Purola Communal Violence
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Purola Communal Violence: उत्तरकाशी के पुरोला में ‘जय श्री राम’ के नारों के साथ पुलिस की मौजूदगी में मुस्लिमों की दुकानों पर हमले, डर के साये में जी रहे मुसलमान पलायन को मजबूर

Purola Communal Violence: उत्तरकाशी के पुरोला में ‘जय श्री राम’ के नारों के साथ पुलिस की मौजूदगी में मुस्लिमों की दुकानों पर हमले, डर के साये में जी रहे मुसलमान पलायन को मजबूर

 

 

उत्तरकाशी: Purola Communal Violence- देश का एक राज्य है उत्तराखण्ड, जिसे देवभूमि भी कहा जाता है। एक अच्छा, ख़ूबसूरत और प्यारा राज्य..खूबसूरत पहाड़, अच्छे लोग थे, याद नहीं कि यहाँ कभी हिन्दू-मुस्लिमों का झगड़ा हुआ हो। अब लगता है उत्तराखण्ड की इस ख़ूबसूरती और साम्प्रदायिक सौहार्द को किसी की नज़र सी लग गयी है।Purola Communal Violence

जब से उत्तराखण्ड में इस बार वाली ‘सबका का साथ-सबका विकास और सबका विश्वास’ वाली बीजेपी सरकार आयी है, तभी से यहाँ हिन्दू समाज का एक हिन्दुत्वादी तबक़ा सरकार के बल पर मुस्लिमों के साथ भेदभाव और वैमनस्यता पर उतर आया है। यह हिन्दुत्वादी तबक़ा नहीं चाहता कि उत्तराखण्ड अथवा देवभूमि में हिन्दू मन्दिरों और पूजा स्थलों के अलावा कोई पीर या मज़ार बाक़ी रहे। (Purola Communal Violence)

अब तो उत्तराखण्ड में हाल यह हो गया है कि हिन्दुत्वादी लोग इस उत्तराखण्ड को देवभूमि बताते हुए सिर्फ़ हिन्दुओं का ही राज्य घोषित कराने का प्रयास कर रहे हैं। यहाँ जहाँ सरकार द्वारा कथित लैंड जिहाद के नाम पर मुस्लिमों की अधिकांशतः मज़ारों को अवैध बताकर बुलडोजरों से ध्वस्त कर इस्लामिक निशानियां नष्ट की जा रही हैं तो वहीं हिंदुत्ववादी लोग ज़रा ज़रा सी बातों पर मुस्लिमों को टारगेट कर रहे हैं। (Purola Communal Violence)

फ़िलहाल उत्तराखण्ड का जो क्षेत्र इस धार्मिक वैमनस्यता और सांप्रदायिकता की आग में जल रहा है है वह है उत्तरकाशी का पुरोला। यहाँ पुरोला में कुछ दिन पूर्व हिन्दूओं और मुसलमानों के बीच तनाव हर दिन बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। रविवार 11 जून को सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए जिन्हें उत्तरकाशी के पुरोला के बतये जा रहे हैं। इन वीडियोज़ में जय श्रीराम के नारे लगाने वाली हिंसक भीड़ पुलिस की मौजूदगी में ही मुस्लिमों की दुकानों में तोड़फोड़ करते दिख रहे हैं। (Purola Communal Violence)

इन वीडियो में कुछ लोग एक दुकान के बाहर तोड़फोड़ करते नज़र आ रहे हैं। हालांकि दुकाने बन्द है, क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार दो दिन पहले ख़बरें आयी थी कि पुरोला से हिन्दुत्वादियों की चेतावनी के बाद मुस्लिम लोग अपनी दुकानें और घर छोड़कर पलायन करने लगे हैं। इसलिये मुस्लिमों की अधिकतर दुकाने बन्द होने के बावजूद भीड़ में शामिल लोग पुलिस की ही मौजूदगी में बन्द दुकानों के बाहर जय श्रीराम के नारे के साथ लाठियों और डंडों से तोड़फोड़ करते दिख रहे हैं। (Purola Communal Violence)

आजतक न्यूज़ चैनल से जुड़े एक पत्रकार ओंकार बहुगुणा की एक एक रिपोर्ट के अनुसार पुरोला में तनाव बढ़ने के बाद हिन्दुत्वादी संगठनों के लोगों द्वारा मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें ख़ाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है। और उनकी दुकानों पर पोस्टर भी लगाये गये हैं। जिनमें लिखा है कि 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले दुकानें ख़ाली कर दें। और ये भी लिखा है कि देवभूमि रक्षा अभियान के तहत ये चेतावनी दी जा रही है, दुकानें ख़ाली न करने पर गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। (Purola Communal Violence)

आजतक की इसी रिपोर्ट के अनुसार इस प्रकार की धमकियों के चलते मुस्लिम समुदाय में डर का माहौल व्याप्त है। कई पुराने मुस्लिम व्यापारियों ने कथित तौर पर पुरोला से अपने व्यापार को समेटकर पुरोला छोड़ दिया है। हालांकि पुलिस इस मामले में शान्ति की बैठकों के ज़रिये दोनों समुदाय के बीच तनाव को दूर करने का भरसक प्रयास कर रही है, और यहाँ शान्ति बनाये रखने के लिये अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। (Purola Communal Violence)Purola Communal Violence

हालाँकि यहाँ के डिप्टी एस.पी सुरेन्द्र सिंह भंडारी ने आजतक न्यूज़ चैनल से बातचीत करने के दौरान पुरोला से मुस्लिमों के पलायन की घटनाओं का खंडन किया है। उनका कहना है कि यदि कहीं पर दुकानें खाली करने का कोई मामला हुआ होगा तो वह स्वेच्छिक होगा। यहाँ स्तिथि पूरी तरह से में हैं। इसके अलावा पुलिस ने यहाँ के मुस्लिम दुकानदारों को अपनी दुकानें ख़ाली न करने की अपील भी की है। (Purola Communal Violence)

प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी जनपद की नगर पंचायत पुरोला में बीते दिनों 2 लड़कों जिसमें एक लड़का मुस्लिम और दूसरा हिन्दू है, इन दोनों युवकों पर कथित प्रेम प्रसंग के चलते स्थानीय दुकानदार की लड़कियों को बहला-फुसलाकर लेने जाने के प्रयास के आरोप के बाद तनाव हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव शुरु हो गया था।

उधर इस प्रकरण पर मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा 18 जून-2023 को देहरादून में एक बड़ी मुस्लिम महापंचायत होने जा रही है। यह महापंचायत देहरादून के पलटन बाज़ार स्थित जामा मस्जिद के मौलाना व शहर काज़ी मोहम्मद अहमद क़ासमी की अध्यक्षता में होने जा रही है।

महापंचायत गाँधी रोड स्थित पुराने बस स्टैंड के पीछे आयोजित की जाएगी। कहा जा रहा है कि इसमें मुस्लिमों के पलायन पर चर्चा की जायेगी। इस महापंचायत में पश्चिमी यूपी के साथ-साथ हल्द्वानी, हरिद्वार, देहरादून और विकासनगर आदि जनपदों के लोग भाग लेंगे।
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