Last updated on 2023-07-20
PM Visits Balasore Train Incident Site- संवेदनहीता की पराकाष्ठा देखिये: बालासोर ट्रेन घटनास्थल पर लाशों के ढेर के बीच पीएम के आगमन पर बीजेपी के लोगों द्वारा लगाये गये ‘मोदी-मोदी’ के नारे? Video हुआ Viral
बालासोर: PM Visits Balasore Train Incident Site- ओडिशा के बालासोर में हुए देश के इतिहास का सबसे बड़े रेल हादसा, जिसमें 300 से अधिक मौतें और लगभग 1000 लोग घायल हो गये हों..आप सोच सकते हैं कि इतने बड़े हादसे के घटनास्थल पर लाशों और चीख़ पुकारों का कैसा दिल दहलाने वाला मन्ज़र होगा?
लेकिन इस वीभत्स और दिल दहलाने वाली घटना ने भारत की वर्तमान राजनीति की संवेदनहीता की पोल ज़रूर खोल देती है। क्योंकि एक ओर जहाँ इस दर्दनाक हादसे पर बीजेपी और मीडिया द्वारा विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया जा रहा है, तो वहीं विपक्ष द्वारा भी इस हादसे पर बीजेपी के राजनीति करने के साक्ष्यों के साथ बीजेपी को घेरने का काम किया जा रहा है। (PM Visits Balasore Train Incident Site)
हादसे के बाद पीएम मोदी शनिवार को बालासोर दुर्घटनास्थल पर हालत का जायज़ा लेने पहुँचे और उन्होंने घायलों से मुलाक़ात की। लेकिन पीएम के घटना स्थल के दौरे का एक ऐसा भी वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर वास्तव में लगता है कि देश की वर्तमान राजनीति बिल्कुल ही संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पर पहुँच चुकी है। (PM Visits Balasore Train Incident Site)
दरअसल वायरल वीडियो में देखा जा रहा है कि जब पीएम मोदी ट्रेन दुर्घटनास्थल पर पहुँचते हैं तो इस दौरान लाशों के ढेर और घायलों की चीख़ पुकार के बीच बीजेपी से जुड़े अथवा मोदी समर्थक अपने चिर परिचित रोड शो के अंदाज़ मे ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाते नज़र आ रहे हैं। जो कि ऐसे ग़मगीन अवसर और ग़मगीन माहौल में बेहद ही अनुचित और निन्दनीय काम है। (PM Visits Balasore Train Incident Site)
इस वीडियो को काँग्रेस के नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने भी अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट करके बीजेपी को आइना दिखाने का काम किया है। तो से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में प्रधानमंत्री के पहुँचने के समय ‘मोदी मोदी’ के नारे भी सुनाई दे रहे हैं। इसे वीडियो को लेकर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया दिखाई दे रही है। (PM Visits Balasore Train Incident Site)
एक तरफ़ दुर्घटना में लाशें बिछी हैं और घटनास्थल पर मोदी मोदी के नारे लगाये जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री जी आपको ख़ुद अपने समर्थकों को नारे लगाने से मना करना चाहिये था, संवेदना नाम की कोई चीज़ है या नहीं ?
pic.twitter.com/lP9NAfNUMD— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) June 3, 2023
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के अलावा युवक काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास BV (Shrinivas BV) ने वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है कि “300 लाशों के ढेर पर ‘मोदी-मोदी’ चिल्लाते यें भाजपाई ‘सियार’ हैं” इन लोगों का कहना है कि प्रधानमन्त्री जी आपको ख़ुद अपने समर्थकों को नारे लगाने से मना करना चाहिये था..संवेदना नाम की कोई चीज़ है या नहीं?
300 लाशों के ढेर पर मोदी-मोदी चिल्लाते ये भाजपाई सियार है…!
संवेदनाओं का मर जाना इसे ही कहते है। pic.twitter.com/q0D35pscEM
— Srinivas BV (@srinivasiyc) June 3, 2023
हालाँकि यहाँ पीएम मोदी वास्तव में अपनी वाही-वाही सुनने नहीं बल्कि गम्भीर मूड के साथ गंभीर माहौल में एक दर्दनाक हादसे का जायज़ा लेने पहुँचे थे। लेकिन इस दौरान बीजेपी और मोदी समर्थकों ने इस दौरान जो संवेदनहीता का परिचय दिया, उसकी जितनी भी निन्दा की जाये कम है। क्योंकि बीजेपी इस हादसे पर विपक्ष को तो राजनीति न करने की बात कर रही है, लेकिन ख़ुद की पार्टी के लोग खुद ऐसी संवेदनहीता दिखा रहे हैं। (PM Visits Balasore Train Incident Site)
लेकिन देखा जाये तो बीजेपी द्वारा विपक्ष को राजनीति न करने की बात भी सही ही है, क्योंकि यह समय वाक़ई सत्ता पक्ष या विपक्ष द्वारा राजनीति करने का नहीं है, बल्कि मिलकर हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों और घायलों के लिये कुछ अच्छा करने का है। लेकिन विपक्ष भी राजनीतिक़ रोटियां सेकने से बाज़ नहीं आ रहा है। (PM Visits Balasore Train Incident Site
इस हादसे के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और कई विपक्षी नेताओं ने “नैतिकता के आधार पर रेलमन्त्री को तुरन्त इस्तीफ़ा देने की माँग की है। इनके द्वारा सोशल मीडिया पर यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि आख़िर इतनी मौतों का ज़िम्मेदार कौन है? हालांकि यह सवाल जायज़ है, लेकिन शायद यह समय ऐसा नहीं है ऐसा सवाल करने का, यह राजनीति तो बाद में भी हो सकती है। फ़िलहाल घायलों को मरहम और मृतकों के परिजनों के सांत्वना और आर्थिक सहायता देने की ज़रूरत है। (PM Visits Balasore Train Incident Site)
विपक्ष द्वारा रेलमन्त्री अश्विनी वैष्णव का एक पुराना वीडियो भी वायरल किया जा रहा है, जिसमें वे कवच तकनीक़ का हवाला देते हुए रेल एक्सीडेंट की संभावनाओं के समाप्त होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन अगर यह तकनीक़ मौजूद है तो यह काम क्यों नहीं आयी? वायरल वीडियो के साथ कुछ ऐसा ही पूछा जा रहा है, कि क्या इस हादसे में रेलमन्त्री की कवच तकनीक़ ने काम नहीं किया?