Strike Ban In Parliament: अब संसद भवन परिसर में धरना, भूख़ हड़ताल इत्यादि पर रोक, मोदी सरकार पर भड़की कांग्रेस
नई दिल्ली: Strike Ban In Parliament
मोदी सरकार ने अब संसद भवन परिसर में संसद सदस्य धरना और भूख़ हड़ताल करने के प्रयोग पर पाबन्दी लगा दी है। जिसके बाद मुख्य विपक्षी पार्टी काँग्रेस मोदी सरकार के इस आदेश पर भड़क गई है। काँग्रेस पार्टी ने सरकार के इस आदेश को लेकर कड़ी आपत्ति जतायी है।
राज्यसभा के महासचिव पी.सी मोदी की की तरफ़ से जारी इस आदेश में संसद भवन परिसर में सांसदों के धरने और भूख़ हड़ताल करने पर पाबन्दी लगाने की बात कही गई है। मोदी सरकार की तरफ़ से जारी इस आदेश में कहा गया है कि “अब संसद सदस्य संसद भवन परिसर का उपयोग किसी प्रकार के भी धरने अथवा हड़ताल के लिये नहीं कर सकेंगे।
सोमवार से आरम्भ हो रहे संसद के मानसून सत्र से पूर्व मोदी सरकार द्वारा जारी किये गये इस आदेश पर जैसे एक बड़ा विवाद पैदा हो गया है, इसको देखते हुए संसद के मानसून सत्र में काफ़ी हंगामा होने की आशंका जताई जा रही है। लेकिन अब देखना होगा कि मोदी सरकार द्वारा संसद परिसर में धरना देने पर जो पाबन्दी लगायी गयी है। विपक्ष इस आदेश को कितना मानेंगे या नहीं। (Strike Ban In Parliament)
बता दें कि इस से पूर्व हाल ही में असंसदीय शब्दों की एक लिस्ट को लेकर भी ख़ासा विवाद हो चुका है। अब विपक्ष की ससंद सत्र के लिये की गयी तैयारियों को देखते हुए सोमवार से शुरु हो रहे मानसून सत् में काफी हंगामा होने के आसार नज़र आ रहे हैं। इस बार के संसद सत्र के विपक्ष के पास बढ़ती अग्निपथ स्कीम, मँहगाई, बेरोज़गारी और नूपुर शर्मा की टिप्पणियों जैसा काफ़ी मसाला है जिनको लेकर विपक्ष सरकार पर ख़ूब हमलावर हो सकती है।
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेसी ने जतायी कड़ी आपत्ति-
राज्यसभा महासचिव पी.सी मोदी की तरफ़ से जारी इस संसद भवन परिसर में धरना पर प्रतिबन्ध लगाने वाले आदेश पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है। काँग्रेस पार्टी के मीडिया सेल के प्रभारी जयराम रमेश ने एक ट्वीट के माध्यम से मोदी सरकार के इस आदेश को लेकर तंज किया है। जयराम रमेश ने आदेश की इस चिट्ठी को ट्वीट करते हुए लिखा है कि “विश्वगुरु की नवीनतम सलाह.. धरना मना है।” (Strike Ban In Parliament)
Vishguru's latest salvo — D(h)arna Mana Hai! pic.twitter.com/4tofIxXg7l
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 15, 2022
वे कौन से असंसदीय शब्द जिन पर हुआ विवाद?
आपको बता दें कि संसद परिसर में धरने पर पाबन्दी लगाने वाले आदेश पर उपजे विवाद से पूर्व लोकसभा सचिवालय की तरफ़ से जारी एक लिस्ट को लेकर भी बहुत बड़ा विवाद पैदा हो गया था। सचिवालय की तरफ़ से जो असंसदीय शब्दों की सूची जारी हुई थी जिनका प्रयोग लोकसभा और राज्यसभा में प्रयोग करना वर्जित होने की बात सामने आयी है वें मुख्य शब्द हैं…तानाशाह, शकुनी, जुमलाजीवी, जयचन्द, विनाश पुरुष, ख़ूनन की खेती इत्यादि। (Strike Ban In Parliament)
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस मुद्दे को लेकर दी सफ़ाई– लेकिन इन शब्दों की सूची पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि “कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं हैं। ओम बिरला ने ने विपक्ष के इन आरोपों को निराधार बिल्कुल निराधार बताते हुए किसी प्रकार का भ्रम न पैदा करने की अपील की है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि “किसी भी शब्द को प्रतिबन्धित नहीं किया गया है।”
ओम बिरला ने कहा “1954 ई. से ही ऐसे असंसदीय शब्दों की बुकलेट सचिवालय की तरफ़ से तैयार की जाती आ रही है। और इस ‘बुकलेट’ में पहले से ही ऐसे ऐसे शब्दों को शामिल किया जाता रहा है।” ऐसे शब्दों के प्रतिबन्ध आरोप लगाने वालों को संसदीय परम्परा की पूरी जानकारी नहीं है।” ओम बिरला ने कहा कि “असंसदीय शब्दों का कोष लगभग 1100 पन्नों का है, वर्ष-2009 से ही इसे हर वर्ष जारी किया रहा है।” (Strike Ban In Parliament)
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