Was Jesus Christ A Hindu? एक और नया धार्मिक शिगूफ़ा: स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने दावा किया है कि ईसा मसीह हिन्दू थे और कई साल भारत में रहे पूरी शंकराचार्य के सम्पर्क में

Was Jesus Christ A Hindu? एक और नया धार्मिक शिगूफ़ा: स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने दावा किया है कि ईसा मसीह हिन्दू थे और कई साल भारत में रहे पूरी शंकराचार्य के सम्पर्क में

 

रायपुर, छत्तीसगढ़: Was Jesus Christ A Hindu- भारत में हिंदुत्व के ठेकेदार रोज़ कोई न कोई धार्मिक शिगूफ़ा छोड़ते रहते हैं। अब पुरी के गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि “ईसा मसीह हिन्दू थे, और वे पूरे 10 वर्षों तक भारत में रहे, तथा ईसा मसीह 3 वर्षो तक ओडिशा के पुरी में शंकराचार्य के सम्पर्क में भी रहे।”Was Jesus Christ A Hindu

स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने कहा कि “ईसा मसीह वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायी थे।” स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने अपनी इस बात को साबित करने के लिये यह दलील भी दी है कि विदेश में वैष्णव तिलक लगाई हुए ईसा मसीह की प्रतिमा इस बात का सबूत है कि ईसा मसीह हिन्दू थे। (Was Jesus Christ A Hindu)

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यह बात छत्तीसगढ़ के रायपुर के सुदर्शन संस्थान में आयोजित एक पत्रकारवार्ता के दौरान कही। स्वामी निश्चलानन्द ने हिन्दू राष्ट्र मुद्दे और स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द पर भी बयान देते हुए कहा कि “स्वर्ण और एससी-एसटी जैसे शब्दों को तो देश के राजनेताओं ने जन्म दिये हैं। इसी व्यवस्था के चलते सनातनी और हिन्दू आपस में ही लड़ते हैं। जिसका फ़ायद राजनेताओं को होता है। (Was Jesus Christ A Hindu)

जबकि ख़ुद शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द ने ज्योतिष पीठ के नव नियुक्त शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द को भी धर्माचार्य मानने से बिल्कुल स्पष्टभी इनकार कर दिया है। स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने कहा कि “धर्माचार्य नियुक्त होने के लिये योग्यता चाहिये, और अविमुक्तेश्वरानन्द में धर्माचार्य बनने की योग्यता नहीं है।” (Was Jesus Christ A Hindu)

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द ने कहा कि “किसने उन्हें (अविमुक्तेश्वरानन्द को) धर्माचार्य का प्रमाणपत्र दिया..? मैं किसी व्यक्ति की बात नहीं करता हूँ। वे जब 6 वर्ष के थे, मैं तब से उन्हें जानता हूँ। जबकि धर्माचार्य उसे कहते हैं जो। कि धर्म को विधिवत जानता हो और उसका पालन सही से करता हो, जिसमें धर्म को विश्व के सामने प्रस्तुत करने की क्षमता हो और साथ ही समाज को सन्मार्ग पर ले जाने का बल व सामर्थ्य रखता है। वास्तव में वही धर्माचार्य होता है।”

इसके अलावा शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द ने बौद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार भी मानने से भी इनकार किया है। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द ने कहा कि “भागवत आदि ग्रंथों में जिस बौद्ध अवतार की बात कही गयी है, वह दूसरे बुद्ध हैं न कि गौतम बुद्ध। (Was Jesus Christ A Hindu)

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द ने कहा कि “हमारे शास्त्रों में जिस बुद्ध का वर्णन है, वह ब्राह्मण कुल में उत्पन्न हुए। जबकि दूसरे बुद्ध (गौतम बुद्ध) का जन्म नेपाल के क्षत्रिय कुल में हुआ। बस दोनों में एक ही समानता है कि दोनों का गोत्र गौतम है।” (Was Jesus Christ A Hindu)
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