लखीमपुर खीरी काण्ड थी सोची समझी साजिश, SIT ने मन्त्री के बेटे आशीष मिश्रा पर बढ़ाई कई संगीन धाराएं-SIT investigation report of Lakhimpur Kheri case
लखीमपुर:
लखीमपुर खीरी काण्ड के 3 माह बाद SIT की जाँच में एक बड़ा ख़ुलासा हुआ है, जाँच टीम ने इसे हत्या की सोची समझी साजिश बताते हुए घटना के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा सहित सभी आरोपियों पर कई संगीन धारायें बढ़ा दी हैं। जिस में धारा-307, धारा-326 और धारा-34 शामिल है। साथ ही SIT ने बढ़ाई गई धाराओं में आरोपियों की रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दे दी है, इस अर्जी पर कोर्ट ने मंगलवार को घटना के सभी आरोपियों को तलब किया है।
SIT ने अपनी विवेचना के दौरान पाया है कि आरोपियों पर धारा 304-A, 279 व धारा- 338 का अपराध नहीं बनता है, SIT ने मुक़दमे से धारा-304 A, 338 और धारा-279 को हटा दिया है। (SIT investigation report of Lakhimpur Kheri case)
विदित हो कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में विगत 3 अक्टूबर को 4 किसानों और एक पत्रकार की हत्या के आरोप में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पर मुक़दमा दर्ज किया गया था, आशीष मिश्रा पर धारा-302, धारा-304A, धारा-147, धारा-148, धारा-149, धारा-279, धारा-338 व धारा-120B लगाई थी। SIT ने इन्हीं धाराओं के अंतर्गत आशीष मिश्रा,अंकित दास व सुमित जायसवाल सहित सभी आरोपियों को जेल भेज दिया था, SIT इस मामले की जाँच में जुटी है। (SIT investigation report of Lakhimpur Kheri case)
SIT ने अपनी जाँच में पाया कि “जेल में बंद सभी आरोपियों ने धारा-307, धारा-326 (अंग-भंग करना) और धारा-34 (एक राय) का अपराध किया है। SIT ने मुक़दमे में धारा-34, धारा-307 और धारा-326 बढ़ा दी है और बढ़ाई गई धाराओं में आरोपियों की रिमांड लेने के लिए भी कोर्ट में अर्जी दाख़िल कर दी है।
इस संबंध में मुख्य जाँच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने स्पष्ट किया है कि “यह लापरवाही व उपेक्षापूर्वक गाड़ी चलाते हुए दुर्घटनावश मृत्यु का का मामला नहीं है बल्कि एक सोची और समझी साजिश के चलते भीड़ को कुचलने,हत्या करने और हत्या की कोशिश करने के साथ ही अंग-भंग करने की साजिश का मामला है।” (SIT investigation report of Lakhimpur Kheri case)