
Police commissionerate system may increase in 4 districts in UP- योगी सरकार ग़ाज़ियाबाद सहित यूपी के इन 4 जनपदों में ‘पुलिस कमिश्नरेट’ व्यवस्था लागू करने की कर रही है तैयारी
लखनऊ:
यूपी में क़ानून व्यवस्था सुदृढ बनाने के मुद्दे को सब से बड़ा मुद्दा बनाकर दोबारा सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब प्रदेश के उन 4 जनपदों की क़ानून व्यवस्था पर पूरा फोकस करने जा रहे हैं जहाँ पर योगी सरकार के सुदृढ़ क़ानून व्यवस्था के दावे के बावजूद भी अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब उत्तर प्रदेश का गृह विभाग ग़ाज़ियाबाद जनपद सहित प्रदेश के 4 बड़े जनपदों में ‘पुलिस कमिश्नरेट’ व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रहा है। (Police commissionerate system may increase in 4 districts in UP )
दरअसल यूपी के योगी राज में काफ़ी हद तक सुधर चुकी सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी यूपी के ग़ाज़ियाबाद ज़िले में आपराधिक घटनायें घटने की बजाये लगातार बढ़ रहीं हैं। ऐसी परिस्तिथियों में उम्मीद की जा रही है कि ग़ाज़ियाबाद में योगी सरकार जल्द ‘पुलिस कमिश्नरेट’ व्यवस्था लागू कर सकती है। क्योंकि ग़ाज़ियाबाद में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था के चलते ही हाल ही में शासन ने यहाँ एसएसपी पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया था। इस समय ग़ाज़ियाबाद ज़िले की कमान आई.पी.एस मुनिराज अस्थाई तौर पर संभालें हुए हैं। (Police commissionerate system may increase in 4 districts in UP )
माना जा रहा है कि ग़ाज़ियाबाद के साथ-साथ आगरा, मेरठ और प्रयागराज में भी योगी सरकार ‘पुलिस कमिश्नरेट’ व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रही है। बता दें कि फ़िलहाल उत्तर प्रदेश के 4 जनपदों लखनऊ, वाराणसी, कानपुर और गौतमबुद्ध नगर जनपदों में पहले ही से यह ‘पुलिस कमिश्नरेट’ सुरक्षा व्यवस्था प्रणाली लागू है। लेकिन अब प्रदेश की योगी सरकार द्वारा ग़ाज़ियाबाद, मेरठ, प्रयागराज व आगरा जनपदों में भी यह ‘पुलिस कमिश्नरेट’ सुरक्षा प्रणाली लागू करने की तैयारियां की जा रही है। (Police commissionerate system may increase in 4 districts in UP )
जाने ‘पुलिस कमिश्नरेट’ व्यवस्था क्या है?
दरअसल इस ‘पुलिस कमिश्नरेट’ व्यवस्था लागू होने से वहाँ के कमिश्नर के अधिकार काफ़ी बढ़ जाते हैं जिससे ज़िले के कई बड़े मामलों में पुलिस को ज़िलाधिकारी के आदेशों का इन्तज़ार नही करना पड़ता है। इस पुलिस कमिश्नरेट’ सुरक्षा प्रणाली में पुलिस कमिश्नर स्वयं अपने विवेक से निर्णय लेने में सक्षम होता है। के लिए डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना होता है। आपको बता दें कि देश में आज़ादी से पूर्व भी बॉम्बे, कलकत्ता व मद्रास शहरों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था थी। यह ‘पुलिस कमिश्नरेट’ प्रणाली ‘पुलिस कमिश्नरी अधिनियम-1861’ पर आधारित है। (Police commissionerate system may increase in 4 districts in UP )

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