Saharanpur Beggar Child Became Millionaire: सहारनपुर- भीख माँगकर अपना पेट भरने वाला यतीम बच्चा पल भर में बन गया लखपति, कोविड काल में माँ की मृत्यु के बाद हो गया था बेसहारा

Saharanpur Beggar Child Became Millionaire: भीख माँगकर अपना पेट भरने वाला यतीम बच्चा पल भर में बन गया लखपति, कोविड काल में माँ की मृत्यु के बाद हो गया था बेसहारा

 

 

सहारनपुर: Saharanpur Beggar Child Became Millionaire- इंसान की क़िस्मत कब और कैसे बदल जाये? कुछ पता नहीं चलता। ये बात चरितार्थ साबित हुई सहारनपुर के एक यतीम बच्चे पर। छोटी सी उम्र में बच्चे पहले बच्चे के सिर पर से बाप का साया उठ गया था, इसके बाद कोविड काल में छोटी सी उम्र में ही बच्चे के सिर से माँ का भी साया उठ गया, जिसके बाद बच्चा यतीम होकर बिल्कुल सड़क पर आ गया।Saharanpur Beggar Child Became Millionaire

अब मात्र 10 साल का जो एक बच्चा सड़कों पर भीख माँगता आ रहा था, अचानक उसकी क़िस्मत ऐसे चमकी कि देखते ही देखते पलभर में वह फ़कीर बच्चा जो दाने-दाने का मोहताज था और सड़कों पर रातें गुज़ारता आ रहा था वह लखपति अथवा करोड़ बन गया है। क्योंकि किसी फ़िल्मी कहानी की तरह अब इस खोये हुए यतीम बच्चे को उसका परिवार मिल गया है। और उसके बाबा (दादा) द्वारा की वसीयत के अनुसार ज़मीन-जायदाद में आधा हिस्सा भी मिल गया है। (Saharanpur Beggar Child Became Millionaire)

जानिये पूरा मामला क्या है?
यह पूरा मामला है उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद के पांडोली गाँव का। यहाँ हरियाणा के यमुनानगर से शादी होकर आयी इमराना नाम की महिला वर्ष 2019 में पति की मृत्यु होने के बाद ससुरालियों की अनबन के चलते अपने छोटे से बच्चे शाहज़ेब के साथ यमुनानगर चली गयी थी। लेकिन किसी परिस्थितियों में इमराना अपने बच्चे को लेकर उत्तराखण्ड के कलियर शरीफ़ जाकर रहने लगी। (Saharanpur Beggar Child Became Millionaire)

Saharanpur Beggar Child Became Millionaireइमराना जैसे-कैसे कलियर शरीफ़ में रहकर अपना गुज़र-बसर रही थी कि इसी बीच जब कोरोना महामारी आयी तो इमराना की कोविड काल में मृत्यु हो गयी। अब 10 वर्षीय बच्चा शाहज़ेब पूरी तरह यतीम,बेसहारा और तन्हा हो गया। यतीम बच्चा पीरान कलियर शरीफ़ में कभी दुकानों पर बर्तन धोकर कभी भीख माँगकर अपना पेट भरने लगा। (Saharanpur Beggar Child Became Millionaire)

वहीं पिछले कुछ दिनों से पांडोली गाँव के इमराना के ससुराल वाले भी सोशल मीडिया पर शाहज़ेब और उसकी माँ इमराना की तस्वीरें डालकर उनको ढूंढ़ने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान बच्चे शाहज़ेब के छोटे बाबा (दादा) शाह आलम के एक रिश्तेदार कलियर शरीफ़ आये तो उनकी नज़र बाज़ार में घूमते हुए शाहज़ेब पर पड़ी, उन्होंने शाहज़ेब के फ़ोटो से मिलान करके उसका नाम और उसकी माँ का नाम पूछा तो बच्चा वही निकला जिसकी तलाश थी। (Saharanpur Beggar Child Became Millionaire)

रिश्तेदार मोमिन ने बच्चा मिलने की सूचना बच्चे के छोटे बाबा शाह आलम को दी। सूचना पर सहारनपुर के पांडोली से बच्चे के दादा और अन्य लोग अपने पोते शाहज़ेब को अपने साथ सहारनपुर के पांडोली गाँव ले गये। और परिवार में ख़ुशियों का बन गया। ख़बर मिलने के बाद ग्रामीण और सभी रिश्तेदार बच्चे को देखने और परिवार की ख़ुशियों में शामिल होने के लिये आने लगे हैं। (Saharanpur Beggar Child Became Millionaire)

वहीं शाहज़ेब बच्चे के दादा याक़ूब जो हिमाचल प्रदेश के एक सरकारी विद्यालय में शिक्षक थे। वे अपने पोते और पुत्रवधु के खो जाने के ग़म में बुरी तरह से टूट चुके थे।उन्होंने अपने मरने से पहले वसीयत में अपनी जायदाद में से आधा हिस्सा अपने पोते शाहज़ेब के नाम आधा हिस्सा अपने दूसरे बेटे के नाम वसीयत कर दी थी। कि जब भी उनका पोता वापिस आये तो उसकी जायदाद में से आधा हिस्सा उसे दे दिया जाये।
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