विजय माल्या,नीरव मोदी पैसा देने को राज़ी हैं तो सरकार क्यूँ नहीं लेती: Supreme Court
नई दिल्ली:
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने बैंकों से धोखाधड़ी,फर्ज़ीवाड़ा कर देश छोड़कर विदेश भागने वालों के संबंध में केन्द्र सरकार से पूछा है कि “यदि डिफॉल्टर्स बैंकों का पैसा देने को राज़ी हैं तो केन्द्र सरकार इस दिशा में कोई क़दम क्यूँ नहीं उठार रही है?” भले ही केन्द्र सरकार इन बक़ायेदारों के प्रत्यर्पण व वसूली के पीछे अपना क़ीमती समय और करोड़ों रुपये बर्बाद कर रही हो तो फ़िर भी ऋण चुकाने के प्रस्ताव को क्यूँ न स्वीकार किया जाये?
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा था कि “यदि विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े लोग अपना बक़ाया ऋण चुकाने को तैयार हैं तो क्यूँ न उन्हें भारत वापस बुलाना चाहिए और उनके विरुद्ध यहाँ चल रहे सभी आपराधिक मामलों को वापस नहीं लिया जाना चाहिये?” सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार और वित्तीय लेनदारों, बैंकों व अन्य पक्षों के इन मामले पर विचार करने को कहा है।
इस संबंध में जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस एम.एम सुन्दर ने मंगलवार को कहा था कि CBI और ED (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा उन दर्ज़नों व्यापारियों,क़ारोबारियों के विरुद्ध कई मामलों में मुक़दमें चलाये हुए हैं जो बैंकों से हज़ारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर देश छोड़ विदेश भाग गए थे और उन्हें वापस लाने के लिये वर्षों से कड़ी मेहनत कर रहे थे..ऐसे में यदि यें डिफाल्टर क़ारोबारी बैंकों का पैसा वापस करने के लिए तैयार हैं तो क्यों न उनसे पैसा लेकर उनके ऊपर लगे सारे केस वापस ले लिए जायें?”
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट 1200 करोड़ रुपये के ग़बन के एक आरोपी ‘स्टर्लिंग ग्रुप’ के हेमन्त हाथी के विरुद्ध मंगलवार को एक मामले की सुनवायी कर रही थी। इस मामले के सभी आरोपी देश छोड़कर विदेश भागे हुए हैं। हेमन्त हाथी ने अपने वकील के माध्यम से कहलवाया है कि “वे पैसा लौटाने को तैयार हैं लेकिन उसे सरकार और कोर्ट की ओर से यह आश्वासन चाहिये कि जब वह भारत लौटेगा तो उसके विरुद्ध सभी मामले वापस ले लिये जायेंगे और भविष्य में उसे परेशान नहीं किया जायेगा।”
आरोपी हेमन्त हाथी ने कहा कि “उन पर बैंकों का लगभग 1500 करोड़ रुपये बक़ाया है,इस में से उन्होंने 500 करोड़ रुपये वापस भी कर दिये हैं। और अब वे बैंकों को शेष 200 करोड़ रुपये लौटाने को भी तैयार हैं।” हेमन्त हाथी की इस प्रस्ताव को माननीय सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने स्वीकार कर लिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के बयान पर CBI की तरफ़ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी राजू ने कहा कि “यदि व्यवसायी पैसा लौटने को तैयार है तो CBI एजेंसी को भी इसमें कोई समस्या नहीं है।
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