Last updated on 2023-07-20
Uttarakhand Interfaith Marriage Postponed: बड़ी ख़बर: अब नहीं होगी बीजेपी नेता की हिन्दू बेटी और मुस्लिम युवक की शादी.. हिन्दुत्वादियों के विरोध के बाद शादी हुई स्थगित
पौड़ी गढ़वाल: Uttarakhand Interfaith Marriage Postponed- पिछले कई दिनों से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की चर्चित बीजेपी नेता की हिन्दू लड़की व उत्तर प्रदेश के मुस्लिम युवक की शादी हिन्दुत्वादियों के विरोध के विरोध के बाद स्थगित हो गयी है।
इन दोनों की शादी का कार्ड इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, और पूरे देश में इस अंतर्धार्मिक विवाह के इस कार्ड की चर्चा हो रही है। लेकिन अब हिन्दुत्वादियों के विरोध और सोशल मीडिया पर लड़की के पिता और बीजेपी नेता को ट्रॉल किये जाने के बाद यह शादी फ़िलहाल के लिये टाल देने की ख़बरें आ रही हैं। (Uttarakhand Interfaith Marriage Postponed)
हालांकि हम यह दावा नहीं करते कि हिन्दुत्वादियों के दबाव के चलते यह शादी स्थगित कर दी ही गयी है या नहीं लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार लड़की पिता व बीजेपी नेता यशपाल बेनाम के हवाले से बताया जा रहा है कि लड़की के पिता ने शादी का कार्ड वायरल होने के बाद जो उत्तराखंड और देश के लोगों द्वारा इस शादी पर आपत्ति जताई जा रही उसको ध्यान में रखते हुए बाद फ़िलहाल उन्होंने इस शादी समारोह को स्थगित करने का फ़ैसला लिया गया है। (Uttarakhand Interfaith Marriage Postponed)
कथित तौर पर लड़की के पिता यशपाल बेनाम का कहना है कि यह बिल्कुल सही है कि उनकी बेटी ने दूसरे धर्म के युवक के साथ विवाह करने का निर्णय लिया है और वे अपनी बेटी की भावनाओं को देखते हुए इस समारोह को पौड़ी में करने जा रहे थे, लेकिन जिस तरह से धार्मिक संगठनों द्वारा इस समारोह का विरोध करने का निर्णय लिया गया तो उन्होंने लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस समारोह को स्थगित करने का निर्णय लिया है। (Uttarakhand Interfaith Marriage Postponed)
हालाँकि बीजेपी नेता और लड़की के पिता यशपाल बेनाम का कहना है कि यह शादी उनकी बेटी के निर्णय और परिवार की सहमति से तय हुई थी, और वे आज भी आज भी बेटी के निर्णय का समर्थन करते हैं। लेकिन फ़िलहाल उन्होंने इस विवाह को स्थगित करने का निर्णय लिया है। (Uttarakhand Interfaith Marriage Postponed)
संबंधित ख़बर पढ़ें- उत्तराखण्ड में हिन्दू बीजेपी नेता की बेटी की मुस्लिम से शादी पर मचा बवाल, हिन्दुत्वादी संगठनों और संत समाज का फूटा ग़ुस्सा