौलाना आज़ाद फेलोशिप’ बन्द करने से पता चलता है कि यह नरेन्द्र मोडी का ‘सबका साथ-सबका विकास’ है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि “सरकारी आंकड़ों से पता चलता है, कि मुसलमान अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहते हैं, लेकिन अत्यधिक ग़रीबी उन्हें रोकती है। क्या यें (केन्द्र सरकार) मुसलमानों को उनकी ग़रीबी की सजा दे रही है?” (Now Closed Maulana Azad Fellowship)
Maulana Azad National Fellowship for Minority Students was for candidates who belong to one of the Minority Community i.e. Muslim, Sikh, Parsi, Buddhist, Christian & Jain in higher education.
Modi has discontinued it, by citing strange 'overlaps' with other fellowship Schemes.
— V P Sanu (@VP_Sanu) December 8, 2022
उधर ‘मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी’ हैदराबाद के छात्रों ने भी अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं के लिये ‘मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप’ और प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप बन्द किये जाने के विरुद्ध कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया है। मायूस और नाराज़ छात्रों ने कई स्थानों पर अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी का पुतला भी फूँका। (Now Closed Maulana Azad Fellowship)
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