Poverty of Veer Abdul Hameed's family
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Poverty of Veer Abdul Hameed’s family: भारत में सैनिकों के बलिदान की बेक़द्री, परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का परिवार जी रहा है बेहद ही मुफ़लिसी की ज़िन्दगी

Poverty of Veer Abdul Hameed’s family: भारत में सैनिकों के बलिदान की बेक़द्री, परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का परिवार जी रहा है बेहद ही मुफ़लिसी की ज़िन्दगी

ग़ाज़ीपुर,यूपी: Poverty of Veer Abdul Hameed’s family- देश पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले,परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद जिनके बलिदान पर पूरा देश नाज़ करता है, आज उसी परमवीर चक्र विजेता वीर अब्‍दुल हमीद का परिवार आजकल जिस तरह ग़रीबी की ज़िन्दगी जी रहा है, उसे देखकर ये ही कहा जा सकता है कि हमारे देश में उन शहीदों की कोई क़द्र नहीं जो अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये अपने परिवारों को छोड़ सरहदों पर अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं।Poverty of Veer Abdul Hameed's family

ऐसे ही परमवीर चक्र जैसे सम्मान से सम्मानित उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले के वीर अब्दुल हमीद का परिवार भी इन दिनों बहुत बड़ी ग़रीबी की मार झेलने को मजबूर है। हालात यें है कि इसी वीर के परिवार की एक बेटी के पिता का वेतन कम होने के चलते बेटी की शिक्षा के लिये शासन-प्रशासन से मदद माँगने और शासन-प्रशासन के कहने कहने पर भी स्‍कूल प्रबंधन इस वीर सैनिक के परिवार की बेटी पर रहम करने को तैयार नहीं है। (Poverty of Veer Abdul Hameed’s family)

जानिये वीर अब्दुल हमीद के परिवार की व्यथा-
भले ही पूरा देश परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बलिदान पर पूरा देश नाज़ करता आ रहा हो, परन्तु यूपी चंदौली के दुलहीपुर मुग़लसराय के सनबीम नाम के स्कूल की दृष्टि में परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के बलिदान की कोई भी क़द्र नहीं है। (Poverty of Veer Abdul Hameed’s family)

दरअसल कुछ दिनों पूर्व 18 जुलाई को मुख्यमन्त्री से मिलकर वीर अब्दुल हमीद के पुत्र जैनुल हसन और पोते मोहम्मद परवेज़ ने कक्षा 9 में पढ़ने वाली अपनी बिटिया लारेब हसन की फ़ीस माफ़ी का अनुरोध किया था। मुख्यमन्त्री ने सहानुभूति दिखाते हुए चंदौली के ज़िलाधिकारी को कार्यवाही के लिये आदेश दिया था। ज़िलाधिकारी ने भी चंदौली DIOS के ज़रिये स्कूल प्रबंधन को इस संबंध में पत्र लिखा था, लेकिन स्कूल ज़िलाधिकारी और मुख्यमन्त्री के आदेश के बावजूद भी किसी क़ीमत पर ग़रीब बच्ची से फ़ीस लेने पर अड़ा हुआ है।

वहीं वीर अब्दुल हमीद के परिवार की बच्ची लारेब हसन की कल यानि 19 सितम्बर से परीक्षा आरम्भ होने जा रही है, लेकिन स्कूल ने परिवार पर परीक्षा से पहले बच्ची की फ़ीस जमा करने का दबाव बनाया हुआ है। इसको लेकर बच्ची लारेब हसन के पिता व वीर अब्दुल हमीद के पोते मोहम्मद परवेज़ काफ़ी परेशान चल रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं कहीं उनकी ग़रीबी और लाचारी के चलते स्कूल से उनकी बेटी का नाम कट जाये। (Poverty of Veer Abdul Hameed’s family)Poverty of Veer Abdul Hameed's family

जानिये बच्ची के पिता का काम क्या है?
वीर अब्दुल हमीद के पोते और बच्ची लारेब हसन के पिता मोहम्मद परवेज़ सहारा इण्डिया लाइफ़ इंश्योरेंस में देवरिया ज़िले में तैनात है, लेकिन उनकी बेटी लारेब हसन चंदौली के स्कूल में कक्षा 9 में पढ़ती है। बताया जा रहा है कि मोहम्मद परवेज़ को कम्पनी की ओर से पिछले एक वर्ष से वेतन का मात्र आधा हिस्सा यानी 7500 रुपये ही मिलता है। इस कारण वे आजकल आर्थिक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। हालांकि इससे पहले वे बेटी के कक्षा 1 से लेकर 8 तक उस स्कूल को पूरी ही फ़ीस देते रहे हैं। (Poverty of Veer Abdul Hameed’s family)

क्या कहना है चंदौली के DIOS का?
इस पूरे मामले पर चंदौली के DIOS (ज़िला विद्यालय निरीक्षक डॉक्टर वीपी सिंह का कहना है कि “परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की परपोती लारेब हसन की फ़ीस माफ़ी का मामला उनके संज्ञान में है। और फ़ीस माफी के लिये बच्ची के स्कूल ‘सनबीम स्कूल’ के प्रधानाचार्य को उनकी ओर से पत्र लिखा गया है। यदि इसके बाद भी फ़ीस माफ़ नहीं होती है , तो मैं स्वयं स्कूल जाकर फ़ीस माफ कराऊंगा।” (Poverty of Veer Abdul Hameed’s family)
समाचार स्रोत- दैनिक जागरण
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