Punishment On Protesters Against CAA: CAA के विरोध पर उत्तर प्रदेश में हुई पहली सज़ा, सार्वजनिक व निजी सम्पत्ति को हानि पहुँचाने के आरोप में 86 लोगों पर लगाया गया 4,27,439 रुपये का दण्ड
मेरठ: Punishment On Protesters Against CAA- वर्ष 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरुद्ध हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक व निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने के लिये 86 लोगों दोषी ठहराया गया है। यूपी पब्लिक एण्ड प्राइवेट प्रॉपर्टी डैमेज रिकवरी क्लेम ट्रिब्यूनल मेरठ डिवीजन ने 86 लोगों को दोषी ठहराते हुए इनसे सम्पत्ति के नुकसान पहुँचाने के एवज में 4,27,439 रुपये अर्थदंड वसूलने का आदेश दिया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में वर्ष- 2019 में हुए1 CAA के विरोध प्रदर्शन मामले में यह पहली सज़ा है। लेकिन यहाँ सबसे अहम यह बात भी है कि इस निर्णय के विरुद्ध कोई भी आरोपी किसी भी न्यायालय में इस निर्णय के विरोध में अपील भी नहीं कर सकेगा। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार ट्रिब्यूनल ने गुरुवार को यूपी के अमरोहा में CAA विरोध प्रदर्शन मामले में एचजेएस अशोक कुमार सिंह और अपर आयुक्त मेरठ मंडल सदस्य प्रवीना अग्रवाल ने यह आदेश जारी किया है। (Punishment On Protesters Against CAA)
विदित हो कि इस CAA विरोध प्रदर्शन में पुलिस कर्मियों के साथ CAA का विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों के। बीच हुई झड़प में 4,27,439 रुपये की सार्वजनिक व निजी सम्पत्ति का नुकसान का आंकलन किया गया था। जिसमें 86 लोगों को आरोपी बनाया गया था। अब कुल 4,27,439 रुपये अर्थदंड में से प्रत्येक दोषी व्यक्ति पर समान रूप से 4,971 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। (Punishment On Protesters Against CAA)
ट्रिब्यूनल ने ज़िलाधिकारी अमरोहा को यूपी पब्लिक एण्ड प्राइवेट प्रॉपर्टी डैमेज रिकवरी एक्ट-2020 की धारा-23 के अंतर्गत यह अर्थदंड वसूलने व जमा करने का आदेश दिया है। इस अर्थदंड की रिकवरी की राशि को जमा करने हेतु कुल 30 दिनों का समय दिया गया है। (Punishment On Protesters Against CAA)
यदि 30 दिनों के भीतर तक कोई आरोपी यह अर्थदंड जमा नहीं कर पाता तो इसके बाद उनसे 6% ब्याज लगाकर वसूली की कुल रक़म जमा कराई जायेगी। हालांकि इन 86 आरोपियों में 3 आरोपी ऐसे भी हैं, जिनका कोई अता-पता नहीं है। ऐसी परिस्थिति में इन तीनों आरोपियों के पोस्टर छपवाकर चिपकाने को कहा गया है, जिससे इन आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाकर वसूली की जा सके।
यह भी पढ़ें- यूपी की मिर्ज़ापुर पुलिस पर कोर्ट ने दिया मुक़दमा दर्ज करने का आदेश, पुलिस पर एक ऑटो ड्राइवर को ड्रग्स के झूठे केस में फंसाने का है आरोप