Supreme Court का योगी सरकार को अल्टीमेटम, CAA का विरोध करने वालों के विरुद्ध जारी नोटिस तत्काल लें वापस
नई दिल्ली:
यूपी विधानसभा चुनाव के बीच प्रदेश को योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा झटका देते हुए अल्टीमेटम देते हुए कहा कहा है कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत के इस आदेश की अवहेलना की तो इसे क़ानून का उल्लंघन माना जायेगा।
दरअसल यह मामला वर्ष-2019 में हुए CAA के विरोध से जुड़ा है जब प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था तो योगी सरकार ने ऐसा करने वालों के विरुद्ध आंदोलनकारियों की संपत्ति को ज़ब्त कर नुकसान की भरपाई के लिए वसूली के लिए आरोपियों को नोटिस भेजे थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हीं नोटिसों को लेकर कहा है कि इस तरह की कार्यवाही को तत्काल वापस लिया जाये।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ व जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि “आपको (यूपी सरकार) अन्तिम मौक़ा दिया जा रहा है कि जो धन वसूली के नोटिस भेजे गए हैं उन्हें तत्काल वापस लिया जाये नहीं तो अदालत ही क़ानून का उल्लंघन करने वाली इस वसूली की कार्यवाही को निरस्त कर देगा।”
पीठ ने कहा कि “आपको (योगी सरकार) क़ानून के अंतर्गत तय प्रक्रिया का पालन करना होगा, कृपया इसकी जाँच करें और हम 18 फरवरी 2022 तक आपको अन्तिम मौक़ा दे रहे हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए कहा कि “उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपियों की संपत्तियों को कुर्क करने के लिये कार्यवाही करने में “शिकायतकर्ता, निर्णायक व अभियोजक” इन तीनों का स्वयं ही काम किया है।”
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार को अन्तिम चेतावनी देने की यह बात परवेज़ आरिफ़ की याचिका पर सुनवायी के दौरान कही। इस याचिका में CAA के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपायी हेतु ज़िला प्रशासन द्वारा कथित प्रदर्शनकारियों को भेजे गये नोटिस को रद्द करने की माँग की थी।
इस याचिका में कहा गया है कि यें नोटिस मनमाने तरीक़े से भेजे गये हैं जिसमें ऐसे उदाहरणों का हवाला भी दिया गया है जहाँ एक ऐसे व्यक्ति को नोटिस भेजा गया था जिसकी 6 वर्ष पूर्व 94 वर्ष की आयु में मृत्यु भी हो चुकी थी। साथ ही 90 वर्ष से अधिक आयु के 2 व्यक्तियों सहित कई और अन्य लोगों को भी नोटिस भेजा गया था।