There may be another farmers’ movement in the country: किसानों के ट्रैक्टरों ने फ़िर बढ़ाई सरकार की चिन्ता, देश में एक और किसान आन्दोलन की आहट

किसानों के ट्रैक्टरों ने फ़िर बढ़ाई सरकार की चिन्ता, देश में एक और किसान आन्दोलन की आहट-There may be another farmers’ movement in the country

नई दिल्ली: There may be another farmers’ movement in the country- किसान आंदोलन की पहचान बन चुके ट्रैक्टरों ने अब एक बार फ़िर से केन्द्र सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। ट्रैक्टरों को लेकर एक नये किसान आंदोलन की नींव की पढ़ने की संभावना दिखने लगी है। दरअसल ‘नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल'( NGT ) के आदेश पर 1 अप्रैल 2022 से NCR (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में 10 वर्ष पुराने डीज़ल वाहनों व 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों को चलाने पर रोक लगने जा रही है। अब सरकार के इस नये निर्णय की चपेट में किसानों की खेती-बाड़ी में काम आने वाला सब से महत्वपूर्ण साधन ‘ट्रैक्टर’ भी आ रहा है।There may be another farmers' movement in the country

किसान सरकार से ट्रैक्टरों को इस आदेश से बाहर निकालने की माँग कर रहे हैं लेकिन फ़िलहाल NGT के रूख़ को देखते हुये ऐसा नहीं लग रहा है कि किसानों के ट्रैक्टर इस आदेश से बाहर हो जायेंगे। लेकिन यदि किसानों के ट्रैक्टर को इस आदेश से छूट नहीं मिलती तो इस से NCR के कुल 55,083 वर्ग कि.मी के दायरे में आने वाले बड़ी संख्या में किसान प्रभावित होंगे। (There may be another farmers’ movement in the country)

हालांकि यह आदेश अभी लागू तो नहीं हुआ है लेकिन जैसे-जैसे इस आदेश की तारीख़ नज़दीक आती जा रही है वैसे-वैसे ही इस आदेश की आँच सरकार को भी महसूस होने लगी है। क्योंकि हरियाणा के करनाल में इस मुद्दे को लेकर किसान प्रदर्शन कर सरकार को आगाह कर चुके हैं। विदित हो कि इससे पहले भी किसानों को पराली से होने वाले प्रदूषण के नाम पर काफ़ी बदनाम किया जा चुका है और अब प्रदूषण के नाम पर किसानों के ट्रैक्टर्स भी शिकार होने जा रहे है ऐसे में मुमकिन हैं कि किसान अपने खेती में काम आने वाले ट्रैक्टर्स को बचाने के लिए ज़रूर खड़े होंगे। (There may be another farmers’ movement in the country)There may be another farmers' movement in the country

बता दें कि फ़रवरी माह में ही हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा था कि “NGT के आदेश को सख़्ती से लागू किया जायेगा।” सीएम मनोहर लाल खट्टर के इस कथन को लेकर हरियाणा के किसानों में भारी नाराज़गी देखी जा रही है। किसानों का कहना है कि “वे इस क़ानून को किसी भी सूरत में हरियाणा में लागू नहीं होने देंगे.. सरकार को कृषि क़ानूनों की तरह ही NGT के इस आदेश को भी वापस लेना होगा।” किसानों का कहना है कि “इस समय ट्रैक्टर 10 लाख रुपये से कम नहीं आता है…अगर किसानों को हर 10 वर्ष बाद नया ट्रैक्टर लेना पड़ेगा तो किसान कैसे इतना ख़र्च झेल पायेगा?..इस से तो खेती-किसानी और किसानों पर एक नई आर्थिक मार पड़ेगी और इससे तो ज़मीनें बिकने की नौबत आ जायेगी। (There may be another farmers’ movement in the country)

आपको बता दें कि NCR में सब से ज़्यादा क्षेत्र 25,327 वर्ग किलोमीटर हरियाणा का आता है। और यह NCR के कुल क्षेत्रफल का लगभग 45.98 प्रतिशत है। इसके बाद यूपी का 26.92 प्रतिशत और राजस्थान का 24.41 प्रतिशत भाग आता है इसलिए 10 वर्ष पुराने वाहनों को लेकर सब से अधिक चिन्ता हरियाणा के किसानों की है। वैसे भी हरियाणा के किसान उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों के मुकाबले ज़्यादा सम्पन्न और ज़्यादा मुखर हैं। (There may be another farmers’ movement in the country)There may be another farmers' movement in the country

ऐसे में फ़िलहाल तो NGT के इस आदेश पर हरियाणा सरकार की ही ज़्यादा चिन्ता बढ़ती दिखाई दे रही हैं। क्योंकि किसानों के विरोध के बाद ही हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने कहा है कि “NCR में 10 वर्ष पुराने डीज़ल तथा 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगाने के लिये जारी की गई नई पॉलिसी में किसानों में ट्रैक्टर को शामिल न किये जाने के बारे में वे केंद्र सरकार से बातचीत करेंगे। लेकिन अब देखना यह है कि हरियाणा सरकार इस मुद्दे पर अपने किसानों को कितनी राहत दिला पायेगी? या नहीं। (There may be another farmers’ movement in the country)

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