
धर्म संसद में ‘हिन्दू राष्ट्र घोषित हो भारत’ प्रस्ताव हुआ पारित-Prayagraj Sant Sammelan
प्रयागराज:
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार को ‘सन्त सम्मेलन’ के नाम पर आयोजित हुई ‘धर्म संसद’ में सैकड़ों साधु-सन्तों ने भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने सहित कई प्रस्ताव पारित किये हैं। इस अवसर पर साधु-संतों ने कहा कि “जब तक भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं बनेगा तब तक भारत के विश्व गुरु बनने का मार्ग प्रशस्त नहीं होगा। (Prayagraj Sant Sammelan)
साधु-सन्तों ने देश की सवा सौ करोड़ जनता से आह्वान किया कि “आप स्वयं घोषित करें कि भारत हिन्दू राष्ट्र है और आज से वह यह लिखना आरम्भ कर दें, तभी यह आंदोलन बड़ा होगा और परिणामस्वरूप सरकार सन्तों और आम जनता के दबाव के आगे झुक पायेगी। क्योंकि सन्त सम्मेलन का लक्ष्य भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना है और इस्लामिक जेहाद को दूर करना है।” इस अवसर पर साधु-सन्तों संतों द्वारा भारत में मुसलमानों का अल्पसंख्यक दर्जा समाप्त करने की माँग की गई है।
इसके अलावा हिन्दुओं के मठ-मन्दिरों का अधिग्रहण समाप्त करने सहित कई और प्रस्ताव भी पारित किये गये। साधु-सन्तों ने कहा कि “जेल में बन्द दोनों धर्मगुरुओं नरसिंहानंद गिरी महाराज व जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिज़वी-पूर्व नाम) को यथाशीघ्र जेल से बिना शर्त रिहा किया जाये।” साधु-सन्तों का आरोप है कि ज़िला प्रशासन ने बहुत से साधु-सन्तों को फोन कर कर के सम्मेलन में नहीं आने दिया है और कार्यक्रम के आयोजन में कई प्रकार की बाधा उत्पन्न करने का काम किया है।
Prayagraj Sant Sammelan- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रशासन के दबाव में कार्यक्रम आयोजकों द्वारा ‘धर्म संसद’ का नाम बदलकर ‘सन्त सम्मेलन’ किया गया था। क्योंकि प्रशासन ‘धर्म संसद’ होने की अनुमति नहीं दे रहा था इसलिए कार्यक्रम का नाम बदलकर ‘सन्त सम्मेलन’ किया गया था।