Rahul Gandhi Has This Chance to Rise: राहूल गाँधी अगर चाहें तो उनके पास अब योद्धा बनकर मैदान में आने का वक़्त है
Rahul Gandhi Has This Chance to Rise: राहूल गाँधी अगर चाहें तो उनके पास अब योद्धा बनकर मैदान में आने का वक़्त है
देहरादून: Rahul Gandhi Has This Chance to Rise- गुजरात की एक अदालत ने मानहानी के एक मुकदमे में कॉंग्रेस लीडर राहुल गांधी को 2 साल की सज़ा सुनाई, हालांकि उसके फ़ौरन बाद ही राहुल को जमानत भी मिल गई मगर उसी वक़्त ये भी तय हो गया था कि इस मामले में राहुल गांधी की संसद सदस्यता दांव पर लगी है, और हुआ भी एकदम वही जिसके कयास लगाये जा रहे थे।
अगले ही दिन लोकसभा अध्यक्ष ने राहूल गांधी को अयोग्य करार देकर उनकी लोकसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया,इस मामले में जल्दबाज़ी की इंतहा ये थी कि अगले पल ही लोकसभा की वेबसाइट से राहुल गांधी का नाम भी हटा दिया गया,अब सवाल तो उठना लाज़मी भी है कि आखिर इस सबकी इतनी जल्दी किसको थी और आखिर किसके आदेश या इशारे पर ये सब किया जा रहा था। (Rahul Gandhi Has This Chance to Rise)
जिस मामले में राहुल गांधी को सज़ा सुनाई गई वो ये था कि अपने एक भाषण में राहुल ने कहा था कि आखिर सब चोरों का सरनेम मोदी ही कियूं होता है और नीरव मोदी समेत कई मोदी के साथ साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम भी भाषण में लिया गया था,जिसपर गुजरात के एक मोदी सरनेम वाले भाजपा विधायक ने अदालत में राहुल गांधी के ख़िलाफ़ मानहानी का मुकदमा दायर किया था कि राहुल ने मोदी कास्ट का अपमान किया है। (Rahul Gandhi Has This Chance to Rise)
इस मानहानि के मुकदमे में जुर्माने से लेकर 6 माह की सज़ा भी है और अधिकतम सज़ा 2 साल है,अदालत ने इस मामले में अधिकतम सज़ा सुनाई है और अधिकतम सज़ा किसके इशारे पर सुनाई है ये विपक्ष के तमाम नेता बखूबी बयान कर रहे हैं,हालांकि ये भी तथ्य है कि आमतौर पर ये केस अधिकतम सज़ा सुनाये जाने लायक शायद नही था मगर फिर भी सज़ा अधिकतम ही सुनाई गई जिसके बाद राहुल गांधी की सदस्यता चली गई और राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा सवाल खड़ा कर गई।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद कोंग्रेस अध्यक्ष खड़गे,सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी ने जहां तल्ख बयान जारी किये वहीं लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी,अरविंद केजरीवाल ने भी राहुल की सदस्यता पर सरकार को जमकर फटकार लगाई और मोदी पर निशाना साधा मगर सबसे हैरतअंगेज़ प्रतिकिर्या अरविंद केजरीवाल की रही। (Rahul Gandhi Has This Chance to Rise)
अरविन्द केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आज तक का सबसे अहंकारी सबसे भरस्ट प्रधानमंत्री बताया और यहां तक कह दिया कि भारत के इतिहास के सबसे कम पढ़े लिखे प्रधानमंत्री मोदी हैं जो सिर्फ बारहवीं पास है और देश का प्रधानमंत्री इतना कम पढ़ा लिखा नही होना चाहिए,अब केजरीवाल ने जो कहा वो इसलिए भी मायने रखता है कि केजरीवाल लम्बे समय से कॉंग्रेस से दूरी बनाकर राजनीति कर रहे हैं और एकला चलो वाली राजनीति पर अमल करते नज़र आते हैं।
ऐसे में अगर राहुल के समर्थन में केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी के लिए इतने कठोर शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं तो समझ मे आता ही कि खुद उनको भी अपनी चिंता खाये जा रही है और उनकी चिंता वाजिब भी है कियूंकि उनके दो-दो पॉवरफुल मंत्रियों को तिहाड जेल में केंद्र सरकार ने भेज दिया है और सीबीआई ईडी समेत तमाम सरकारी एजेंसी इस फ़िराक में हैं कि किसी तरह मुख्यमंत्री केजरीवाल को मामलों में लपेटा जाये। (Rahul Gandhi Has This Chance to Rise)
और किसी तरह अरविन्द केजरीवाल को भी सत्ता से हटाकर तिहाड की कोठरी तक पहुंचाया जाये, और केजरीवाल इतने समझदार तो बिल्कुल हैं कि समझ जाएं अगला नम्बर उनका भी हो सकता है? अब बड़ा सवाल ये है कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर वो किया करेंगे या फिर कोंग्रेस किया कदम उठाएगी। (Rahul Gandhi Has This Chance to Rise)
हम भी ये हरगिज़ नहीं जानते, मगर एक बात तय है कि अगर राहुल गांधी इस मामले को लेकर अपनी सदस्यता बचाने के लिए कोर्ट जाते हैं तो इससे उनकी छवि शायद डरपोक की ही बनेगी,लंबे वक्त के बाद राहुल और कॉंग्रेस को ऐसा मौका मिला है जिससे वो योद्धा की तरह मोदी और उनकी भाजपा से मुक़ाबले में आ सकते हैं और देश भर में अपने लिए सहानुभूति हासिल कर सकते हैं।
इस वक़्त देश भर में राहुल गांधी के लिए जनता में सहानुभूति है और दूसरे विपक्षी दल भी मजबूरी में ही सही मगर इस मामले में राहुल के साथ हैं,राहुल गांधी को किसी भी कीमत पर बचाव की मुद्रा में नही दिखना चाहिये बल्कि एक मज़बूत योद्धा की तरह तमाम राजनीतिक हथियारों के साथ लड़ाई के मैदान में मौजूद होना चाहिये, जिससे जनता में ये संदेश चला जाये कि राहुल के साथ अन्याय हुआ है। (Rahul Gandhi Has This Chance to Rise)
और इस अन्याय से राहुल झुके या डरे नही बल्कि अपना हक हासिल करने के लिए कमर कसकर मैदान में आ गए हैं,यक़ीन जानिए अगर राहुल ऐसा करते हैं तो उनको और उनकी पार्टी को फायदा मिलना तय है, जहां अभी तक ये राजनीतिक हालात थे कि विपक्षी भी अपने मुह से ये बात कहते नज़र आते थे कि मोदी को हटाना नामुमकिन है वहीं अब पासा पलट भी सकता है, और कमाल ये की खुद मोदी और उनकी भाजपा ने विपक्ष को ये मौका मयस्सर करा दिया है।
बस अब देखना ये है कि राहुल इस मौके को अपने लिए किस तरह से हमवार करते हैं, अगर पिछले कुछ दिनों की राजनीति पर नज़र डालें तो तमाम विपक्षी पार्टियां मोदी और उनकी भाजपा के खिलाफ न तो बोल पा रहे हैं और न ही मुकाबला कर पा रहे हैं, सिवाये राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के जो लगातार मोदी और उनकी भाजपा पर हमलावर हैं,अडानी के मुद्दे पर राहुल ने मोदी और उनकी भाजपा को परेशान और बेचैन कर दिया है।
राहुल का सिर्फ़ एक सवाल की मोदी बतायें कि अडानी से उनका किया रिश्ता है? यही एक सवाल मोदी और भाजपा पर भारी पड़ रहा है और रही सही कसर राहुल के इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी में उठाये गए सवालों ने पूरी कर दी है। राहुल ने विदेश में जो कहा भाजपा उसको देशद्रोह करार दे रही है मगर कड़वी सच्चाई ये है कि पूरी दुनिया की मीडिया उन सवालों को उठा रही है और मोदी से जवाब मांग रही है। (Rahul Gandhi Has This Chance to Rise)
विदेशी मीडिया अब कोई गोदी मीडिया तो है नही कि विज्ञापन रूपी सौगात के लिए अपना फर्ज ही भूल बैठी है विदेशी मीडिया सब समझ भी रही है और छाप भी रही है। (Rahul Gandhi Has This Chance to Rise)
बहरहाल हम ये तो नहीं जानते कि अब राहुल और कॉंग्रेस क्या क़दम उठायेगी? मगर यह तो तय है कि अदालत के इस फैंसले ने राहुल को ऐसे मुकाम पर ला खड़ा किया कि वो अदालत जाकर इंसाफ़ भी मांग सकते हैं, या फ़िर कमर कसकर खुलकर मैदान में आ सकते हैं और खुद को योद्धा साबित कर विपक्षियों की लंका मे आग भी लगा सकते हैं। रिपोर्ट: फ़ैसल ख़ान (वरिष्ठ एवं स्वतंत्र पत्रकार)