What Are 3 New Laws Of Amit Shah:
नई दिल्ली: What Are 3 New Laws Of Amit Shah- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में पुराने क़ानूनों में सुधार के लिये 3 विधेयक पेश किये। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विधेयक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को बदल देंगे और भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने की भावना लायेंगे।
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मैं आज जो तीन विधेयक पेश कर रहा हूं, उनमें आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए सिद्धांत कानून शामिल हैं. गृहमंत्री ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक और भारतीय साक्ष्य विधेयक पेश किये। (What Are 3 New Laws Of Amit Shah)
यें तीनों विधेयक भारतीय दण्ड संहिता (IPC)-1860, आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम-1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872 की जगह लेंगे. उन्होंने कहा कि हम इन कानूनों को ख़त्म कर देंगे, जो अंग्रेज़ों द्वारा लाए गए थे।
भारतीय दण्ड संहिता में 13 बदलाव किये गये हैं। जो इस प्रकार है।👇 (नोट: यह ख़बर आजतक मीडिया के हवाले लिखी गयी है) (What Are 3 New Laws Of Amit Shah)
1. नये विधेयक में रेप के मामलों में सज़ा बढ़ायी गयी है। इसमें न्यूनतम सज़ा जो पहले 7 साल थी, अब 10 साल कर दी गई है।
2. नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में नया कानून बनाया गया है. लिहाजा नाबालिग के साथ रेप की सजा को बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया. यह आजीवन कारावास की सजा है. रेप के क़ानून में एक नया प्रावधान शामिल किया गया है, जो परिभाषित करता है कि विरोध न करने का अर्थ सहमति नहीं हो सकती। इसके अलावा ग़लत पहचान बताकर यौन सम्बंध बनाने वाले को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। (What Are 3 New Laws Of Amit Shah)
3. नए कानून के तहत नाबालिग से गैंगरप पर मौत की सज़ा का प्रावधान किया गया है।
4. रेप विक्टिम्स की पहचान को बचाने के लिए नया कानून बनाया गया है.
5. अप्राकृतिक यौन अपराध की धारा- 377 को अब पूरी तरह से ख़त्म कर दिया गया है। अब पुरुषों को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिये कोई क़ानून नहीं रह गया है। मीडिया में आ रही ख़बरों के अनुसार नये क़ानून के तहत अब पुरुषों के विरुद्ध होने वाले अप्राकृतिक यौन अपराधों के लिये किसी सज़ा का कोई प्रावधान नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने धारा-377 के तहत अपने निर्णय में कहा था कि “सहमति देने वाले वयस्कों पर अप्राकृतिक कृत्यों के लिये मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता। (What Are 3 New Laws Of Amit Shah)
6. बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों के लिये अब एक नया चैप्टर जोड़ा गया है, जिसमें परित्याग, बच्चे के शरीर का निपटान व बाल तस्करी आदि शामिल हैं।
7. लापरवाही से मौत की सज़ा 2 वर्ष से बढ़ाकर 7 वर्ष कर दी गयी है।
8. संगठित अपराध के विरुद्ध नये क़ानून का प्रावधान किया गया है। इसके परिणाम स्वरूप यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो मृत्युदण्ड की सज़ा होगी।
9. आतंकवाद के विरुद्ध भी अब एक नया क़ानून के तहत मृत्यु की सज़ा का प्रावधान किया गया है।
10. राजद्रोह के क़ानून को अब भारत की एकता, संप्रभुता व अखण्डता को ख़तरे में डालने वाले कृत्य के रूप में परिभाषित किया गया है। इसके लिये न्यूनतम सज़ा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 7 वर्ष कर दिया गया है।
11. नये क़ानून के अन्तर्गत भारत में सज़ा के नये रूप में सामुदायिक सेवा की शुरुआत की गयी है।
12. वहीं IPC में भी बदलाव के तहत महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर भी नया चैप्टर सम्मिलित किया गया है।
13. मैरिटल रेप एक ऐसा अपवाद है, जो कि अभी तक अछूता रहा है, लेकिन भारत में वैवाहिक बलात्कार अभी भी कोई अपराध नहीं है।
गृहमन्त्री अमित शाह ने कहा कि “भारतीय न्याय संहिता विधेयक में ऐसे प्रावधान हैं, जो कि राजद्रोह को निरस्त करने व मॉब लिंचिंग और नाबालिगों से बलात्कार जैसे अपराधों के लिये अधिकतम मृत्युदण्ड देने का प्रावधान करते हैं। (What Are 3 New Laws Of Amit Shah)
विधेयक में छोटे अपराधों के लिये दण्ड के रूप में पहली बार सामुदायिक सेवा प्रदान करने का भी प्रावधान है। विधेयक में अलगाव, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियां, अलगाववादी गतिविधियां या भारत की संप्रभुता, एकता व अखण्डता को ख़तरे में डालने जैसे नये अपराधों को भी सूचीबद्ध किया गया है। (What Are 3 New Laws Of Amit Shah)
गृहमन्त्री अमित शाह ने आज लोकसभा में कहा कि “मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि ये विधेयक हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली को बदल देंगे। हमारा उद्देश्य दण्ड देना नहीं, बल्कि न्याय प्रदान करना होगा। अपराध रोकने की भावना पैदा करने के लिये दण्ड दिया जायेगा।” (What Are 3 New Laws Of Amit Shah)
उन्होंने कहा कि “अंग्रेजों द्वारा बनाये गये क़ानून ग़ुलामी के संकेतों से भरे हुये थे, जिनका उद्देश्य उनके शासन का विरोध करने वालों को दण्डित करना था। (What Are 3 New Laws Of Amit Shah)
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