Saharanpur Positive News: सहारनपुर में हिन्दू-मुस्लिम वैमनस्यता को दरकिनार कर मुस्लिम परिवार बनाता है रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले
Saharanpur Positive News: सहारनपुर में हिन्दू-मुस्लिम वैमनस्यता को दरकिनार कर मुस्लिम परिवार बनाता है रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले
सहारनपुर: Saharanpur Positive News-सहारनपुर में बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में रावण दहन के लिये 60 फीट, 55 फीट और 50 फीट ऊँचे रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले लगभग बनकर तैयार हैं। विशेष बात यह है कि सहारनपुर में इन विशाल पुतलों को पिछले लगभग 50 वर्षों से एक मुस्लिम परिवार ही बनाता आ रहा है। इस बार भी ये मुस्लिम परिवार पिछले एक महीने से पुतले बनाने में लगा हुआ है।
क्योंकि आज जहाँ एक ओर कुछ लोग हिंदू-मुस्लिम की बात कर लोगों को भड़काने का काम करते हैं। वहीं सहारनपुर का एक मुस्लिम परिवार ऐसा भी है जिसकी रोजी-रोटी का बहाना रावण और उसके परिवार के पुतले बनाना रहता है। यह मुस्लिम परिवार पिछले लगभग 50 वर्षो से पीढ़ी दर पीढ़ी रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले बनाता चला आ रहा है। (Saharanpur Positive News)

मोहम्मद आरिफ़, मोहम्मद सलमान, शाहनवाज़ अहमद, दिलनवाज़ अहमद,
इस परिवार के मुस्लिम कारीगर मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद सलमान और दिलनवाज़ और शाहनवाज़ अहमद का कहना है कि “उन्हें हिन्दू-मुस्लिम वैमनस्यता से कोई सरोकार नहीं है। यह उनका व्यवसाय है और वे अपने इस व्यवसाय को बिना धार्मिक भेदभाव के संपन्न करते हैं। इनका कहना है कि इन पुतलों को बनाने के काम मे उन्हें एक आनंद की अनुभूति होती है।” (Saharanpur Positive News)

महेन्द्र तनेजा
वहीं इन मुस्लिम लोगों से पुतले बनवाने वाले सहारनपुर के श्रीकृष्णराम नाटक क्लब के अध्यक्ष महेन्द्र तनेजा का कहना है कि पिछले 4 वर्षों से तो वे इस रामलीला क्लब कर अध्यक्ष होते इन मुस्लिम लोगों से पुतले बनवा रहे हैं लेकिन ये मुस्लिम परिवार पुराने समय से ही ये पुतले बनाता है, अब ये काम मोहम्मद आरिफ कर रहे हैं इससे पहले इनके बाप दादा बनाते थे। (Saharanpur Positive News)
महेन्द्र तनेजा का कहना है कि “उन्होंने कभी इस बात को नहीं सोचा कि हिन्दू त्योहार पर मुस्लिम कारीगर पुतले क्यों बनाता है? बल्कि जिस स्वच्छ और पुनीत सोच के हम इस मुस्लिम परिवार से पुतले बनवाते हैं ये लोग भी उसी स्वच्छ सोच के साथ पूरी तन्मयता से ये पुतले बनाने का काम करते हैं।” (Saharanpur Positive News)
रिपोर्ट: राव फ़रहाद पुण्डीर उर्फ़ फ़रमात (मुख्य संपादक)
सहयोगी रिपोर्टर: नजम मंसूरी
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