Saharanpur News: शिक्षिका से वकील बनी प्रभा सहगल को कड़े संघर्ष से मिला न्याय, प्रधानचार्या सहित 7 शिक्षिकाओं के विरुद्ध एससी/एसटी में वाद दर्ज करने के आदेश

Saharanpur News: दलित शिक्षिका से वकील बनी प्रभा सहगल को कड़े संघर्ष से मिला न्याय, प्रधानचार्या सहित 7 शिक्षिकाओं के विरुद्ध एससी/एसटी में वाद दर्ज करने के आदेश

सहारनपुर: Saharanpur News-
एस डी गर्ल्स इंटर कालेज में अनुसूचित जाति की अंग्रेज़ी की सहायक अध्यापिका श्रीमतीं प्रभा सहगल ने अपने शोषण के विरुद्ध लम्बी लड़ाई लड़ते हुए जहां समाज के समक्ष एक उदाहरण स्थापित किया है वहीं संविधान में प्रदत्त अधिकारों के कारण जीत दर्ज की है।

एस डी गर्ल्स इंटर कालेज सहारनपुर में अनुसूचित जाति के सृजित 31 पदों पर एक भी अध्यापिका की नियुक्ति नही किये जाने पर 13 मई 1995 को एस डी गर्ल्स इंटर कालेज की प्रबन्धन समिति सहित प्रधानचार्या एवम डीआईओएस की गठित चयन समिति ने साक्षात्कार आदि के आधार पर 17 जुलाई 1995 को श्रीमती प्रभा सहगल सहायक अध्यापिका के रूप में कॉलेज में अध्यापन करने लगी। (Saharanpur News)

जिसके क्रम में वेतन भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव बिल सहित डीआईओएस कार्यालय भेजा गया किंतु किसी कारण अनुमोदन न देकर वेतन बिल वापिस कर दिया गया, जिस पर श्रीमती प्रभा सहगल ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दायर याचिका पर कालेज प्रबन्धन का पक्ष जानने के बाद स्थगनादेश निर्गत कर दिया और शिक्षिका के रूप में सेवाएं देने के आदेश भी दिए गए।

उक्त आरक्षण से बनी शिक्षिका से पूर्वाग्रह के कारण और स्थानीय शिक्षक नेताओ के प्रभाव में कॉलेज की अध्यापिकाओं ने विद्वेष/वैमनस्यता/छुआछूत के कारण मानसिक शोषण करते हुए कालेज में प्रवेश के लिए रोका जाने लगा।(Saharanpur News)

इसके सम्बन्ध में श्रीमतीं प्रभा सहगल द्वारा सुरक्षा की मांग की जाने लगी तो छात्राओं से झूठी एवम मनगढ़ंत शिकायते लेकर कथित तौर पर शोषण एवं मानसिक तनाव दिये जाने का सिलसिला जारी रहा, जिसकी पूर्ण जानकारी सम्बंधित थाना सदर बाजार को भी समय-समय पर घटित घटनाओं की दी जाती रही लेकिन दबंग अध्यापिकाओं के प्रभाव में कोई भी कार्यवाही नही हो पाई।

27 जुलाई 2002 को श्रीमती प्रभा सहगल के साथ कालेज की ही शिक्षिकाओं द्वारा कथित तौर पर जातिसूचक शब्दो से सबोधित कड़ते हुए धक्का,मुक्की सहित अभद्रता किये जाने पर थाना सदर बाजार में दर्ज मुक़दमा अपराध संख्या 415/2002 धारा 323, 504,506 ही दर्ज किया गया और एससी/एसटी की धारा को नही जोड़ा गया और आरोप-पत्र में भी एससी/एसटी को नही भेजा गया। (Saharanpur News)

उक्त मुक़दमे में जहां कालेज की 7 शिक्षिकाओं पर क़ानूनी चाबुक चलता देख अनाधिकृत एवं अवैध दबाव मुक़दमा वापिस लिए जाने क़ा बनाया गया और उच्च न्यायालय से भी स्थगनादेश खारिज करा दिया गया, जिसके बाद तत्कालीन डीआईओएस ने 14 अक्टूबर 2014 को कॉलेज में आने से प्रतिबंधित करा दिया गया और कॉलेज में प्रवेश को अवैध घोषित किया गया और उच्च न्यायालय से नये आदेशो तक आदेश को प्रभावी बना दिया गया।

इस पर भी श्रीमती प्रभा सहगल पत्नी जगजीत सहगल ने अपने मे निराश होने के बजाय वकालत की पढ़ाई शुरू कर दी जिसमे उनके पति और परिवार ने भी भरपूर सहयोग दिया और अपनी लड़ाई को खुद ही लड़ने के लिए अधिवक्ता भी बन गयी। सम्बंधित सिविल जज ने आरोप-पत्र में अनुसूचित जाति अधिनियम में भी आरोप-पत्र तैयार करने के आदेश दिए है। (Saharanpur News)

इसमें उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने नियुक्ति प्रकरण की अपील संख्या752/2014 को स्वीकार करते हुए 30 मार्च 2022 के अंतरिम आदेश में दिये है और पूर्ण आदेश सुरक्षित रख लिया है। वहीं आज हुए निर्णय म सम्बंधित न्यायालय में थाने को सात शिक्षिकाओं, प्रधानाचार्य के विरुद्ध एससी/एसटी वाद में मुक़दमा दर्ज करने एवं आगे की विधिक प्रकिया हेतु आदेशित किया है। (Saharanpur News)
रिपोर्ट: अरविन्द नेब-सहारनपुरArvind Neb On Desh Duniya Today
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