PM Modi Jokes On Suicides: पीएम मोदी ने एक चुटकुला क्या सुनाया, विपक्ष ने संवेदनहीता का आरोप लगाते हुए पीएम को घेरा, पढ़िये कौन सा है वह चुटकुला जिस पर हो रहा है विरोध?
PM Modi Jokes On Suicides: पीएम मोदी ने एक चुटकुला क्या सुनाया, विपक्ष ने संवेदनहीता का आरोप लगाते हुए पीएम को घेरा, पढ़िये कौन सा है वह चुटकुला जिस पर हो रहा है विरोध?
नई दिल्ली: PM Modi Jokes On Suicides- चुटकुले यूँ तो इंसानों को खुलकर हँसने हँसाने का एक माध्यम है जो जीवन में तंदरुस्ती का संचार करते हैं, लेकिन चुटकुलों की प्रकृति और विषयवस्तु भी ऐसी होनी चाहिये जिससे किसी की भी भावनायें आहत न हो। चुटकुलें ऐसे होंने चाहिये जिसमें संवेदनहीनता का कोई पुट न हो।
हाल ही में कुछ ऐसे ही एक संवेदनशील पृष्ठभूमि पर देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में एक चुटकुला राजनीतिक मुद्दा बन गया है। विपक्ष द्वारा अब पीएम मोदी के चुटकुले को असंवेदनशील बताते हुए विरोध शुरु कर दिया गया है। (PM Modi Jokes On Suicides)
दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान मंच से जो चुटकुला सुनाया था वह इस प्रकार है। पीएम मोदी ने कहा कि “बचपन में हम एक चुटकुला सुनते थे, मैं वो बताना चाहता हूँ…”एक प्रोफ़ेसर थे और उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली, आत्महत्या से पहले लड़की ने एक चिठ्ठी छोड़ी जिसमें लिखा कि..…
“मैं ज़िन्दगी से थक गयी हूँ और अब मैं जीना नहीं चाहती हूँ इसलिये मैं कांकरिया तालाब में डूबकर के मर जाऊँगी।” सुबह जब पिता को बेटी घर में नहीं, तो बिस्तर में एक चिठ्ठी मिली। पिता जी को चिट्ठी पढ़कर बड़ा गुस्सा आया, और बोला “मैं एक प्रोफ़ेसर इतने साल मैंने मेहनत की और ये कांकरिया की स्पेलिंग ग़लत लिखकर जाती है।” (PM Modi Jokes On Suicides)
आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चुटकुला सुनकर वहाँ मौजूद सभी लोग ठहाके लगाते हैं। इसी बात को लेकर विपक्ष ने पीएम मोदी को घेरने का प्रयास कर रही है। विपक्षी पार्टी काँग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी ने आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चुटकुला सुनाकर देश के उन सभी माँ-बाप का मज़ाक उड़ाया है, जिन्होंने अपने बच्चों को आत्महत्या जैसी घटनाओं में खोया है। (PM Modi Jokes On Suicides)